Edited By Vatika,Updated: 19 Feb, 2025 03:56 PM
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अमेरिका से लगातार गैर-कानूनी भारतीयों को डिपोर्ट करने की खबरें आ रही है
पंजाब डेस्कः अमेरिका से लगातार गैर-कानूनी भारतीयों को डिपोर्ट करने की खबरें आ रही है। इसी बीच बड़ी खबर सामने आ रही है कि अब 100 या 200 नहीं बल्कि 14 लाख से अधिक पंजाबियों को अमेरिका से निकाले जाने की तैयारी की जा रही है। पता चला है कि देश निकाले की तलवार अमेरिका में रह रहे 14 लाख से अधिक पंजाबियों पर लटक रही है।
सूत्रों अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक 20 इमिग्रेशन न्यायाधीशों को बर्खास्त कर दिया है। इस फैसले से उन 3.5 मिलीयन लोगों में चिंताएं बढ़ गई है, जिन्होंने वहां रिफ्यूजी के तौर पर स्टे के लिए अर्जी दी थी। कहा जा रहा है कि उक्त जजों की बर्खास्तगी से मामलों में और देरी होने की संभावना है, जिससे अमेरिका में सालों से रह रहे पंजाबी मूल के करीब 14 लाख लोगों के लिए देश निकाले का खतरा बढ़ा जाएगा। बता दें कि गैर कानूनी ढंग से अमेरिका गए 332 भारतीयों को अलग-अलग तरीके से डिपोर्ट करके वापिस भेजा गया है, जिसमें से सबसे अधिक 125 लोग पंजाब के है, जिन्हें अमेरिका से डिपोर्ट किया गया है।
पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट में हुआ था खुलासा
इससे पहले पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों और अर्थशास्त्रियों की अध्ययन रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि सख्त इमिग्रेशन नियमों के कारण लोग अमेरिका जाने के लिए डंकी रूट का सहारा ले रहे हैं। इसके चलते बड़ी संख्या में लोग ट्रैवल एजेंटों की धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ समय से पंजाब के लोगों में विदेश जाकर बसने का चलन काफी बढ़ा है। राज्य के लगभग 13.34 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों में से कम से कम एक सदस्य विदेश जा रहा है। लोगों ने विदेश जाने के लिए अपनी जमीन, घर, सोना, कारें और यहां तक कि ट्रैक्टर भी बेच दिए। इसकी औसत लागत प्रति परिवार 1.23 लाख है, जो पूरे राज्य में 5,639 करोड़ रुपये आंकी गई है। जिन परिवारों ने अपने बच्चों को विदेश भेजने के लिए ऋण लिया, उनमें प्रति परिवार औसत राशि 3.13 लाख रुपए तक है। यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर का कहना है कि पंजाब में पिछले कुछ सालों से विदेश जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। लोग अपने घर-जमीन बेचकर विदेश जा रहे हैं। साथ ही कर्ज भी बढ़ता जा रहा है। पंजाब के दोआबा क्षेत्र के लोग भूमिहीन कार्य वीजा पर संयुक्त अरब अमीरात जा रहे हैं, जबकि माझा और मालवा क्षेत्र के जाट सिख स्टडी वीजा पर कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जा रहे हैं।