Edited By Urmila,Updated: 23 Jun, 2024 02:07 PM
पंजाब के युवाओं को नशे से बचाने के लिए भले ही सभी राजनीतिक पार्टियां और नेता बड़े-बड़े दावे करके सत्ता हथियाने में कामयाब हो गए हों।
मोगा (कशिश): पंजाब के युवाओं को नशे से बचाने के लिए भले ही सभी राजनीतिक पार्टियां और नेता बड़े-बड़े दावे करके सत्ता हथियाने में कामयाब हो गए हों, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। आए दिन पंजाब के किसी न किसी कोने से नशे के ओवरडोज से मौत की खबर आ रही है। ऐसा ही ताजा मामला मोगा जिले के निकटवर्ती गांव बोहाना से सामने आया है, जहां एक युवक की चिट्टे के कारण मौत हो गई। युवक की उम्र 24 साल थी और वह चार बहनों का इकलौता भाई था। पुलिस जब शव को कब्जे में लेकर मोगा के सरकारी अस्पताल पहुंची तो मृतक युवक के परिजन पुलिसकर्मियों पर भड़क गए। इस बीच पुलिस ये कहती दिखी कि युवक की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई और इस पर काफी हंगामा हुआ।
वहीं, मृतक वरिंदर सिंह (गोलू) के रिश्तेदार गुरनाम सिंह और गांव के रहने वाले इकबाल सिंह ने बताया कि उसके भतीजे की मौत हो गई है। वह केवल 24 वर्ष का था, चार बहनों का इकलौता भाई था। उन्हें पता चला है कि सरपंच का बेटा उनके बेटे को बोहना चौक से बैठाकर मोटर पर ले गया, जहां उसे नशे का टीका लगाया और उसकी मौत हो गयी। उन्हें देर से सूचित किया गया कि उनके बेटे की मोटर पर मृत्यु हो गई है। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी। परिवार का कहना है कि पुलिस ने कहा कि मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई, वह कैसे कह सकते हैं कि उनके बेटे का शव उनके सामने पड़ा है और उसके हाथ पर इंजेक्शन के निशान हैं और हाथ पर खून लगा है। उसके साथी उसे छोड़कर भाग गये हैं।
वहीं मौके पर पहुंचे ए.एस.आई. शर्मा ने जानकारी सांझा करते हुए वरिंदर कुमार उर्फ गोलू कि निवासी गांव बोहना और उसके साथी मोटर पर नश में टल्ली हो गए थे। इस दौरान वरिंदर कुमार की मौत हो गई। वहीं जब ए.एस.आई. शर्मा से पूछा गया कि आपके परिवार वाले हंगामा क्यों कर रहे हैं तो उन्होंने बात बदल दी और कहा कि शव का पोस्टमार्टम कराकर वारिसों को सौंप दिया जाएगा और मृतक के परिवार वाले जो भी बयान दर्ज कराएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
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