Edited By Urmila,Updated: 21 Mar, 2025 10:56 AM

इससे अब निजी स्कूलों में भी गरीबों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के द्वार खुलेंगे, जबकि सरकारी स्कूलों में यह शिक्षा पहले से ही दी जा रही है।
चंडीगढ़ (अंकुर): अब आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थी भी निजी स्कूलों में दाखिला ले सकेंगे। मंत्रिमंडल ने पंजाब नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम-2011 की धारा 7 (01) को हटाने के लिए पंजाब नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम-2011 में संशोधन को भी मंजूरी दे दी है।
इससे अब निजी स्कूलों में भी गरीबों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के द्वार खुलेंगे, जबकि सरकारी स्कूलों में यह शिक्षा पहले से ही दी जा रही है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम में प्रावधान है कि सभी निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए आरक्षित रहेगr। हालांकि पिछली सरकारों द्वारा बनाए गए नियमों के कारण विद्यार्थियों को इस सुविधा का लाभ उठाने से सीधे तौर पर रोका गया था, लेकिन पंजाब सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले से अब कमजोर और पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों पर लगी सभी पाबंदिया हट जाएंगी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उनकी पहुंच में होगी।
मंत्रिमंडल ने बजट सत्र के दौरान वर्ष 2025-26 के लिए बजट अनुमान प्रस्तुत करने को भी मंजूरी दे दी है। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा 26 मार्च को बजट पेश करेंगे। मंत्रिमंडल ने वर्ष 2023-24 के लिए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट सदन में पेश करने को भी मंजूरी दे दी है।
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