Edited By Suraj Thakur,Updated: 23 Mar, 2020 05:09 PM
कोराना एरोसोल में 3 घंटे तक, तांबे पर 4 घंटे तक, कार्डबोर्ड (लकड़ी के गत्ते) पर 24 घंटे और प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील पर 2 से 3 दिन तक जीवित रह सकता है।
जालंधर। कोरोनावायरस (कोविड-19) कहां कितनी देर जीवत रह सकता है, इस बात को लेकर सोशल मीडिया में कई तरह की भ्रांतियां और प्रचार किया जा रहा है, लेकिन आपको बताते हैं कि "न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन" में प्रकाशित नए अध्धयन के मुताबिक यह वायरस जमीन, धातु, प्लास्टिक, स्टेनलैस स्टील और लकड़ी के गत्ते पर भी 24 घंट तक जीवित रह सकता है। इस लिए किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आई हों और आप उन्हें छू लेते हैं तो यह वायरस आपके अंदर भी प्रवेश कर सकता है। यह वायरस हवा में भी कई घंटे तक जीवित रह सकता है।
मीडिया रिपार्ट्स के मुताबिक सह-अध्ययनकर्ता जेम्स लॉयड-स्मिथ और पारिस्थितिकी और विकासवादी जीवविज्ञान के यूसीएलए प्रोफेसर का कहना है कि यह वायरस संपर्क में आने से काफी संक्रामक हो जाता है। "डाउन टू अर्थ" में छपे इस अध्ययन के मुताबिक वायरस एरोसोल में तीन घंटे तक, तांबे पर चार घंटे तक, कार्डबोर्ड (लकड़ी के गत्ते) पर 24 घंटे तक और प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील पर दो से तीन दिन तक जीवित रह सकता है। उल्लेखनीय है कि एरोसोल हवा या किसी अन्य गैस में ठोस कण या तरल बूंदे हैं, एरोसोल प्राकृतिक या मानवजनित हो सकता है। इसिलए अध्ययन में बार-बार किसी भी ऐसी वस्तु के छूने पर हाथ धोने को जरूरी बताया गया है। अध्ययनकर्ता यूसीएलए, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के राष्ट्रीय एलर्जी और संक्रामक रोग, रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र, और प्रिंसटन विश्वविद्यालय से हैं।