Edited By Vaneet,Updated: 24 Aug, 2019 02:49 PM
भाजपा के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली पंजाब और पंजाबियत से खासा प्रेम रहा है। ...
अमृतसर: भाजपा के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली पंजाब और पंजाबियत से खासा प्रेम रहा है। विभाजन के बाद उनका परिवार अमृतसर में उनकी बुआ के घर ही रुका था, हालांकि उनका जन्म दिल्ली में हुआ था। उनकी पत्नी का ननिहाल भी अमृतसर में ही है। यही वजह है कि गुरू नगरी से हमेशा ही उनका विशेष प्रेम रहा है। यही वजह है कि उन्होंने वहां से चुनाव भी लड़ा था। अमृतसर को स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल करने में भी उनका बहुत योगदान रहा है। गोल्डन टैंपल में जीएसटी को लागू करने पर जब बवाल हुआ था तो उनके प्रयासों से ही इसे हटाया गया और इस संबंध में 300 करोड़ रुपये का जीएसटी वापस किये जाने का भी फैसला सरकार की ओर से लिया गया था। इस पर पंजाब के नेता और स्वयं सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने उनकी सराहना की थी।
आपको बता दें कि भाजपा की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने इस संबंध में केंद्र सरकार से मांग की थी। केंद्र में मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस मुद्दे को वित्त मंत्री अरुण जेटली के समक्ष भी उठाया था। केंद्र सरकार से पूर्व पंजाब सरकार ने स्वर्ण मंदिर में लंगर के लिए खरीदे जाने वाले सामान पर लगने वाले जीएसटी में अपना हिस्सा छोडऩे का फैसला लिया था।
स्वर्ण मंदिर को दुनिया के सबसे बड़े सामुदायिक रसोईघर के रूप में जाना जाता है, जहां 50,000 से अधिक श्रद्धालुओं को सामान्य दिनों में तथा 1,00,000 से अधिक श्रद्धालुओं को सप्ताहांत और त्योहारों के मौकों पर ताजा खाना खिलाया जाता है। इन सामुदायिक रसोई घरों के लिए खरीदी जानेवाली ज्यादातर वस्तुएं नए जीएसटी के विभिन्न करों की दरों के अंतर्गत आती हैं। सिख धर्म की लघु-संसद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के कई गुरुद्वारों में सामुदायिक रसोईघर चलाती है, जिसमें अमृतसर का हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) भी शामिल है।