Edited By Urmila,Updated: 05 Jan, 2025 05:26 PM
अगर आप 6, 7 और 8 जनवरी को सरकारी बसों में सफर करने का प्लान बना रहे हैं तो ये खबर आपके लिए अहम होगी। दरअसल, प्रदेश में 3 दिन और 6, 7 और 8 जनवरी को सरकारी बसों का चक्का जाम रहने वाला है।
जालंधर : अगर आप 6, 7 और 8 जनवरी को सरकारी बसों में सफर करने का प्लान बना रहे हैं तो ये खबर आपके लिए अहम होगी। दरअसल, प्रदेश में 3 दिन और 6, 7 और 8 जनवरी को सरकारी बसों का चक्का जाम रहने वाला है और 6, 7 व 8 जनवरी को राज्य में पी.आर.टी.सी. व पनबस की बसें नहीं चलेंगी। अपनी मांगों को लेकर पी.आर.टी.सी. और पनबस कर्मचारी यूनियन ने चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास के सामने प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। इसके चलते 6, 7 और 8 जनवरी को सरकारी बसों में सफर करने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
उल्लेखनीय है कि मांगों को लेकर संघर्ष कर रही पनबस-पी.आर.टी.सी. ठेका मुलाजिम यूनियन ने पंजाब भर के मंत्रियों को मांग पत्र सौंप कर ठेका मुलाजिमों को पक्का करने की मांग प्रमुखता से उठाई गई थी। इसी कड़ी के तहत पिछले महीने जालंधर डिपो 1 और 2 के कर्मचारियों ने कैबिनेट मंत्री महिंदर भगत और दोआबे के विभिन्न विधायकों से उनके आवास पर मुलाकात की थी। कैबिनेट मंत्री के आवास पर पहुंचे प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अध्यक्ष बिक्रमजीत सिंह, सतपाल सिंह सत्ता, जसबीर सिंह, अनूप सिंह, सुखविंदर सिंह, सतनाम सिंह और वरिष्ठ नेता चानन सिंह चन्ना ने किया। यूनियन पदाधिकारियों ने महिंदर भगत को मांग पत्र सौंपा और यूनियन की मांगों से अवगत कराया था। मंत्रियों व विधायकों को मांग पत्र सौंपने के बाद यूनियन ने स्थानीय बस स्टैंड पर संबोधित भी किया। बिक्रमजीत सिंह, सतपाल सिंह सत्ता और चन्नण सिंह चन्ना ने कहा कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने में हो रही देरी के कारण यूनियन संघर्ष का बिगुल बजाने पर मजबूर हुई है।
चन्नन सिंह ने कहा कि मांगों को लेकर चल रही देरी और विभागीय नीतियां परेशानी में डाल रही हैं। उनकी मांगों को लेकर मंत्रियों द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। अधिकारी कई बार उनकी मांगों को पूरा करने का वादा कर चुके हैं लेकिन सब कुछ टाल दिया गया है. उन्होंने कहा कि अगर शीघ्र कोई समाधान नहीं किया गया तो वे बड़े स्तर पर संघर्ष करने को मजबूर होंगे। इसी कड़ी के तहत 6, 7 और 8 जनवरी को पूरे प्रदेश में सरकारी बसों का चक्का जाम किया जाएगा और मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना देकर रोष प्रदर्शन किया जाएगा। 3 दिवसीय चक्का जाम के दौरान कर्मचारी काम नहीं करेंगे और जिला स्तर पर बड़े प्रदर्शन किये जायेंगे। इसके तहत बस स्टैंड को बंद करने की भी योजना बनाई जाएगी और निजी बसों को बस स्टैंड में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। वक्ताओं ने कहा कि तीन दिवसीय धरना के दौरान वरिष्ठ मंत्रियों के घरों के सामने पुतला फूंका जायेगा।
सतपाल सिंह ने कहा कि पहले भी कई बार नेताओं को पत्र भेजा गया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। ऐसा लगता है कि नेता अपनी ही मांगों से पीछे हट रहे हैं, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मौके पर बड़ी संख्या में डिपो 1-2 से जुड़े यूनियन नेता मौजूद थे। वक्ताओं ने यूनियन नेताओं को कड़े संघर्ष के लिए तैयार रहने की बात कहते हुए कहा कि आने वाले दिनों में परिवारों के साथ सड़कों पर उतरने की नौबत आ सकती है इसलिए सभी नेता तैयारी रखें।
विभाग अपना रहा कई तरह के हथकंडे
यूनियन के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने में देरी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर इस संबंध में तुरंत प्रभाव से कार्रवाई नहीं की गई तो विभाग को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा क्योंकि कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने को लेकर दिए गए आश्वासन खोखले साबित हो रहे हैं। विभाग द्वारा कच्चे कर्मचारियों को परेशान करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, जिससे यूनियन में रोष बढ़ता जा रहा है।
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