सी.एम. के पास होती है सारी ताकत, इसलिए पंजाब में इस बार सी.एम. चेहरे की लड़ाई : चरणजीत सिंह चन्नी

Edited By Sunita sarangal,Updated: 16 Feb, 2022 02:00 PM

charanjit singh channi interview punjab kesari

पंजाब में विधानसभा चुनावों के प्रचार का शिखर तक आ पहुंचा है। 20 फरवरी को राज्य में चुनाव होंगे और यह चुनाव प्रचार का आखिरी हफ्ता है। पंजाब के मुख्यमंत्री........

जालंधर(अनिल पाहवा): पंजाब में विधानसभा चुनावों के प्रचार का शिखर तक आ पहुंचा है। 20 फरवरी को राज्य में चुनाव होंगे और यह चुनाव प्रचार का आखिरी हफ्ता है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी इस प्रचार के दौरान 2 से 3 घंटे सो रहे हैं और बाकी समय अपने तथा पार्टी के अन्य उम्मीदवारों के प्रचार में बिता रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष जहाज की लैंडिंग के कारण चन्नी का चौपर रोके जाने का मामला हो, करोड़ों की प्रॉपर्टी का आरोप हो या नवजोत सिंह सिद्धू के साथ टसल की चर्चा हो, इन सब बातों का चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब केसरी, जगबाणी, हिंद समाचार तथा नवोदय टाइम्स के साथ विशेष बातचीत में बेबाकी से जवाब दिया। पेश हैं उनके साथ हुई चर्चा के मुख्य अंश :

प्र. - राज्य के मुख्यमंत्री का चौपर क्यों रोका गया ?
उ. -
इस मामले में तो खुद प्रधानमंत्री मोदी ने ही खुलासा कर दिया है कि 2014 में उनको राहुल गांधी के जहाज के कारण रोका गया था, इसका साफ मतलब है कि राज्य सरकार और मेरे से बदला लिया जा रहा है। फिरोजपुर में प्रधानमंत्री के काफिले के साथ जो भी घटनाक्रम हुआ, उसमें भी मेरे ऊपर निशाना साधा जा रहा है तथा मेरे चौपर को रोककर इसी प्रकार का बदला लेने की कोशिश की गई है। जबकि असलियत यह है कि फिरोजपुर रैली में कुर्सियां ही खाली थीं, जिसके कारण वह खुद अपनी इच्छा से वापस लौट रहे थे। मेरे खिलाफ साजिशें करने वालों को मैं स्पष्ट तौर पर कहना चाहता हूं कि मैं गरीब जरूर हूं, लेकिन कमजोर नहीं हूं। पंजाब के लिए हमेशा खड़ा रहूंगा, चाहे मुझे मार ही क्यों न दिया जाए।

प्र. - नो फ्लाई जोन के कारण रोका गया था आपका चौपर, क्या यह सही नहीं है?
उ. -
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन से चार जहाज लैंड किए। खुद राहुल गांधी भी सोमवार को पंजाब में आए, लेकिन सिर्फ मेरा ही चौपर क्यों रोका गया। क्या मेरे वाले चौपर में बम रखा हुआ था। पंजाब के साथ जिस तरह का भेदभाव केंद्र कर रहा है, वह भूल गया है, पंजाब देश को अन्न देता है, बॉर्डर पर शहीद होने वाले सैनिकों में पंजाबी भी होते हैं, पंजाब के लोग कुर्बानी देना जानते हैं।

प्र. - आखिर चन्नी से किस चीज की चुनौती है ?
उ. -
पंजाब में गरीब और मध्यम वर्ग के पक्ष में आवाज उठाने वाला कभी कोई सामने नहीं आया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह जब सी.एम. थे, तब उन्हें बार-बार गरीबों तथा मध्यम वर्ग के लोगों के लिए बोलने के लिए मैं अक्सर कहता था, लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी। इन सबको मेरे से यही चुनौती है कि मैं गरीब तथा मध्यम वर्ग के पक्ष में बोलता हूं तथा उनके लिए कुछ करना चाहता हूं। इसमें मेरा कोई कसूर नहीं है, क्योंकि गरीब तथा गरीबों के लिए हमदर्दी मेरे खून में है। ये अमीर लोग मुझे इन्हीं सब कामों से रोकना चाहते हैं, जो मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती है। पंजाब में गरीब तथा मध्यम वर्ग इन अमीर लोगों के सामने इकट्ठा हो रहा है, जिन्हें ये रोकना चाहते हैं, लेकिन मेरा तो सीधा फार्मूला है कि रोकोगे तो भुगतोगे।

