पंजाब विधानसभा के बजट सत्र में जबरदस्त हंगामा, कांग्रेस ने किया वॉकआउट, पढ़ें...

Edited By Kamini,Updated: 27 Mar, 2025 12:39 PM

congress walked out of the assembly

पंजाब विधानसभा के बजट सत्र में आज फिर हंगामा हुआ, जिसके बाद कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया।

पंजाब डेस्क : पंजाब विधानसभा के बजट सत्र में आज फिर हंगामा हुआ, जिसके बाद कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया। इस तरह विधानसभा से कांग्रेस विधायकों के बाहर जाने पर 'आप' विधायक अमन अरोड़ा ने प्रताप सिंह बाजवा से कहा कि वह कुछ मिनट पहले यहां आए और अपनी डफली बजाकर चले गए, ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्हें दूसरों की भी बात सुननी चाहिए।

दरअसल, पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा द्वारा पद्मश्री संत बलबीर सिंह सीचेवाल के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने पर हंगामा हुआ। इस संबंध में 'आप' विधायक इंद्रजीत कौर मान ने कहा कि उन्हें प्रताप सिंह बाजवा की भाषा पर कड़ी आपत्ति है। या तो बाजवा पूरे सदन में इसके लिए माफी मांगें या फिर साबित करें कि उन्होंने ये शब्द कैसे कहे। इसी बीच प्रताप सिंह बाजवा और इंद्रजीत कौर मान के बीच तीखी बहस छिड़ गई।

वहीं कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि एक पंजाबी होने के नाते उनकी भावनाएं भी आहत हुई हैं। संत सीचेवाल ने अपने जीवन के 16 साल 160 किलोमीटर लंबी काली बेईं की सफाई में बिताए हैं। एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था कि सीचेवाल मॉडल सबसे अच्छा है। संत सीचेवाल को देश के सर्वोच्च पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। संत सीचेवाल किसी पार्टी से संबंधित नहीं हैं, बल्कि वे इस सदन का नेतृत्व करते हैं। आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधि नहीं हैं। यह अकेले प्रताप सिंह बाजवा का बयान है या पूरी कांग्रेस का बयान है। संत सीचेवाल ने पर्यावरण के लिए जो कार्य किया है उसे कम करके नहीं आंका जा सकता। हरजोत बैंस ने आगे कहा कि प्रताप बाजवा के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया जाना चाहिए और उन्हें पूरे सदन में माफी मांगनी चाहिए। हरजोत बैंस के इस बयान पर कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट किया और नारेबाजी की। इसके साथ ही पंजाब विधानसभा की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

जानें क्या बोले प्रताप भाजपा

वहीं मीडिया से बातचीत करते हुए प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि वह अपनी पार्टी की ओर से प्रस्ताव लेकर आए थे कि भारत सरकार शहीद भगत सिंह को भारत रत्न से सम्मानित करे, लेकिन उन्हें सदन में यह प्रस्ताव पढ़ने नहीं दिया गया। अध्यक्ष ने मुझे बोलने के लिए समय दिया था, लेकिन एक सोची-समझी साजिश के तहत उन्होंने एक सदस्य को खड़ा कर दिया और मुझ पर आपत्ति जताने लगे। आज स्पीकर के व्यवहार में अंतर था और मुझे लगता है कि यह दिल्ली से सीधा संकेत था। पूरे सदन ने शहीदों का अपमान करने की कोशिश की है।

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