Edited By Vatika,Updated: 05 Nov, 2018 09:35 AM
शिरोमणि अकाली दल के नेताओं बलविंद्र सिंह भूंदड़ और प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा द्वारा अचानक मारी पलटी को समझ से परे बताया है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ब्रह्मपुरा ने कहा था कि पार्टी नेतृत्व के साथ किसी भी मुद्दे पर कोई...
चंडीगढ़(अश्विनी): शिरोमणि अकाली दल के नेताओं बलविंद्र सिंह भूंदड़ और प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा द्वारा अचानक मारी पलटी को समझ से परे बताया है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ब्रह्मपुरा ने कहा था कि पार्टी नेतृत्व के साथ किसी भी मुद्दे पर कोई मतभेद नहीं हैं। वह उम्र अधिक होने के कारण पार्टी के पदों को छोड़ रहे हैं, जबकि अब अचानक ब्रह्मपुरा ने ऐसे मुद्दे उठा लिए जिनके बारे में पहले कभी भी पार्टी के अंदर या बाहर बात तक नहीं की थी।
शिअद नेताओं ने कहा कि बेअदबी जैसे मुद्दे पर ब्रह्मपुरा जैसे वरिष्ठ नेता को नेतृत्व के साथ मतभेदों की बात करना शोभा नहीं देता, क्योंकि बेटे को पार्टी की टिकट पर उस सीट से चुनाव लड़वाया था जिसे कांग्रेसी नेता रमनजीत सिंह सिक्की ने बेअदबी के मुद्दे पर रोष स्वरूप इस्तीफा देकर खाली किया था। उन्होंने लीडरशिप को विनती की थी कि बेअदबी कोई मुद्दा नहीं है और कांग्रेस राजनीतिकरण कर रही है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि ब्रह्मपुरा साहब, अब अचानक यह मुद्दा कैसे बन गया? यह झूठ उनके अतीत के व्यवहार पर अंगुली उठाता है।
शिअद नेताओं ने याद करवाया कि जब विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए गए थे तो सुखबीर बादल के नेतृत्व में पूर्ण भरोसा जताने वाले पार्टी के प्रस्ताव का समर्थन करने में ब्रह्मपुरा सबसे आगे थे। शिअद नेताओं ने कहा कि नाराजगी होने के बावजूद 7 साल तक चुप बैठे रहना बहुत लंबा समय होता है। ब्रह्मपुरा द्वारा अकाली सरकार के सत्ता में होते सभी सुविधाएं लेते रहना और अब अचानक ऐसी बातों के दावे करना, जो कभी हुई ही नहीं हैं, यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुरा अब भी एक अकाली सांसद हैं, उनको पार्टी के प्रति इतने कृतघ्न नहीं होना चाहिए।