प्र. - कह रहे हैं कि पंजाब में खिचड़ी असैंबली की संभावना है ?
उ. -
दरअसल पंजाब में जो पिछले 111 दिनों में कांग्रेस सरकार ने काम किए हैं, उससे विपक्षी दलों में घबराहट है। आज यह चीज मैं साफ कहना चाहता हूं कि केंद्र की भाजपा सरकार चाहती है कि पंजाब में किसी पार्टी को बहुमत न मिले और राज्य में गवर्नर रूल लगाने का मौका मिल सके। लेकिन यह बात साफ है कि पंजाब में फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी और कांग्रेस पूरे बहुमत के साथ सत्ता में लौट रही है क्योंकि यह लड़ाई गरीब तथा मध्यम वर्ग की अमीरों की लॉबी के साथ है। आज मैं यह बात दावे से कह रहा हूं कि राज्य में खिचड़ी नहीं बनेगी, बल्कि खीर तैयार होगी और कांग्रेस पार्टी दो तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में आएगी।

प्र. - 'आप' वाले कह रहे करोड़ों की प्रापर्टी वाले चन्नी गरीब कैसे ?
उ. -
'आप' को सबसे बड़ी समस्या तो मेरी प्रसिद्धि के कारण है, जिससे वे लोग बौखला गए हैं। खासकर भगवंत मान तथा केजरीवाल हर मामले में झूठ बोल रहे हैं। मेरी प्रापर्टी 1.69 करोड़ की है, जिसका मैंने हल्फनामा दिया है लेकिन तीन बार फेल होकर 12वीं करने वाले भगवंत मान उसे 169 करोड़ पढ़ रहे हैं। मेरा केजरीवाल और भगवंत मान को खुला चैलेंज है कि वे अपनी प्रापर्टी मेरे साथ एक्सचेंज कर लें। भगवंत के पास तो खुद कई एकड़ जमीन है और घर भी दो-दो हैं।

प्र. - तो फिर सी.एम. चन्नी की कमाई कहां से है?
उ. -
मेरी पत्नी डॉक्टर है तथा मुझे विधायक का वेतन भी आता है। मैं वर्ष 2002 से प्रापर्टी का काम कर रहा हूं। उससे पहले 1986 में कोटे में पैट्रोल पम्प मिला था। 2007 में मेरे पास 2 किले जमीन थी, जिसमें से 2007 और 2012 के चुनावों में लगभग सारी बिक गई। पिछले 15 सालों में मेरी प्रापर्टी कम हुई है और बाकियों की बढ़ गई है। मैं आज एक और ऐलान करता हूं कि आज के बाद मेरे और मेरी पत्नी के नाम पर कोई नई प्रापर्टी नहीं होगी।

प्र. - सुखबीर तो कह रहे 2 करोड़ की गाड़ी में घूम रहा चन्नी का बेटा ?
उ. -
(हंसते हुए) मेरे पास अपनी एक फॉर्च्यूनर है, जिसकी कीमत 2 करोड़ नहीं है। वह मैंने लोन पर ली है और उसका 20 लाख का लोन अभी भी चुकाने वाला है। जहां तक बात 2 करोड़ की गाड़ी की है तो मेरे आसपास वही गाड़ियां घूम रही हैं, जो सुखबीर ने अकाली दल की सरकार होने के दौरान सरकारी खाते में खरीदी थीं। वही गाड़ियां अब मेरे रूट में चलती हैं।

