बाढ़ का खौफनाक मंजर, पानी सूखने के बाद भी पटरी पर नहीं आएगी लाखों लोगों की जिंदगी

Edited By Kalash,Updated: 01 Sep, 2025 06:36 PM

horrifying scene of punjab floods

बाढ़ की मार ने पूरे एक हफ्ते तक ऐसा कहर ढाया है कि अब आने वाला लंबा समय बाढ़ पीड़ित लोगों के लिए बेहद मुश्किलों और चुनौतियों भरा होगा।

गुरदासपुर (हरमन): गुरदासपुर जिले में बाढ़ की मार ने पूरे एक हफ्ते तक ऐसा कहर ढाया है कि अब आने वाला लंबा समय बाढ़ पीड़ित लोगों के लिए बेहद मुश्किलों और चुनौतियों भरा होगा। बेशक अब रावी नदी का पानी विभिन्न गांवों से वापस चला गया है, लेकिन पानी की मार झेल चुके गांवों का मंजर अब बेहद दुखद और खौफनाक है। पानी सूखने के बाद पीड़ितों के लिए बड़ी गंभीर समस्याओं का दौर शुरू हो गया है। आज भी विभिन्न गांवों के लोग पानी सूखने के बावजूद अपने घरों में रहने में असमर्थ हैं, क्योंकि घरों के आंगन और फर्श इतनी गंदगी से भर चुके हैं कि वहां रहना तो दूर, कुछ मिनट खड़े रहना भी बेहद मुश्किल है। घरों में कई तरह के जहरीले कीड़े-मकोड़े घूम रहे हैं। अभी भी बहुत से लोग अपने घरों की छतों पर टैंट लगाकर रहने के लिए मजबूर हैं।

पीड़ितों के लिए शुरू होगा आर्थिक संकट का दौर

बाढ़ प्रभावित गांवों में सबसे बड़ा नुकसान फसलों का हुआ है और यह ध्यान देने योग्य है कि अधिकांश किसान सिर्फ फसलों से होने वाली आय पर ही निर्भर करते हैं। वे इस बात को लेकर चिंता में डूबे हुए हैं कि अब उनकी फसलों की इस बर्बादी के बाद वे आने वाले समय में अपनी आर्थिक जरूरतों को कैसे पूरा करेंगे? इसी तरह, अब दुकानदार वर्ग भी बेहद चिंता में डूबा हुआ है, क्योंकि बाढ़ की मार झेल चुके गांवों, कस्बों और शहरों के दुकानदार भी बड़ी दुर्दशा के दौर में हैं। उनकी न सिर्फ दुकानें बर्बाद हुई हैं, बल्कि दुकानों में पड़ा कीमती सामान भी बाढ़ के पानी की भेंट चढ़ गया है। दुकानदारों को भी यह डर सता रहा है कि वे अपने कारोबार को फिर से कैसे खड़ा करेंगे और उनकी जिंदगी फिर से पटरी पर कैसे आएगी।

पुनर्वास के लिए विभिन्न प्रकार की सामग्री की आवश्यकता

बाढ़ पीड़ित लोगों को इस मौके पर जहां पानी और भोजन की बड़ी जरूरत है, वहीं वे पशुओं के चारे के लिए भी लगातार मांग कर रहे हैं। इस मौके पर विभिन्न सामाजिक सेवा संगठनों और प्रशासन ने लोगों की मदद के लिए बहुत सारा राशन और ऐसा अन्य सामान लोगों तक पहुंचाया है। लेकिन लोग अपने पुनर्वास के लिए अब और कई तरह की सुविधाओं और वस्तुओं से वंचित हैं। पशुओं के चारे और पीने के पानी के लिए टैंकर उपलब्ध कराने की सख्त जरूरत है। इसी तरह, पूरे इलाके में बिजली सप्लाई बंद होने के कारण लोगों को जनरेटरों की भी जरूरत है, ताकि लोग जनरेटर चलाकर कम से कम अपने घरों में इन्वर्टर की बैटरियों को चार्ज कर सकें और अपने मोबाइल फोन सहित अन्य जरूरी बिजली उपकरण चालू हालत में ला सकें।

लोगों को राशन बनाने के लिए सिलेंडर और छोटे चूल्हों की भी भारी जरूरत महसूस हो रही है, क्योंकि बहुत से लोगों के घरों में पड़े चूल्हे पहले ही खराब हो चुके हैं। बच्चों के लिए डायपर, सैनिटरी नैपकिन, तिरपाल, पहनने के लिए कपड़े, बिजली ठीक करने के लिए इलैक्ट्रीशियन सहित बहुत सी वस्तुओं की लोग मांग कर रहे हैं। इन सब में सबसे महत्वपूर्ण बात यह मानी जा रही है कि लोग सिर्फ सामान भेजने के बजाय खुद इन इलाकों में जाकर पीड़ित लोगों के साथ हाथ से सेवा करें, ताकि उनके घर और अन्य इमारतें फिर से जल्द से जल्द साफ हो सकें और लोग फिर से अपनी सामान्य जिंदगी शुरू कर सकें।

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