CM मान का ऐलान, शुभकरन के कातिलों को दिलाई जाएगी कड़ी सज़ा

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 21 Feb, 2024 10:50 PM

cm mann expressed deep sorrow over the death of farmer

खन्नौरी बार्डर पर आज हुई 21 वर्षीय किसान की मौत के बाद पंजाब सी.एम. भगवंत मान का बयान सामने आया है।

पंजाब डैस्क : नौजवान किसान शुभकरन सिंह की मौत पर गहरे दुख का प्रकाटाव करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज ऐलान किया कि नौजवान की मौत के लिए ज़िम्मेदार अधिकारियों को कड़ी सज़ा दिलाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने नौजवान किसान के कत्ल की दर्दनाक वीडियो देखी है, जो सिर्फ़ अपने लोकतांत्रिक अधिकार व्यक्त करने के लिए वहां गया था। उन्होंने कहा कि नौजवान की मौत के लिए ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की जाएगी और इन लोगों को कड़ी सज़ा दिलाई जाएगी। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में मृतक नौजवान के परिवार के साथ डट कर खड़ी है और वह सामाजिक और आर्थिक तौर पर इस परिवार की सहायता करेंगे। 

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इस नौजवान की मौत केंद्र और हरियाणा सरकार के मनमानेपन का नतीजा है। भगवंत सिंह मान ने कहा, ‘‘मैंने तो अपने स्तर पर पूरी ताकत लगा दी जिससे हमारे किसानों और नौजवानों को गोलियों, पानी की बौछारों, आँसू गैस के गोले और अन्य कार्यवाही का सामना न करना पड़े। मैंने किसानों और केंद्र के मध्य पुल का काम किया जिससे बात किसी नतीजे पर पहुंच सके परन्तु दुर्भाग्यवश से बात नहीं बनी।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान यूनियनों और केंद्र सरकार के दरमियान हुई मीटिंगों में से दो में वह शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की माँगों मान लेनी चाहिए थीं जबकि केंद्र सरकार अपना फ़र्ज़ निभाने में असफल रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि किसानों की माँगें मानने की बजाय उल्टा हरियाणा ने कँटीली तारों के साथ किसानों का रास्ता रोका हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान अपनी राष्ट्रीय राजधानी जाकर शांतमयी विरोध दर्ज करवाना चाहते थे परन्तु हरियाणा सरकार ने उनको ज़बरदस्ती रोक दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र को राष्ट्रीय राजधानी में किसानों को उनके रोष-प्रदर्शन के लिए कुछ जगह अलॉट करनी चाहिए थी परन्तु इसकी बजाय हरियाणा सरकार ने किसानों को रोका और उन पर ताकत का प्रयोग किया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह राज्य के अन्नदाताओं का घोर अपमान है जिन्होंने देश को अनाज उत्पादन में आत्म निर्भर बनाया है। 

यह भी पढ़ें- आशिक के साथ रह रही बेवफा बीवी को पति ने सिखाया सबक, लिव इन रिलेशनशिप में थे दोनों