प्र. - चुनावों में मुद्दों की जगह इस बार चेहरों की लड़ाई कैसे हो गई ?
उ. -
यह बात सही है कि पंजाब में इस बार के विधानसभा चुनाव चेहरों की लड़ाई में तबदील हो गए हैं। इसके पीछे बड़ा कारण यह है कि सत्ता की सारी ताकत मुख्यमंत्री के पास होती है। कैप्टन अमरिंदर सिंह या उनसे पहले प्रकाश सिंह बादल राज्य में मुख्यमंत्री रहे तो उनके पास सबकुछ करने के अधिकार रहे। मैं खुद कई बार कैप्टन अमरिंदर सिंह को समझा चुका था कि इस ताकत का इस्तेमाल गरीब तथा मध्यम वर्ग के लिए किया जाए, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। राज्य में मुख्यमंत्री के पास पूरी ताकत है कि वह जो भी करना चाहे, कर सकता है। इसीलिए लोग इस बार एक चेहरे की तलाश में है, जो उनके मुद्दों को हल कर सके। अब तक पंजाब में मेरे साथ भगवंत मान तथा सुखबीर बादल के बीच रेस है, लेकिन देखते हैं कि जनता क्या फाइनल करती है।

प्र. - खुद को सुखबीर और भगवंत पर कैसे हावी समझते हैं आप ?
उ. -
प्रकाश सिंह बादल बड़े नेता थे तथा उन्होंने शिरोमणि अकाली दल को बेहतर तरीके से चलाया। सुखबीर बादल ने आकर सबकुछ खराब कर दिया। सुखबीर बादल तथा बिक्रम मजीठिया के कारण अकाली दल का माहौल खराब हो चुका है। बेअदबी और ड्रग्स के मामलों में हुए खुलासों ने काफी कुछ साफ कर दिया है, जिससे शिरोमणि अकाली दल की छवि बेहद खराब है। जहां तक बात भगवंत मान की है, तो वह तो संसद, गुरुद्वारा साहिब के मंच पर शराब पीकर भी चढ़ते रहे हैं। उनकी गाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने के दौरान शराबी हालत में उनके साथियों को निकाला गया था। संसद में भी उनके पड़ोसी सांसद बकायदा उनसे शराब की बास आने के लिए सीट बदलने का आवेदन दे चुके हैं। स्टेज और स्टेट संभालना दोनों अलग-अलग चीजें हैं। चुटकलों और कविताओं से राज्य नहीं चलते। शिक्षा भी कोई चीज होती है।

प्र.- 111 दिनों में बाकियों से क्या अलग किया आपने ?
उ. -
मैंने सी.एम. पद की शपथ लेने के बाद राजनीति का ट्रैंड बदल दिया है। इससे पहले देर रात तक शराब पार्टियां होती थीं और अगले दिन दोपहर 2 बजे काम पर आते थे और 4-5 बजे फिर से अगली महफिल शुरू हो जाती थी। मैं न शराब पीता हूं, न पार्टियों में जाता हूं, मैंने राजनीति का ट्रैंड बदला और रात को 2-3 बजे तक काम किया। अफसरों को भी मेरे साथ काम करना पड़ा। यह जो बदलाव आया है, इसको कायम रखना जरूरी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह हों या भगवंत मान, इन लोगों से देर रात तक काम करने की उम्मीद ही नहीं की जा सकती।  

प्र. - 111 दिनों की सरकार के बाद आगे क्या प्लान है ?
उ. -
सबसे बड़ी बात इन 111 दिनों से पहले चरणजीत सिंह चन्नी को कौन जानता था। यह 111 दिनों का ही असर है कि आज पंजाब के बच्चे-बच्चे की जुबान पर चन्नी का नाम है। यहां तक कि रेहड़ी वाला भी मुझे यह कहता है कि आप इतनी देर कहां छिपे हुए थे। अगर पहले आ जाते तो हमारा कबका जीवन आसान हो चुका होता। जहां तक अगली योजना की बात है, तो राज्य में सामान्य श्रेणी के गरीब वर्ग के लिए आज तक किसी ने काम नहीं किया। दलित वर्ग में ही गरीब लोग नहीं हैं, बल्कि सामान्य श्रेणी तथा बैकवर्ड क्लास में भी गरीब लोगों की भरमार है। ऐसे लोगों के उत्थान के लिए मैं काम करना चाहता हूं क्योंकि मैंने खुद गरीबी देखी हुई है।

