Edited By Kalash,Updated: 29 Aug, 2024 03:30 PM
केंद्र सरकार द्वारा डी.ए.पी. खाद देने में ढीले रवैये के कारण इस बार रबी के सीजन में डी.ए.पी. खाद का संकट पैदा होने की संभावना बन गई है।
चंडीगढ़ : केंद्र सरकार द्वारा डी.ए.पी. खाद देने में ढीले रवैये के कारण इस बार रबी के सीजन में डी.ए.पी. खाद का संकट पैदा होने की संभावना बन गई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के पास खाद की कमी का मामला उठाया है। उन्होंने नड्ढा को खाद की सप्लाई करने के लिए कहा है। इसे लेकर पंजाब सरकार ने खाद की सप्लाई लेने के लिए कृषि विभाग की एक टीम भी दिल्ली भेजी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाब को रबी के सीजन के लिए 5.50 लाख मीट्रिक टन डी.ए.पी. खाद की जरुरत है। पंजाब के पास सिर्फ 85,000 मीट्रिक टन डी.ए.पी. खाद है। केंद्र सरकार ने अगस्त महीने के लिए 1.10 लाख मीट्रिक टन डी.ए.पी. खाद दी थी पर अगस्त में में सिर्फ 27,000 मीट्रिक टन खाद दी गई। जबकि पंजाब सरकार ने अगस्त महीने के लिए 1.50 लाख मीट्रिक टन की मांग की थी।
गौरतलब है कि पंजाब में 15 सितंबर से आलू की बुआई शुरू हो जाती है और उसके बाद अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में गेहूं की बुआई शुरू हो जाती है। पड़ोसी राज्य हरियाणा में गेहूं की बुआई देर से होती है और बाकी राज्यों में बुआई नवंबर महीने में होती है। डी.ए.पी. खाद के संकट की संभावना के कारण केंद्र सरकार केंद्र सरकार द्वारा रबी की फसल की सब्सिडी नीति जारी न किया जाना बताया जा रहा है। खाद के अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम अधिक है। अब खाद कंपनियों द्वारा बाहर से खाद नहीं मंगवाई जा रही है क्योंकि केंद्र ने अभी तक खाद की सब्सिडी नीति जारी नहीं की है। कंपनियों का कहना है कि पिछली बार उन्होंने पॉलिसी जारी होने से पहले ही बाहर से खाद मंगवा ली थी, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा था।
दूसरी ओर कृषि विभाग के डायरेक्टर का कहना है कि इस बार राज्य के 35 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई का अनुमान है और पंजाब को 5.50 लाख मीट्रिक टन डी.ए.पी. खाद की जरूरत है। उन्होंने बताया कि इस समय एक लाख मीट्रिक टन खाद का भंडार है जबकि बाकी कुछ रैक आने वाले दिनों में लग रहे हैं।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here