Edited By Urmila,Updated: 06 Apr, 2025 04:24 PM

स्वास्थ्य विभाग का ड्रग विंग नियमों के विरुद्ध चल रहे मेडिकल स्टोरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है।
अमृतसर (दलजीत) : स्वास्थ्य विभाग का ड्रग विंग नियमों के विरुद्ध चल रहे मेडिकल स्टोरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है। विभाग ने अब एक बार फिर मेडिकल स्टोर्स को ड्रग एवं कॉस्मेटिक एक्ट के तहत नियमों की जानकारी देने के लिए एडवाइजरी जारी की है। जिला प्रशासन ने विभाग की इस एडवाइजरी पर मोहर लगाते हुए मेडिकल स्टोरों की औचक जांच करने के आदेश जारी किए हैं।
जानकारी के अनुसार ड्रग एवं कॉस्मैटिक एक्ट को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए ड्रग विभाग लगातार तत्परता के साथ काम कर रहा है। डिप्टी कमिश्नर मैडम साक्षी साहनी के आदेशों के तहत जहां स्वास्थ्य विभाग ने जिले के 4000 से अधिक मेडिकल स्टोरों की जांच के लिए अलग से 30 से अधिक टीमें गठित की हैं, वहीं ड्रग विभाग भी लगातार टीमें बनाकर जांच कर रहा है। ड्रग कंट्रोल अधिकारी सुखदीप सिंह ने बताया कि जिले के मेडिकल स्टोरों को एडवाइजरी जारी की गई है, जिसके तहत लाइसैंस को प्रमुख स्थान पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए, मेडिकल स्टोर पर फार्मासिस्ट का उपस्थित रहना अनिवार्य है, शैड्यूल-8 और 8-1 दवाओं की सारी बिक्री फार्मासिस्ट की उपस्थिति में या उसकी व्यक्तिगत देख-रेख में की जानी चाहिए।
ड्रग कंट्रोल अधिकारी सुखदीप सिंह ने बताया कि दुकान में स्टॉक की गई सभी दवाओं के क्रय बिलों को अधिमानत: कालानुक्रमिक क्रम (तारीख-वार) फाइल में रखे जाने चाहिएं। 4. सभी औषधियों से संबंधित प्रत्येक बिक्री का विक्रय रिकार्ड रखा जाना चाहिए (बिक्री बिल जारी किया जाना चाहिए)। 8-1 रजिस्टर/रिकॉर्ड को एक अलग रजिस्टर में बनाए रखा जाना चाहिए और अनुसूची 8-1 दवाओं की बिक्री डी.एम./एम.डी./एम.एस./एम.बी.बी.एस./स्पैशलिस्ट/सुपर-स्पैशलिस्ट डॉक्टर/एम.डी.एस./बी.डी.एस. के वैध पर्चे पर की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि दवाओं के भंडारण के लिए कमरे में तापमान बनाए रखने के लिए एयर कंडीशनर स्थापित और चालू हालत में होना चाहिए। सुखदीप सिंह के अनुसार कुछ दवाओं, विशेषकर टीके/इंसुलिन/गर्भावस्था कार्ड/रेबीज टीके आदि के भंडारण के लिए योग्य तापमान और आर्द्रता के स्तर को बनाए रखने के लिए एक रैफ्रिजरेटर स्थापित और चालू हालत में होना चाहिए।
पशु चिकित्सा दवाओं को मानव दवाओं से अलग रैक में रखा जाना चाहिए। कई दवाएं जो शक्तिशाली मादक पदार्थ होने के कारण प्रतिबंधित/विनियमित हैं, जिनमें प्रीगैबलिन (75 मिलीग्राम से अधिक शक्ति), टैपेंटाडोल, ट्रामाडोल, कोडीन, डैक्सट्रोप्रोपॉक्सीफीन, डिफेनोक्सिलेट, बुप्रेनॉर्फिन, पेंटाजोसिन और नाइट्राजेपाम और/या उनके लवण या फॉर्मूलेशन शामिल हैं, उन्हें खरीदा/भंडारित या बेचा नहीं जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, प्रीगाबेलिन 75 एमजी या संयोजनों की बिक्री/खरीद के मामले में सक्षम जिला मजिस्ट्रेट अमृतसर द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। दवा दुकानों में सी.सी.टी.वी. लगाए जाएंगे।
जिले में 500 से अधिक मेडिकल स्टोरों की हो चुकी है चैकिंग
सिविल सर्जन डा. किरणदीप कौर ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग व ड्रग विंग द्वारा अब तक 500 से अधिक मेडिकल स्टोरों की जांच की जा चुकी है। नियमों के विरुद्ध संचालित पाए जाने पर करीब आधा दर्जन मेडिकल स्टोर सील कर दिए गए हैं, जबकि एक का लाइसैंस रद्द कर दिया गया है तथा 10 लाइसैंस निलंबित कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी कैमिस्टों से सहयोगात्मक प्रतिक्रिया अपेक्षित है अन्यथा यदि किसी कैमिस्ट के पास से पैरा 9 में वर्णित कोई दवा बरामद होती है तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी तथा न्यूनतम सजा के रूप में लाइसैंस रद्द किया जाएगा तथा जहां भी ऐसी दवा (दवाइयां) बरामद की जाएंगी, वहां एफ.आई.आर. दर्ज की जाएगी।
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