Edited By Kamini,Updated: 27 Aug, 2024 01:21 PM
त्योहारी सीजन की आहट से जैसे-जैसे मिठाइयों की डिमांड बढ़ने लगी है वैसे ही मिलावट खोर भी सक्रिय होने लगे।
लुधियाना (सहगल) : त्योहारी सीजन की आहट से जैसे-जैसे मिठाइयों की डिमांड बढ़ने लगी है वैसे ही मिलावट खोर भी सक्रिय होने लगे और नकली खोया तथा पनीर के बाजार में आने की संभावना बढ़ गई है। विशेषज्ञ बताते हैं कि नकली मिठाई जिसमें डिटर्जेंट, युरिया, रिफाइंड ऑयल, नकली घी बनाने के लिए पाम ऑयल एनिमल फैट हाइड्रोजेनेटेड तेल आदी का इस्तेमाल होता है जो कई बीमारियां पैदा करने में सक्षम है। ऐसी मिठाइयों से हार्ट और लीवर को गंभीर खतरे हो सकते हैं। सहायक फूड कमिश्नर के पद से रिटायर हुए रविंदर गर्ग बताते हैं कि मिलावटी मिठाई आदि खाने से व्यक्ति को उल्टी, दस्त, घबराहट, पेट दर्द या सूजन स्किन एलर्जी तथा फूड प्वाइजनिंग हो सकती है। इसके अलावा कई मामलों में सांस से जुड़ी समस्याएं भी सामने आ सकती हैं।
कैसे करें मिठाइयों की जांच
पूर्व सहायक फूड कमिश्नर रविंदर गर्ग ने बताया कि आम आदमी के लिए मिठाइयों की जांच करना ज्यादा मुश्किल नहीं है। गहरे रंगों वाली मिठाइयां जो छूने पर रंग छोड़ें नहीं लेनी चाहिए, इनमें कच्चे रंगों का इस्तेमाल होता है जो कपड़े रंगने के काम में आता है। इसी तरह गुलाबी रंग की चमचम गलत रंगों के इस्तेमाल के कारण कैंसर जनक बीमारी का कारण हो सकती है। इसके अलावा खोये को मसलने पर उसकी गोली ना बने तो ऐसी मिठाई नहीं खरीदनी चाहिए। इसी तरह मिठाइयों पर लगे वर्क की पहचान के लिए वर्क को उतार कर 2 उंगलियों के बीच मसलने पर अगर उसकी गोली बन जाती है तो वह अल्युमिनियम का वर्क हो सकता है, जबकि चांदी का वर्क मसलने पर उसकी गोली नहीं बनती। इसके अलावा स्वयं जांच के लिए मिठाई को चेक कर देखा जा सकता है उसमें दूध की खुशबू आए ना कि वेजिटेबल ऑयल की। इसके अलावा खोये को हथेली पर रगड़ने से उसमें घी निकले तो असली मिठाई जाननी चाहिए। उन्होंने कहा कि शुद्ध खोया चिकना होता है जबकि नकली दानेदार अगर मिठाई सुखी है या कड़क है तो न खरीदें। शुद्ध की जांच के लिए उसमें आयोडीन की कुछ बूंदे मिलाने पर उसका रंग नीला या काला पड़ जाए तो समझने की खोया नकली है। कोशिश करें कि मिठाइयां अपनी जान पहचान के दुकानदार से ही खरीदे।
मिठाइयों का बिल जरूर लें
पूर्व सहायक फूड कमिश्नर ने बताया कि मिठाइयों की खरीदारी के अवसर पर दुकानदार से बिल जरूर ले और उसे बिल पर देख ले की एफएसएसएआई का पंजीकरण नंबर लिखा होना चाहिए। इसी तरह पैक्ड मिठाई पर भी एफएसएसएआई का सर्टिफिकेशन जरूर देख लें।
कैसे करें शिकायत
मिठाइयों की क्वालिटी पर शक होने दुकानदार के नाम और एफएसएसएआई नंबर सहित एफएसएसएआई के पोर्टल पर जाकर शिकायत करनी चाहिए। उसकी एक कॉपी फूड कमिश्नर को भेजने के साथ-साथ सिविल सर्जन अथवा जिला स्वास्थ्य अधिकारी को कार्रवाई के लिए दें। इस पर स्वास्थ्य विभाग के फूड विंग ब्रांच की टीम जिसमें फूड सेफ्टी अफसर शामिल होंगे, जोकि उक्त दुकान पर जाकर मिठाइयों की सैंपलिंग करेगी और लिए गए सैंपल को जांच के लिए भेजा जाएगा।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here