पंजाब में किसानों को करना पड़ सकता है मुश्किलों का सामना

Edited By Urmila,Updated: 11 Sep, 2024 02:47 PM

farmers may have to face difficulties in punjab

पंजाब डी.ए.पी. की भारी कमी से जूझ रहा है। अगली फसल की बुआई के लिए 5.1 लाख मीट्रिक टन की कमी है, जिस कारण आषाढ़ के सीजन दौरान खाद की कमी का संकट साफ नजर आ रहा है।

शेरपुर (अनीश) : पंजाब डी.ए.पी. की भारी कमी से जूझ रहा है। अगली फसल की बुआई के लिए 5.1 लाख मीट्रिक टन की कमी है, जिस कारण आषाढ़ के सीजन दौरान खाद की कमी का संकट साफ नजर आ रहा है। डी.ए.पी. खाद की सप्लाई चीन, रूस, यूक्रेन और सऊदी अरब जैसे देशों से होती है। वर्णनीय है कि पंजाब सरकार द्वारा केंद्र से संपर्क कर राज्य को डी.ए.पी. की सख्त जरूरत के बारे में बताया जा चुका है।

35 लाख हैक्टेयर रकबे में गेहूं की बुआई के लिए 5.5 लाख मीट्रिक टन की आवश्यकता की तुलना में 1 जुलाई 2024 तक केवल 40 हजार मीट्रिक टन की आपूर्ति मिल सकी है। इस कमी के कारण गेहूं के उत्पादन में कमी आने की आशंका बन गई है, किसानों को संभावित आर्थिक नुकसान की चिंता अभी से दिखने लगी है। आषाढ़ सीजन को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा पंजाब को 4.50 लाख मीट्रिक टन डी.ए.पी., 1.50 लाख मीट्रिक टन एनपीके (नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाशियम) और 1.50 लाख मीट्रिक टन एस.एस.पी. (सिंगल सुपर-फॉस्फेट) खाद अलाट की गई है। याद रह पंजाब ने 2023-24 के सीजन दौरान केंद्रीय पूल में 46 प्रतिशत गेहूं का योगदान दिया था। खाद की सप्लाई में कोई भी अड़चन राज्य और देश की खाद्य सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। अंतरराष्ट्रीय मंडी में डीएपी के बढ़े दामों के कारण केंद्र द्वारा कीमत बढ़ाई जा सकती है या सब्सिडी में वृद्धि की जा सकती है।

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