पंजाब में 80 प्रतिशत स्कूली बच्चों को मिलेगा सुरक्षा कवच, पढ़ें क्या है पूरी खबर

Edited By Vatika,Updated: 18 Jul, 2024 09:09 AM

80 percent of school children in punjab have dental problems

यह खुलासा पंजाब स्वास्थ्य विभाग के ओरल हैल्थ प्रोग्राम के दौरान सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के

चंडीगढ़: पंजाब के स्कूलों में पढ़ने वाले अधिकतर बच्चे दांतों की सड़न और मसूड़ों की सोजिश से ग्रस्त हैं। यह खुलासा पंजाब स्वास्थ्य विभाग के ओरल हैल्थ प्रोग्राम के दौरान सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के दांतों की स्क्रीनिंग में हुआ है।

पंजाब डेंटल हैल्थ प्रोग्राम के अंतर्गत प्रदेश के दंत विशेषज्ञों ने वर्ष 2023-24 के दौरान 19,708 सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 1,67,991 बच्चों के दांतों का चैकअप किया। जबकि वर्ष 2022-23 के दौरान 1,76,999 बच्चों के दांतों की स्क्रीनिंग की गई। उधर, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 22,48,337 बच्चों, 24,906 आंगनबाड़ी केंद्रों के 8,56,571 बच्चों के दांत चैक किए गए और उनमें से 10,442 बच्चों के दांतों का नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ट्रीटमेंट भी करवाया गया। नैशनल ओरल हैल्थ प्रोग्राम - (पंजाब) की नोडल अधिकारी डा. • नवरूप कौर बाजवा का कहना है  कि पंजाब के स्कूलों में पढ़ने वाले - बच्चों में दांतों की सबसे बड़ी समस्या - दांतों की सड़न और मसूड़ों की  सोजिश पाई गई है। 80 प्रतिशत बच्चों की यही समस्या है। स्वास्थ्य विभाग  द्वारा विशेष ओरल हैल्थ प्रोग्राम चलाया जा रहा है जिसमें मैडीकल ऑफिसर सप्ताह में एक दिन एक - सरकारी स्कूल में जाकर बच्चों के दांतों की जांच करता है।

स्कूल के जितने बच्चों को दांतों की ट्रीटमेंट की जरूरत होती है उन बच्चों को स्कूल के नजदीक बने स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए भेजा जाता है। बच्चों के दांतों के कीड़े निकालने से लेकर उनकी फिलिंग, रूट कनाल ट्रीटमेंट सबकुछ निःशुल्क तौर पर करवाया जाता है। मसूड़ों की सूजन के लिए भी बच्चों को दवा दी जाती है। डा. नवरूप ने कहा कि स्क्रीनिंग के दौरान पाया गया है कि बच्चे दांतों पर चिपकने वाली खाने पीने की चीजों का सेवन करते हैं और रात में दांतों की सफाई किए बगैर सो जाते है। मैडीकल ऑफिसर बच्चों के दातों के इलाज के अलावा साफ-सफाई की तकनीक भी सिखाते हैं। बट्टों को फाइबर युक्त आहार के सेवन की बात भी कही जाती है। हर खाने के बाद दांत साफ रखने को कहा जाता है ताकि दांतों पर चिपका भोजन कीटाणुओं को आमंत्रित न कर सके। 

फलोराइड वार्निश से दूर होगी दांतों की सड़न
डा. नवरूप कौर बाजवा ने कहा कि दांतों को सड़न से बचाने के लिए डेंटल फलोराइड युक्त वार्निश का इस्तेमाल भी करना शुरू कर दिया है। यह वार्निश दांतों पर कवच की तरह बन जाता है और बैक्टीरिया के आक्रमण को रोकता है। यह वार्निश कितना कारगर है यह देखने के लिए जल्द ही सरकारी स्कूलों के बच्चों के दांतों की सड़न का इलाज बड़े स्तर पर इसी वार्निश से किया जाएगा ताकि वार्निश के नतीजों का अध्ययन किया जा सके। फिलहाल बच्चों के दांतों की सड़न को रोकने के लिए डेंटल पिट और फिशर सीलेंट एक सुरक्षात्मक परत है जो दांतों की सड़न को रोकने के लिए दांतों में लगाई जाती है।
 

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