Edited By Kamini,Updated: 17 Oct, 2024 02:44 PM
पंजाब में केबल ऑपरेटरों के बीच विवाद का मामला अब CBI के पास पहुंच गया है।
पंजाब डेस्क : पंजाब में केबल ऑपरेटरों के बीच विवाद का मामला अब CBI के पास पहुंच गया है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana HighCourt) ने पिछले कुछ वर्षों से लंबित पंजाब में विभिन्न केबल ऑपरेटरों के विवादों से संबंधित मामलों की जांच करने के लिए CBI को आदेश दिया है। इस मौके पर पंजाब के केबल ऑपरेटरों के बीच के विवाद में सामने आई FIR के आंकड़ों के बीच पंजाब पुलिस की किरकिरी करते हुए हाईकोर्ट (High Court) ने FIR की जांच CBI को सौंप दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि राज्य की जांच एजेंसी पर इस FIR के साथ-साथ अन्य पंजीकृत मामलों में निष्पक्ष और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का कोई भरोसा नहीं बचा है, जोकि याचिकाकर्त्ता या जवाबदाता द्वारा रिकॉर्ड पर लाया गया है।
कोर्ट का कहना है कि फास्टवे केबल्स (Fastway Cables) के खिलाफ या तो एक दूसरे के खिलाफ या अलग-अलग नामों से अन्य केबल ऑपरेटरों को शामिल करते हुए मुकदमा दर्ज किया गया है। सोमवार को आदेश जारी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि कुछ मीडिया घरानों को सत्तारूढ़ या विपक्षी दलों के मौजूदा विधायकों द्वारा चलाया और नियंत्रित किया जाता है। लेकिन उनकी ओर से की गई चूक और कमीशन की हरकतें न केवल उपकरणों के लिए बर्बरता, धमकी और तोड़फोड़ का कारण बन रही है, बल्कि समग्र रूप से संविधान के मूल ढांचे को नुकसान पहुंचा रही है। अंगद दत्ता द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे पारित किया, जिसमें याचिकाकर्ता के खिलाफ पुलिस स्टेशन न्यू बारादरी, जालंधर में धारा 406 (विश्वासघात), 379 (चोरी) आईपीसी के तहत 25 अप्रैल, 2022 को दर्ज FIR 0049 की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने के निर्देश देने की मांग की गई थी, ताकि निष्पक्ष जांच की जा सके और उपरोक्त FIR को रद्द किया जा सके।
सुनवाई दौरान पीठ ने कहा कि जांच दौरान पाया गया है कि केबल ऑपरेटरों के खिलाफ सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं सहित कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों के इशारों पर बड़ी संख्या में FIR दर्ज की गई है। SIT के गठने के बावजूद इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हाईकोर्ट ने पाया कि केबल ऑपरेटरों के खिलाफ एफआईआर के अलावा, इस अदालत के समक्ष याचिकाकर्ता और फास्टवे केबल्स द्वारा दर्ज एफआईआर के अलावा, पंजाब के विभिन्न जिलों में 74 अन्य आपराधिक शिकायतें हैं, जिनमें पटियाला, लुधियाना (Ludhiana), जालंधर (Jalandhar) और अमृतसर (Amritsar) शामिल हैं, इसके अलावा सीईसी के पास 3 और पंजाब के CM के पास एक शिकायत लंबित है। पंजाब में केबल ऑपरेटरों/मीडिया घरानों के लिए मौजूदा माहौल का न केवल Punjab बल्कि पूरे देश पर व्यापक असर पड़ेगा, क्योंकि स्थानीय चैनल इस वैश्विक क्षेत्र में पूरे देश में प्रसारित हो रहे हैं।
हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले कों संवेदनशीलता से लेते हुए प्राथमिकता के आधार पर काम करना चाहिए, लेकिन जांच एजेंसी/पुलिस अधिकारियों की कार्रवाई पर पारदर्शिता और निष्पक्षता का संदेह पैदा हो रहा है। हाईकोर्ट ने कहा कि पंजाब की पुलिस पर कोई भरोसा नहीं बचा है, इसलिए CBI को 3 महीने में जांच पूरी करनी चाहिए। Highcourt ने जांच CBI को सौंपते हुए कहा कि यदि सीबीआई को मैनपावर चाहिए तो चंडीगढ़ पुलिस से लेना, पंजाब पुलिस भरोसा खो चुकी है।
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