लोगों को मिलने वाली सस्ती रेत पर वसूला जा रहा गुंडा टैक्स, पंजाब केसरी टीम ने किया पर्दाफाश

Edited By Sunita sarangal,Updated: 22 May, 2023 12:44 PM

goonda tax being collected on cheap sand available to people

सरकार की लोगों को सस्ता रेत देने की स्कीम पर गांव के ही कुछ लोग रोक लगा रहे हैं। रेत से भरी ट्रैक्टर ट्रॉलियों के.....

फिल्लौर: सरकार की लोगों को सस्ता रेत देने की स्कीम पर गांव के ही कुछ लोग रोक लगा रहे हैं। रेत से भरी ट्रैक्टर ट्रॉलियों के गांव से गुजरने का वसूल कर रहे हैं गुंडा टैक्स। पंजाब केसरी की टीम ने वसूले किए जाने वाले इस टैक्स का स्टिंग ऑप्रेशन कर किया पर्दाफाश। जो लोग इस टैक्स का विरोध कर रहे हैं उनके वाहनों को दरिया पर रेत भरने से रोक रहे हैं।

सरकार ने सस्ती रेत मुहैया करवाने के दिए हैं आदेश

पंजाब में ‘आप’ सरकार के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सत्ता में आने से पहले प्रदेश में चल रही अवैध माइनिंग का मुद्दा बहुत जोर-शोर से उठाया था। मान ने कहा था आम व्यक्ति अपना खुद का घर बनाने की सोच भी नहीं सकता क्योंकि रेत की एक ट्रॉली जो 1000 रुपए की होनी चाहिए वह 5 हजार रुपए में मिल रही है जो आम व्यक्ति की पहुंच से दूर हो गई है। उनकी अगर सरकार सत्ता में आती है तो वह यही रेत की ट्राली जनता को 500 रुपए में मुहैया करवाएंगे।

मुख्यमंत्री मान ने 2 महीने पहले अपने इस वायदे को पूरा कर दिखाया। गांव साहिब में पहुंच कर रेत की खड्डों को चलाने के आदेश जारी करते हुए जनता को 5 रुपए 78 पैसे स्क्वायर फुट के हिसाब से रेत देने का अपना वायदा पूरा कर दिया जिस पर 5 प्रतिशत जी.एस.टी. लगाया गया और साथ में उन्होंने दूसरी खड्ड गांव कड़ियाना में भी शुरू करवा दी। सरकारी आदेशों के अनुसार अब जनता को वही ट्रॉली 606 रुपए 9 पैसे में मिलेगी।

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दूसरी तरफ मान सरकार ने बेरोजगारी दूर करने के लिए जो बड़ा फैसला सुनाया वह यह था कि ट्रॉलियों में रेत मशीनों के साथ नहीं भरी जाएगी उसमें रेत लेबर भरेगी जिससे गांव के लोगों को रोजगार भी मिलेगा। सरकार के इस कार्य की हर तरफ प्रशंसा हुई। अफसोस की बात है कि गांव कड़ियाना के कुछ लोग जिनमें पंचायत के कुछ मैंबर भी शामिल है, उन्होंने धक्के से फिर वही पुराना इतिहास दोहरा दिया जो पिछली कांग्रेस अकाली सरकारों में होता आया है। उन्होंने अपने ही कुछ गुंडा टैक्स लगा दिए जिसके चलते जो ट्रॉली 1100 रुपए में आम जनता के पास पहुंचनी चाहिए थी वह फिर वही पुराने भाव 5 हजार रुपए में लोगों को मिल रही है। इसका पंजाब केसरी की टीम ने वहां पहुंच कर पर्दाफाश किया है कि कैसे रेत की ट्रॉलियों से कुछ लोग जबरन अवैध वसूली कर रहे हैं।

जिन लोगों को सरकार ने रोजगार दिया, वही काटने लगे जेब

पंजाब सरकार ने रेत की खड्डें चालू करने से पहले एक और बड़ी घोषणा की थी की किसी भी ट्रॉली में रेत जे.सी.बी. से नहीं भरी जाएगी। उसे स्थानीय गांव के लोग भरेंगे जिससे गांव वासियों को रोजगार मिलेगा। सरकार की इस पहलकदमी पर भी उन्हीं लोगों ने पानी फेरना शुरू कर दिया। माइनिंग विभाग के जे.ई. ने बताया कि अगर वहां ट्रॉली 100 फुट रेता भरने के लिए आती है तो उसकी लेबर 500 से 700 रुपए लेनी होती है। अफसोस की बात है कि लेबर के वह लोग उन ट्रॉली चालकों से दोगुने रुपए 1200 से लेकर 1400 रुपए वसूल कर रहे हैं। गांव वासी पंजाब सिंह और जसविंदर सिंह ने बताया कि इन ट्रॉलियों में रेत भरने की अवैध कमाई में पंचायत के कुछ लोग हिस्सेदार बने हुए हैं जो उस अवैध वसूली को आपस में मिल कर बांट लेते हैं। इसके अलावा भी गांव के यह पंचायत मैंबर धक्के से रेत की भरी इन ट्रॉलियों से गुंडा टैक्स वसूल कर रहे हैं।

स्थानीय प्रशासन हस्तक्षेप कर बंद करवाए अवैध वसूली

जब इस संबंध में माइनिंग विभाग के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने माना कि गांव के ही कुछ लोग ट्रैक्टर को टोचन करने रास्ते का इस्तेमाल करने के नाम पर अवैध वसूली कर रहे हैं। उन्होंने कहा जब तक यह अवैध वसूली बंद नहीं होती तब तक लोगों के पास सस्ता रेत कैसे पहुंचेगा। उन्होंने कहा सरकारी आदेशों के मुताबिक 578 रुपए में भरने वाली ट्रॉली पर पहले ही अवैध रूप से 1200 रुपए भराई के नाम पर ले रहे हैं। उस पर 500 रुपए टोचन टैक्स और 600 रुपए रास्ते से गुजरने का टैक्स। इतने टैक्स देने के बाद हजार रुपए का ट्रैक्टर में तेल का खर्च भी लगता है। 578 रुपए में भरने वाली ट्रॉली पर 3500 रुपए से ज्यादा तो टैक्स ही वसूल हो गया तो लोगों के पास सस्ती रेत कैसे पहुंचेगी। लोगों ने अधिकारियों से मांग की है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप कर उन लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करे जो धक्के से गुंडा टैक्स वसूल कर रहे हैं।
 

 

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