Edited By Vatika,Updated: 11 Feb, 2025 04:42 PM

उन्होंने कहा कि एक बड़ा 'भूमि युद्ध' चल रहा है और एकजुट संघर्ष के बिना इसका कोई समाधान नहीं निकलेगा।
बरनाला: अपनी मांगों को लेकर किसानों का संघर्ष लगातार जारी है। इसी कड़ी के तहत भारतीय किसान यूनियन उगराहां द्वारा इस गुरुवार 13 फरवरी को बठिंडा के जिऊंद गांव में एक बड़ी रैली की जा रही है। इस रैली को लेकर बरनाला जिले के गांवों में किसानों के साथ बैठकें की गईं और लोगों को बड़े काफिले के साथ पहुंचने का निमंत्रण दिया गया।
इस अवसर पर बोलते हुए संगठन के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि 13 फरवरी को बठिंडा जिले के गांव जिऊंद में एक बड़ी रैली की जा रही है। इस रैली के लिए लोगों को इकट्ठा करने के लिए गांवों में बैठकें आयोजित की जा रही हैं। सरकार की कॉरपोरेट समर्थक नीतियों के जरिए पंजाब की जमीन पर बड़ा हमला किया जा रहा है। सरकार भारत माला परियोजना, सड़क, गैस पाइपलाइन और नई कृषि बाजार नीति के जरिए भूमि अधिग्रहण कर रही है। इसके अलावा 1952 के काश्तकारों द्वारा कब्जा की गई जमीनों पर किसानों को अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष चल रहा है। सरकार किसी न किसी बहाने किसानों की जमीन जब्त करने की तैयारी कर रही है। उन्होंने मांग की कि पंजाब सरकार विधानसभा सत्र में नई कृषि नीति के मसौदे को खारिज करे।
उन्होंने कहा कि उनका विरोध दिल्ली सरकार की नीतियों के प्रति रहा है। किसी भी पार्टी की सरकार ने आज तक किसानों के पक्ष में कोई नीति नहीं बनाई। इसके साथ ही उन्होंने जगजीत सिंह डल्लेवाल से भी अपना आमरण अनशन समाप्त करने की अपील की और कहा कि वह संघर्ष जारी रखें। उन्होंने कहा कि एक बड़ा 'भूमि युद्ध' चल रहा है और एकजुट संघर्ष के बिना इसका कोई समाधान नहीं निकलेगा।