Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Oct, 2017 01:05 PM
कम उम्र में नौजवानों को सियासी सिफारिश उपरांत धड़ाधड़ जारी हुए आम्र्स लाइसैंस समाज, परिवार व खुद असलाधारकों के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं।
लुधियाना(पंकज): कम उम्र में नौजवानों को सियासी सिफारिश उपरांत धड़ाधड़ जारी हुए आम्र्स लाइसैंस समाज, परिवार व खुद असलाधारकों के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं। कार लूटने सहित अन्य आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त आरोपी अवनिंद्र सिंह, जिसे सी.आई.ए. पुलिस ने गत दिवस साथियों सहित गिरफ्तार किया था, से मिले असला लाइसैंस उपरांत सतर्क पुलिस कम उम्र में अभी तक कितने आम्र्स लाइसैंस जारी हुए हैं, उनकी समीक्षा व असलाधारकों की गतिविधियों को खंगालने की तैयारी में है।
पिछली अकाली-भाजपा सरकार के दौरान राज्य में आम्र्स लाइसैंस जारी करने के मामले में सभी पिछले रिकॉर्ड टूट गए थे। दरअसल शिअद द्वारा बनाए हलका इंचार्जों की सिफारिशों पर ही ज्यादातर आम्र्स लाइजैंस जारी होते थे। इस दौरान 22 से 26 वर्ष की आयु वाले विद्यार्थी जीवन से जुड़े युवाओं को भी प्रशासन की तरफ से सियासी सिफारिशों के चलते लाइसैंस जारी किए गए थे। जिस उम्र में पलक झपकते ही गुस्सा आना व कुछ करने से पहले परिणाम संबंधी सोचने की क्षमता न रहना, ऐसी उम्र में हथियार का मिल जाना न सिर्फ खुद व परिवार, बल्कि समाज के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है।
हॉकी के खिलाड़ी से लुटेरा बनने के कम समय में अवनिंद्र को मिले लाइसैंसी हथियार का सबसे अहम रोल रहा। उधर सूत्रों की मानें तो पुलिस प्रशासन ऐसे असलाधारियों का अलग से खाका तैयार करके थाना स्तर पर उनकी गतिविधियों पर नजर रखने की रणनीति पर काम कर रहा है, क्योंकि पहले भी प्रशासन आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त लोगों के लाइसैंस रद्द करने का काम कर चुका है।