मुख्यमंत्री ने कहा कि कितनी दुख की बात है कि आज़ादी के संघर्ष के दौरान देश के लिए 90 प्रतिशत से अधिक बलिदान करने वाले पंजाबियों को अपने ही देश की राजधानी में नहीं जाने दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के मसले सुनने की बजाय उनकी सच्ची माँगों से किनारा कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र और किसानों के बीच आखिरी मीटिंग 22 जनवरी, 2021 को हुई थी और तीन सालों में केंद्र किसानों की माँगों से पीछे हट गया था। 
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि केंद्र सरकार किसानों की शिकायतों के प्रति सहृदय होती तो इस जैसे हालात कभी भी पैदा न होते। उन्होंने कहा कि केंद्र को सिर्फ़ विरोधी पार्टियों की सत्ता वाले राज्यों में लोकतंत्रीय ढंग से चुनी गई सरकारों को गिराने का ही फिक्र है और आम आदमी की भलाई उनके एजंडे में कहीं भी नहीं है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन ज़ालिम शासकों को लोगों के हित अनदेखा करके सिर्फ़ सत्ता का आनंद मानने की चिंता है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आंदोलन राज्य की आर्थिकता पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है जिस कारण वह इस मसले के सुखद हल के लिए यत्नशील हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह यह कभी नहीं चाहते थे कि राज्य और यहाँ के लोगों को आर्थिक तौर पर नुक्सान बर्दाश्त करना पड़े, जिस कारण उन्होंने बातचीत के दौरान मध्यस्थता की थी। उन्होंने कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि केंद्र पहले दिन से ही बातचीत के प्रति गंभीर नहीं है, जिस कारण आज स्थिति बिगड़ गई है। मुख्यमंत्री ने साफ़ तौर पर कहा कि राज्य में अमन- कानून व्यवस्था की कोई समस्या नहीं है क्योंकि किसान शांतमयी ढंग के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। हालाँकि, उन्होंने कहा कि हरियाणा शांतमयी किसानों पर ताकत का प्रयोग करके अमन- कानून की समस्या खड़ी कर रहा है जोकि पूरी तरह अनुचित है। भगवंत सिंह मान ने भाजपा नेताओं को मनीपुर और यहाँ तक कि हरियाणा के बहू इलाको में अमन-कानून की गंभीर समस्या के बारे याद दिलाते हुये कहा कि पंजाब उससे कहीं अधिक शांत है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आंदोलन कर रहे किसानों को तुरंत स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने सड़क सुरक्षा फोर्स के वाहन और ऐंबूलैंसों को मौके पर तैनात किया है। उन्होंने कहा कि आँसू गैस के प्रयोग के कारण ज़्यादातर किसानों को आँखों की समस्या आ रही है, इसलिए राज्य सरकार के दो मंत्री, एक विधायक, जो आँखों के माहिर हैं, को अस्पतालों में तैनात किया गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर पटियाला में ऐसे सभी मामलों की निगरानी करेंगे, एक अन्य कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर पातड़ां और खनौरी में तैनात रहेंगे जबकि विधायक डॉ. चरनजीत सिंह चन्नी राजपुरा के अस्पताल में तैनात रहेंगे।  

यह भी पढ़ें- पंजाब के टोल प्लाजा पर किसान को आया हार्ट अटैक, हालत गंभीर

राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किये जाने के सवालों पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा, ‘‘मैं पंजाब और पंजाबियों की ख़ातिर इस कुर्सी को 100 बार ठुकरा सकता हूं। मैं केंद्र की आलोचना करता हूं कि ऐसे हत्थकंडों से हमें न डराओ क्योंकि हम सत्ता के भूखे नहीं हैं बल्कि हम तो सिर्फ़ लोगों और राज्य की सेवा करने के लिए समर्पित हैं।’’ भगवंत सिंह मान ने किसानों को भी इस संकट की घड़ी में संयम बरतने की अपील करते हुये कहा कि महान सिख गुरूओं की तरफ से दिए संदेश अनुसार जुल्म का मुकाबला संतोष के साथ किया जाये। 
वहीं वहीं बार्डर पर किसानों के साथ हो रही बर्बरता को देखते आज सी.एम. मान ने सभी एंबुलैंस व एस.एस.एफ. की सभी गाड़ियां बार्डर पर लगा दी हैं। इसके साथ ही आंखों के डाक्टरों सहित अन्य सेहत विभाग की टीमें भी वहां पर तैनात कर दी गई हैं।  सी.एम. मान ने लाइव होते हुए केंद्र सरकार से अपील की है कि वे किसानों की मांगों पर विचार करें। सी.एम. मान ने कहा कि अब तक केंद्र के साथ 4 मीटिंगें हो चुके हैं लेकिन सभी बेनतीजा रही है। वह केंद्र से गुहार लगाते हैं कि किसानों की मांगें तुरन्त मानी जाएं ताकि किसान अपने घरों को वापस लौट सके। मैं किसानों और केंद्र के बीच एक पुल का काम कर रहा हूं। 

 


 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!