पंजाब के 9 हजार प्राईवेट स्कूल बंद, 5 लाख मुलाजिमों का दांव पर लगा भविष्य

Edited By Tania pathak,Updated: 07 Apr, 2021 12:48 PM

9 thousand private schools closed in punjab 5 lakh employees are at stake

विश्व स्तर पर फैली कोरोना वायरस की महामारी कारण जहां पिछले 2020 में स्कूल लंबा समय बंद रहे है, वहीं...

मोगा (गोपी राऊके) : विश्व स्तर पर फैली कोरोना वायरस की महामारी कारण जहां पिछले 2020 में स्कूल लंबा समय बंद रहे है, वहीं अब अप्रैल महीने से नया शिक्षित सैशन 2021-22 शुरू होने से पहले पंजाब सरकार द्वारा सरकारी तथा प्राईवेट स्कूलों को बंद करने के 10 अप्रैल तक जारी किए आदेशों कारण पंजाब के प्राईवेट लगभग 9 हजार स्कूलों की मैनेजमैंट कमेटियां, अध्यापकों तथा अभिभावक संघर्ष कर रहे है।

स्कूलों में 5 लाख से अधिक टीचिंग तथा नान टीचिंग स्टाफ का भविष्य भी दाव पर लग गया है, क्योंकि इन मुलाजिमों को खतरा परेशान कर रहा है कि अगर सरकार ने पिछले वर्ष की तरह स्कूल लंबा समय बंद रखे तो उन को मिलता वेतन बंद हो सकता है। इस कारण उनके परिवार को अपना पेट पालने के लिए भी परेशानियां का सामना करना पड़ सकता है।

हैरानी की बात तो यह है कि पंजाब सरकार द्वारा किसी भी तरह की ओर भीड़ वाली जगहों शापिंग माल, सिनेमा हाल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन पर लोगों की गिनती कम करने के लिए कुछ नहीं किया, परंतु स्कूलों को दिए आदेशों के कारण स्कूल कमेटियों, अभिभावकों तथा विद्यार्थियों का सरकार प्रति गुस्सा 7वें आसमान पर पहुंच गया है। पंजाब केसरी द्वारा हासिल किए आकड़ों अनुसार पंजाब के प्राईवेट स्कूल विद्यार्थियों को बढ़िया शिक्षा का प्रकाश वितरित कर रहें हैं, इन स्कूलों में पढ़ते विद्यार्थी पिछले वर्ष पढ़ाई का बडा नुक्सान करवा चुके हैं, चाहे आनलाइन विद्यार्थियों तक स्कूलों ने शिक्षा का प्रकाश वितरित किया है, परंतु विद्यार्थी जिस तरह स्कूल आकर अध्यापकों के पास पढ़ाई करते हैं, उसी तरह घर बैठकर पढ़ाई ठीक तरह नहीं होती।

पता चला है कि सरकार द्वारा शिक्षा के मियार को ऊंचा उठाने के वायदों के उल्ट सरकार ने पास प्रतिशत को 33 प्रतिशत से कम करके 20 प्रतिशत कर दिया है, जिस से शिक्षा का स्तर ओर भी नीचे चला गया है। स्कूल मैनेजमैंट कमेटियों के नुमायंदे कहते है कि जब कोई राजनीति पार्टी राजनीतिक रैली करती है तो कहीं भी प्रशासन या सरकार द्वारा मनाही वाले आदेश जारी नही किए, परंतु यह आदेश इकलौते स्कूलों पर ही क्यों लागू किए जाते हैं।

इसी दौरान ही आज मोगा मेे फैडरेशन आफ स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलवंत सिंह दानी, सीनियर उपाध्यक्ष संजीव कुमार सैनी, उपाध्यक्ष दविंदरपाल सिंह रिंपी ने दोबारा स्पष्ट किया है कि प्राईवेट स्कूल खोले जाएगें। उन्होंने कहा कि इकलौते प्राईवेट स्कूलों पर सरकार को आदेश जारी नहीं करने चाहिए। उन्होंने कहा कि सब कुछ खुला है परंतु स्कूल बंद करना का फैसला ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि 8 अप्रैल को शिक्षा मंत्री द्वारा की रिवियू मीटिंग की जा रही है तथा अगर 10 तारीख के बाद केवल स्कूल बंद करने का फैसला लिया तो 11 अप्रैल को पंजाब स्तर पर सभी जिलों के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग करके 12 अप्रैल को पंजाब भर के सभी प्राईवेट स्कूल खोले जाएगें।

बोर्ड की परीक्षाओं की पढाई का हो रहा है नुक्सान
10वीं तथा 12वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षाएं मई महीने हो रही है, परंतु सरकार द्वारा स्कूल बंद करने के आदेशों के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुक्सान हो रहा है। स्कूल मुखी बताते है कि अगर स्कूल खुले रहते तो विद्यार्थी परीक्षाओं की तैयारी ओर कर सकते थे। पता चला है कि आनलाइन पढ़ाई कारण विद्यार्थियों की आंखों का भी बडे़ स्तर पर नुक्सान हो रहा है। आंखों के माहिर डाक्टरों ने माना है कि जब पिछले वर्ष से आनलाइन पढ़ाई की शुरूआत हुई है तब से विद्यार्थियों की आंखे खराब होने के केस अधिक आ रहे हैं।
 

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