छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए Advisory जारी, सेहत विभाग ने दी खास सलाह

Edited By Vatika,Updated: 07 May, 2024 10:33 AM

advisory issued for small children and elderly

इन दिनों तेजी से बढ़ रही गर्मी से नवजात शिशु छोटे बच्चों तथा सीनियर सिटीजंस को लू से बचने के लिए अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए।

लुधियाना : इन दिनों तेजी से बढ़ रही गर्मी से नवजात शिशु छोटे बच्चों तथा सीनियर सिटीजंस को लू से बचने के लिए अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए। यह जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉक्टर जसबीर सिंह औलख ने बताया कि मौसम विभाग द्वारा आने वाले दिनों में तापमान में बढ़ौतरी के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने लोगों को लू से बचाने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है ताकि लोग गर्मी के मौसम में अत्यधिक गर्मी से होने वाली बीमारियों से खुद को बचा सकें। लोगों से स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी सलाह का पालन करने का आग्रह करते हुए डॉ. जसबीर सिंह औलख ने कहा कि मई और जून के महीनों के दौरान लू चलने की अधिक संभावना होती है और इस दौरान आम जनता के साथ-साथ विशेष रूप से जोखिम की श्रेणी में आने वाले लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।

 

किसको लू लगने का है अधिक खतरा

* नवजात शिशु और छोटे बच्चे

* गर्भवती महिलाएं

* 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोग

* मोटापे से पीड़ित लोग

* मानसिक तौर से बीमार

* हृदय रोग तथा उच्च रक्तचाप वाले मरीज

 

क्या करें

* घर से बाहर का काम दिन के ठंडे समय जैसे सुबह और शाम के दौरान किया जाना चाहिए।

* प्यास न होने पर भी हर आधे घंटे में पानी पिएं। मिर्गी या हृदय रोग, गुर्दे या यकृत रोग से पीड़ित लोग जो तरल पदार्थ-प्रतिबंधित आहार पर हैं, उन्हें पानी का सेवन बढ़ाने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

(बाहर काम करते समय हल्के रंग के पूरी बाजू के कपड़े पहनें। कोशिश करें कि गर्मियों में सूती कपड़े ही पहनें।

*अपने सिर को सीधी धूप से ढकने के लिए छाता, टोपी, तौलिया, पगड़ी या दुपट्टे का प्रयोग करें।

*नंगे पैर बाहर न निकलें, धूप में निकलते समय हमेशा जूते या चप्पल पहनें।

* धूप में काम करने वाले लोगों को शरीर का तापमान उचित बनाए रखने के लिए छाया में आराम करना चाहिए या सिर पर गीला कपड़ा रखना चाहिए।

*धूप में बाहर जाते समय हमेशा पानी साथ रखें।

*मौसमी फल और सब्जियां जैसे तरबूज, संतरा, अंगूर, खीरा और टमाटर खाएं क्योंकि इनमें पानी की मात्रा अधिक होती है।

*जो लोग आपके घर या कार्यालय में सामान या भोजन की डिलीवरी के लिए आते हैं उन्हें पानी पिलाएं।

* नींबू पानी, लस्सी, नारियल पानी जैसे घरेलू पेय पदार्थों का उपयोग और खपत बढ़ाएँ।

*अपनी त्वचा की सुरक्षा के लिए सनस्क्रीन और आंखों की सुरक्षा के लिए काला चश्मा पहनें।

*कम खाना खाएं और अधिक बार खाएं।

*ठंडे पानी से बार-बार नहाएं।

*छतों पर छप्पर डालकर या सब्जियां उगाकर तापमान को कम रखा जा सकता है।

*यदि व्यायाम कर रहे हैं, तो धीरे-धीरे शुरू करें और इसे कुछ दिनों तक बढ़ाएं।

*पारंपरिक उपचार जैसे प्याज का सलाद और कच्चे आम को नमक और जीरा के साथ खाने से हीट स्ट्रोक से बचा जा सकता है।

 

क्या न करें

* दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच धूप में बाहर जाने से बचें।

* गर्म समय में खाना पकाने से बचें, रसोई को अच्छी तरह हवादार रखने के लिए दरवाजे और खिड़कियां खुली रखें।

* शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड और अत्यधिक मीठे पेय पदार्थों का सेवन कम से कम करें क्योंकि ये वास्तव में शरीर के तरल पदार्थ को खत्म कर देते हैं।

* तले हुए भोजन से परहेज करें, बासी भोजन न करें।

* बच्चों या पालतू जानवरों को बंद वाहन में न छोड़ें।

 

ऐसे लक्षण जिनके लिए चिकित्सा ध्यान देने की आवश्यकता

* मानसिक संतुलन में परिवर्तन के साथ बेचैनी, बोलने में कठिनाई, चिड़चिड़ापन, एटैक्सिया (बोलने में कठिनाई), हकलाना, दौरे पड़ना आदि।

* गर्म, लाल और शुष्क त्वचा।

* जब शरीर का तापमान 40 डिग्री या इससे अधिक हो जाए।

* गंभीर सिरदर्द।

* चिंता, चक्कर आना, बेहोशी और हल्का सिरदर्द।

* मांसपेशियों में कमजोरी या अकड़न एक घंटे से अधिक समय तक बनी रहती है।

* उल्टी (जी मिचलाना)

* तेज दिल की धड़कन

* सांस लेने में कठिनाई

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