Edited By Kamini,Updated: 19 Feb, 2025 07:04 PM
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बाबा बालक नाथ के भक्तों के लिए जरूर खबर सामने आई है।
पंजाब डेस्क : बाबा बालक नाथ के भक्तों के लिए जरूर खबर सामने आई है। दरअसल, हर साल देश-विदेश से लाखों लोग इस मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं। बाबा जी का एक माह तक चलने वाला मेला 14 मार्च से शुरू होने जा रहा है। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के दियोटसिद्ध क्षेत्र में बाबा बालक नाथ मंदिर से मिलने वाले रोट प्रसाद को लेकर अहम जानकारी मिली है।
यह पुरानी परंपरा के अनुसार रोट प्रसाद भक्तों द्वारा बाबा बालक नाथ जी को अर्पित किया जाता है। भक्तजन इस प्रसाद को अपने घर ले जाते हैं और बाद में खाते हैं। स्थानीय व्यापारियों के प्रवक्ता ने बताया कि रोट बनाने वाले दुकानदारों को अब पैकेट पर इसकी तारीख लिखनी होगी। अब भक्त रोट प्रसाद 20 दिन से ज्यादा नहीं रख पाएंगे। क्योंकि, स्थानीय व्यापारियों ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि, बाबा बालक नाथ मंदिर के बाहर बेचे जाने वाला प्रसाद तैयार होने की तिथि से केवल 20 दिनों तक ही खाने योग्य रहेगा।
मिली जानकारी के अनुसार, सोलन जिले के कंडाघाट स्थित समग्र परीक्षण प्रयोगशाला की रिपोर्ट के अनुसार 3 माह पहले दियोटसिद्ध स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट की दुकान पर प्रसाद के रूप में बेचा गया रोट खाने योग्य नहीं पाया गया। सैंपल असफल होने के बाद, देओटसिद्ध व्यापार बोर्ड ने शेल्फ लाइफ निर्धारित करने के लिए 'रोट' सैंपल की शूलिनी विश्वविद्यालय में जांच कराई। रिपोर्ट के अनुसार, ये 'रोट्स' 20 दिनों तक खाने योग्य रहते हैं। नमी और रसायनों के आधार पर, परिणाम कहते हैं कि 'रोट' पकने की तिथि के 20 दिन बाद तक खाने योग्य नहीं रहता है। रोट गेहूं, चीनी और देसी या बनस्पति घी से बनाया जाता है।
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