Edited By Sunita sarangal,Updated: 31 Jan, 2021 04:09 PM
लाल किले की घटना के मद्देनजर अगर दिल्ली पुलिस द्वारा नामजद किसान लीडर पकड़े जाते हैं तो कृषि कानूनों के खिलाफ चल........
जालंधर: लाल किले की घटना के मद्देनजर अगर दिल्ली पुलिस द्वारा नामजद किसान लीडर पकड़े जाते हैं तो कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन की कमान संभालने के लिए किसान यूनियनों ने कई योजनाएं बनाई हैं। गौरतलब है कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि के तहत मामले दर्ज किए थे। साथ ही कई किसान नेताओं पर देशद्रोह, हत्या के प्रयास और दंगा करने का आरोप लगाए गए हैं।
कीर्ति किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष राजिंदर सिंह दीप सिंघवाला ने मीडिया में कहा कि दिल्ली पुलिस आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है। उनकी छवि को खराब करने के लिए हिंसा की योजना बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि उनके संघ के अध्यक्ष के खिलाफ भी एफ.आई.आर. दर्ज हुई है। उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है, इसलिए उन्होंने आंदोलन को जारी रखने के लिए कुछ योजनाएं बनाई हैं।
भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के अध्यक्ष मनजीत सिंह राय ने मीडिया में बताया कि केंद्र सरकार आंदोलन को खत्म करने की कोशिश कर रही है, लेकिन वे कभी कामयाब नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर परेड के सिलसिले में यूनियन नेताओं को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा सकती है, लेकिन जब तक कानून रद्द नहीं होते तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा।
वहीं बीकेयू दकौंडा के महासचिव जगमोहन सिंह ने मीडिया को कहा कि लाल किले पर होने वाली घटना एक साजिश है जिसने सरकार के इरादों की सच्चाई बताई है। उन्होंने कहा कि पूरा देश उनके समर्थन में खड़ा है और अब जल्दी ही वे इन काले कानूनों को रद्द करवा देंगे। उन्होंने कहा कि वे किसी भी स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।