Edited By Sunita sarangal,Updated: 03 Aug, 2021 03:52 PM
मानसून की शुरूआत होने के साथ ही पेट से संबंधित चमड़ी से संबंधित पाचन क्रिया से संबंधित और ब्लड इंफेक्शन से संबंधित बीमारियां बढ़ने लगती हैं।
मोगा(संदीप शर्मा): मानसून की शुरूआत होने के साथ ही पेट से संबंधित चमड़ी से संबंधित पाचन क्रिया से संबंधित और ब्लड इंफेक्शन से संबंधित बीमारियां बढ़ने लगती हैं। वहीं दूसरे मौसमों के मुकाबले इस मौसम में यह आसानी से किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती हैं। जिसे देखते हुए अन्य मौसमों के मुकाबले बरसात के मौसम में हमें अपनी सेहत के प्रति अधिक सतर्क रहने की जरूरत होती है और खासकर ऐसी बीमारियों से सुरक्षा हेतु हमें अपने खानपान के साथ-साथ पहनावे का भी ध्यान रखना पड़ता है, ताकि इस मौसम में फैलने वाली विभिन्न बीमारियों से सुरक्षित रहा जा सके। इसी को लेकर आइए हम आपको आज कुछ डॉक्टरों और डाइटिशियन की राय बताते हैं और जानते हैं कि उनका क्या कहना है।
बरसात के मौसम में जहां तक संभव हो सके हल्का और बिना तला हुआ भोजन करें- डा. सीमांत गर्ग
स्थानीय रेलवे रोड पर स्थित श्याम सुंदर मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल और हार्ट केयर सेंटर के विशेषज्ञ व प्रमुख डा.सीमांत गर्ग ने कहा कि बरसात के मौसम में हल्का और जल्दी पचने वाला भोजन ही करना चाहिए। उन्होंने कहा कि तैलीय पदार्थों के सेवन से बचे, मानसून के दौरान सरसों के तेल, मक्खन या मूंगफली के तेल में बना खाना खाने से बचें। क्योंकि इनसे तैयार किया गया भोजन पचने में समय लगता है। डॉ. सीमांत ने इस मौसम के दौरान जैतून का तेल, घी या सूरजमुखी तेल इस्तेमाल करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि ताजी वह हरी सब्जियां व फल आसानी से पच जाते हैं और इनसे जरूरी विटामिस और मिनिरल्स भी मिल जाते हैं। उन्होंने कहा कि धूप की कमी में कपड़े अच्छी तरह नहीं सूखते हैं, इसी के चलते कई बार इससे स्किन एलर्जी और रैशेज हो जाते हैं।
वात युक्त सब्जियां जैसे आलू और अरबी के सेवन से होता है पेट खराब डा. संदीप गर्ग
स्थानीय रोड पर स्थित गर्ग मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल के संचालक और एमडी मेडिसिन डॉ. संदीप गर्ग ने कहा कि सी-फूड फिश हेतू मानसून का समय ब्रीडिग का होता है, इसे खाने से बचें। डॉक्टर गर्ग के अनुसार वात से भरपूर और पचने में मुश्किल आलू, अरबी, भिंडी, मटर, फूलगोभी भी न खाएं ये आसानी से नहीं पचते हैं। कच्चे सलाद में कई तरह के कीड़े होने का डर बना रहता है। डॉ. गर्ग ने कहा कि जहां तक संभव हो सके हल्के से हल्के और घर में तैयार भोजन का सेवन किया जाए।
बरसात के मौसम दौरान सब्जियों में करेला व हरी सब्जियों का करें अधिक से अधिक प्रयोग- डाइटिशियन पायल
नामी डायटीशियन पायल धवन ने इस मौसम में खान-पान व खुद को बीमारियों से बचाकर रखने के लिए खास टिप्स दिए हैं। उन्होंने बताया कि आलूबुखारा का जूस ले सकते हैं। ये वेटलॉस भी करता है और स्किन में चमक को भी बढ़ाता है। डायटीशियन पायल धवन की सलाह है कि इस मौसम में गर्मी से राहत मिलने के कारण लोग चाय पकौड़े ज्यादा खाते हैं, इससे बचें। क्योंकि ऐसे तले हुए पदार्थ को डाइजेस्ट होने में समय लगता है जिसके चलते पेट में इंफेक्शन होने का खतरा बना रहता है।
बरसात के दिनों में अधिक मात्रा में करें फलों का सेवन- डॉक्टर देवेंद्र सिद्धू
सनी फिरोजपुर रोड पर स्थित सिद्धू डायग्नोस्टिक सेंटर व मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल के नामी मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉक्टर देवेंद्र सिद्धू ने आजकल के मौसम में फलों का अधिकतर सेवन करने की सलाह दी उन्होंने कहा कि फलों में सेब, अनार, लीची, जामुन, चैरी, आदि खाएं। उन्होंने डेयरी प्रॉडक्ट का भी कम सेवन करने की हिदायतें दी। क्योंकि इनमें बैक्टीरिया पनपने की ज्यादा सम्भावना रहती है। शरीर में पानी की कमी न होने दें। दिनभर में कम-से-कम 8-10 गिलास पानी जरूर पीएं। हर्बल-टी खास फायदा पहुंचाती है, इसमें अदरक, काली मिर्च और शहद का भी प्रयोग कर सकते हैं। नारियल पानी, सूप काफी पिएं, पैकेट वाले सूप और जूस ना पिएं।