Edited By Kalash,Updated: 04 Nov, 2024 03:33 PM
जिससे किसी भी बीमारी का शिकार होने का खतरा अधिक रहता है।
कपूरथला : वायु प्रदूषण में तेजी से वृद्धि के कारण सांस के रोगियों की संख्या बढ़ रही है क्योंकि जिस हवा में हम सांस लेते हैं वह अत्यधिक प्रदूषित हो गई है। जिसके चलते इन दिनों गले व आंख से संबंधित बीमारियां लोगों को अपनी पकड़ में ले रही हैं।
विशेषज्ञों की सलाह है कि बिना मास्क के इस हवा में सांस लेना हमारे लिए बहुत हानिकारक है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि इस बढ़ते प्रदूषण से कैसे बचा जाए। हालांकि वायु प्रदूषण हर किसी को प्रभावित करता है, लेकिन यह बच्चों और बुजुर्गों को सबसे अधिक प्रभावित करता है क्योंकि माना जाता है कि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। जिससे किसी भी बीमारी का शिकार होने का खतरा अधिक रहता है। इसलिए बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण बच्चों और बुजुगों को घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है।
इन दिनों कई अस्पतालों में सांस की समस्या वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। पी.एम. 2.5 की मौजूदगी वाली प्रदूषित हवा प्रभावित लोगों में सांस लेने की समस्या बढ़ा रही है। डॉक्टरों के मुताबिक अस्पतालों में मरीजों की संख्या 30 फीसदी तक बढ़ गई है। डॉ. गुरबचन सिंह का कहना है कि प्रदूषण से खुद को बचाने के लिए एन-95 मास्क पहनें। अपने शरीर को हाइड्रेटिड रखें और रोजाना कम से कम 8 गिलास पानी पिएं। यदि आपको खांसी है, तो स्व-उपचार न करें और डॉक्टर से परामर्श लें। कुछ दिनों के लिए शाम की सैर से बचें और घर के अंदर ही व्यायाम करें।
अस्थमा कितना खतरनाक है?
अस्थमा एक गंभीर बीमारी है जो वायुमार्ग को प्रभावित करती है। इन ट्यूबों की मदद से फेफड़े में हवा को अंदर और बाहर लेते हैं। जब अस्थमा होता है तो इन नलिकाओं की भीतरी दीवारों में सूजन आ जाती हैं। जब नलिकाएं प्रतिक्रिया करती हैं, तो वे सिकुड़ने लगती हैं। इस स्थिति में फेफड़ों में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। इसके कारण लगातार खांसी और सांस लेने में दिक्कत, सीने में जकड़न जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। सर्दियों में तापमान कम होने के कारण यह समस्या और भी बढ़ जाती है, इसलिए हो सके तो अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और समय-समय पर डॉक्टरी सलाह लेते रहें।
धूल-मिट्टी के संपर्क से बचें
डॉ. गुरबचन सिंह बताते हैं कि अगर हमें प्रदूषण से होने वाली किसी भी बीमारी से बचना है तो हमें धूल-मिट्टी वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। अगर आप ऐसी जगह से यात्रा कर रहे हैं जहां निर्माण कार्य चल रहा है तो वहां जाने से बचें। साथ ही बाहर निकलते समय मास्क जरूर पहनें।
खान-पान पर दें ध्यान
बदलते मौसम में अपने खान-पान का खास ख्याल रखने के लिए डॉक्टर ने बाहर के तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन कम करने की सलाह दी है। अपने आहार में अधिक हरी सब्जियां और फल शामिल करने की सलाह दी जाती है। साथ ही अधिक पानी पीने का प्रयास करें। क्योंकि पानी पीने से शरीर हाइड्रेटिड रहता है, जो प्रदूषण से बचाने में मदद करता है।
शाम की सैर से बचें
विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को शाम के समय टहलने से बचना चाहिए क्योंकि इस समय प्रदूषण की मात्रा सबसे अधिक होती है जो शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए विशेषकर शाम के समय टहलने से बचें। घर के अंदर किसी भी समय व्यायाम करें या टहलें।
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