पंजाब के स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के लिए बड़ी खबर, लागू होने जा रही ये योजना...

Edited By Vatika,Updated: 12 Aug, 2024 12:27 PM

big news for children studying in punjab schools

आमतौर पर बच्चे एक दिन में तकरीबन 6 घंटे और साल भर में लगभग एक हजार घंटे स्कूल में बिताते हैं।

चंडीगढ़: पंजाब के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले मासूमों के कंधों से स्कूल बैग का भारी भरकम वजन कम होगा। पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 के अंतर्गत स्कूलों में बैग फ्री डेज के निर्देशों को लागू करने की तैयारी कर ली है। पॉलिसी ने एक शैक्षणिक सत्र के दौरान 10 बैग फ्री डेज लागू करने को कहा है।

ध्यान रहे केंद्रीय शिक्षा विभाग ने न्यू एजूकेशन पॉलिसी की चौथी सालगिरह के मौके पर सभी राज्यों के शिक्षा विभाग को बैग फ्री डेज लागू करने की हिदायत जारी की है। जिसके बाद पंजाब के शिक्षा विभाग में स्टेट कौंसिल फॉर एजूकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एस.सी.ई.आर.टी.) ने बैग फ्री डेज के दौरान स्कूली बच्चों से करवाई जाने वाली एक्टिविटी का खाका तैयार करना शुरू कर दिया है। एस. सी. ई. आर.टी. के अधिकारियों का कहना है कि स्कूलों में बच्चों को बैग फ्री दिनों में किताबों  के बगैर किस तरह से पढ़ाना है इसका मॉड्यूल लगभग तैयार कर लिया गया है और अब यह तय करना बाकी है कि एक महीने में एक बैग फ्री डे करना है या फिर एक सप्ताह में एक दफा ऐसी व्यवस्था लागू की जानी है। अधिकारी का कहना है कि स्कूल बैग के भारी भरकम वजन की वजह से किशोर बच्चों की गर्दन, कमर में होने वाले दर्द और बैठने के तरीके में आने वाली समस्या को ध्यान में रखते हुए ही नई शिक्षा नीति में इस बाबत निर्देश जारी किए गए हैं। आमतौर पर बच्चे एक दिन में तकरीबन 6 घंटे और साल भर में लगभग एक हजार घंटे स्कूल में बिताते हैं। नई शिक्षा नीति के मुताबिक बैग मुक्त दस दिनों के 60 घंटों का आबंटन करना है।

किताबों से बाहर की दुनिया से होंगे परिचित
पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग की अधिकारी डा. नवनीत कद का कहना है कि बच्चों को अब खेल-खेल में पढ़ना सिखाया जाएगा ताकि बच्चे किताबों से बाहर के जीवन को भी समझ सकें। बैग फ्री पढ़ाई में प्रायोगिक तरीके से बच्चों को पढ़ाया जाएगा। पुस्तक मेले, साइंस प्रोजैक्ट, मैथ एक्सपैरिमेंट्स, स्पोर्ट्स, स्टोरी टैलिंग सैशन, रीडिंग एक्टिविटी, पौधारोपण जैसी चीजें बच्चों को पर्यावरण, जीवन से तो जोड़ेगी ही साथ ही विषय पर सटीक पकड़ बनाने में भी मदद करेगी। एक्सपोजर विजिट साइंस संकाय के बच्चों को अस्पताल, अनुसंधान संस्थानों में ले जाकर वहां के काम दिखाए जाएंगे। आर्ट्स के बच्चों को आर्ट्स कालेज का दौरा, आई.पी.एस. अधिकारी, जेलर आदि से मुलाकात करवाएंगे जबकि डिफैंस के बच्चों को डिफेंस इंस्टीच्यूट ले जाएंगे। खिलाड़ी बच्चे स्पोर्ट्स गतिविधियों का हिस्सा बनेंगे। इसके अलावा मूर्तिकला, चित्रकला, कारपेंटरी, प्लंबर, इलैट्रिशियन जैसे कोर्स का प्रशिक्षण हासिल कर बच्चे आत्मनिर्भर बनेंगे और उनका कौशल विकास भी हो सकेगा।

अध्ययन के बाद राज्यों को जारी किए यह निर्देश
-हल्का स्कूल बैग रहे बैग का वजन नियमित तौर पर चैक करें
- टाइम टेबिल के हिसाब से किताबें मंगवाए
- किताब की बजाय टैब इस्तेमाल करें
- स्कूल के काम वाली कॉपी स्कूल में ही
- रैफरेंस बुक स्कूल में ना लाई जाएं

शरीर के वजन के 10 फीसदी से ज्यादा न हो बैग
नई शिक्षा नीति 2020 में भारी भरकम स्कूल बैग के वजन को कम करने के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। केंद्रीय शिक्षा विभाग बैग के वजन का आंकलन करने के लिए करवाए अध्ययन में पाया कि स्कूलों में बच्चे अपने वजन से कहीं ज्यादा बोझ बैग में रखी किताबों का उठा रहे हैं। अध्ययन के बाद कहा गया कि बच्चे के स्कूल बैग का वजन शरीर के वजन के 10 प्रतिशत ज्यादा नहीं होना चाहिए।

शिक्षा विभाग कर रहा है योजना पर काम
स्टेट कौंसिल फॉर एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एस.सी.ई.आर.टी.) की सहायक निदेशक डा. अमनदीप कौर का कहना है कि स्कूलों में बैग फ्री डेज लागू किए जाएंगे। बच्चों को किस तरह से फन लर्निंग करवानी है इसको लेकर काम किया जा रहा है। एक शैक्षणिक सत्र के दौरान 10 बैग फ्री डेज तो लागू किए जाएंगे परंतु एक महीने में एक बैग फ्री-डे रहेगा या सप्ताह के हिसाब से फैसला लिया जाएगा यह फिलहाल तय नहीं किया गया है। बच्चों को बाहर की दुनिया से परिचित करवाना है।

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