प्र. - आप पर वार पे वार कर रहे हैं मजीठिया?
उ. -
(हंसते हुए) छज्ज ते बोले, छाननी क्यों बोले। यह वही मजीठिया हैं, जिन पर ड्रग्स से लेकर कई अन्य तरह के आरोप लगे हुए हैं। मजीठिया उसी सरकार का हिस्सा थे, जिसमें रेप की घटनाएं होती थीं और सरेआम गुंडागर्दी करके बेटी के साथ छेड़छाड़ का विरोध करने पर ए.एस.आई. को गोली मार दी जाती थी। ये सब काम करने वाले लोग आज मुझ पर उंगली उठा रहे हैं तो यह ताज्जुब की बात है।

प्र. - सिद्धू अभी भी हैं क्या खफा?
उ. -
सिद्धू और मेरे बीच में कोई भी लड़ाई नहीं है। जिस मंच पर सिद्धू ने बोलने से मना किया, उसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं फैलाई जा रही हैं, जबकि असलियत यह है कि वह रैली प्रियंका गांधी की रैली थी तथा लोग उन्हें सुनने आए थे, जरूरी नहीं होता कि हर मंच पर सभी ने बोलना हो।

प्र. - केजरीवाल तो लिखकर दे गए कि आप हार रहे हैं दोनों सीटें?
उ. -
केजरीवाल वही शख्स हैं, जो पहले बयान दे देते हैं और फिर घुटनों पर बैठकर माफी भी मांग लेते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. अरुण जेतली तथा मौजूदा केंद्रीय नितिन गडकरी से केजरीवाल बयान जारी करने के बाद माफी मांग चुके हैं। बिक्रम मजीठिया जिसके ऊपर मैंने एफ.आई.आर. दर्ज करने की हिम्मत दिखाई, उसी मजीठिया से केजरीवाल लिखित में माफी मांग चुके हैं। इस मामले में भी वह मुझसे माफी मांग लेंगे। दरअसल हैरानी की बात है कि केजरीवाल जैसे बाहरी लोग पंजाब में पंजाबियों पर सत्ता जमाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। पर मेरा सवाल है कि क्या अब पंजाबियों पर बाहरी लोग राज करेंगे। भगवंत मान तो सिर्फ एक चेहरा हैं और केजरीवाल खुद भगवंत को हराने के लिए कोशिशों में जुटे हुए हैं। बाहर से 5000 लोगों की टीम पंजाब में लगाई गई है। केजरीवाल तथा राघव चड्ढा भगवंत को हराकर खुद राज्य का सी.एम. बनना चाहते हैं।

प्र. - तो फिर दो सीटों पर क्यों लड़ा जा रहा है चुनाव ?
उ. -
चमकौर साहिब से मैं पहले नामांकन दाखिल कर चुका हूं तथा वहां से चुनाव लड़ भी चुका हूं। बताया जा रहा था कि आम आदमी पार्टी मालवा में मजबूत है, इसी कारण मुझे दूसरी सीट से मैदान से उतारा गया है, जिसके बाद एक सकारात्मक असर देखने को मिला है। 50 साल में कांग्रेस एक बार ही यह सीट जीती है। आम आदमी पार्टी की मालवा बैल्ट जिसके सहारे वह मैदान में है, खत्म हो रही है।

प्र. - कांग्रेस सत्ता में आई तो आपकी पहल क्या है ?
उ. -
राज्य में आटा व दाल के साथ आप लोगों की गरीबी दूर नहीं कर सकते। हां यह भी जरूरी है, लेकिन इसके साथ-साथ शिक्षा और हैल्थ पर काम किया जाना बहुत जरूरी है। सत्ता में आने के बाद मेरी सबसे पहली कोशिश है कि राज्य में शिक्षा और हैल्थ को पूरी तरह से फ्री कर दिया जाए, जिसके लिए मैंने योजना बना रखी है। पंजाब में हैल्थ व्यवस्था बेहद महंगी है तथा लोग इसके कारण उचित इलाज ही नहीं करवा पाते। गरीब लोगों को शिक्षा नहीं मिलती और अगर यही शिक्षा मुफ्त होगी, तो वे पढ़-लिखकर अच्छे रोजगार ले सकेंगे। राज्य में आते ही पहले एक लाख नई नौकरियों की फाइल साइन करना मेरी पहली कोशिश है। अगर मैं ये सब काम नहीं कर सका तो अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा।

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