Corona: भारत को चाहिए 3 करोड़ मास्क और 62 लाख सुरक्षा उपकरण, 2 माह बाद जागी सरकार

Edited By Suraj Thakur,Updated: 30 Mar, 2020 04:00 PM

corona india needs 3 crore masks and 62 lakh security devices

केंद्र सरकार ने मास्क और उपकरण खरीदने के लिए 24 मार्च को ग्लोबल टैंडरिंग आमंत्रित की है, जो 15 अप्रैल को खोली जाएंगी।

जालंधर। (सूरज ठाकुर) मान भी लिया जाए कि पूरे विश्व की तर्ज पर कोरोनावायरस से निपटने का तरीका एकमात्र लॉकडाउन ही बचा है तो इसमें भी तो दोराय नहीं है कि कोरोना की दस्तक के बावजूद केंद्र सरकार ने इस महामारी से निपटने के लिए इंतजामों में देरी की। स्वास्थ्य मंत्रालय देश को स्थिति को नियंत्रण करने के बारे में बराबर जानकारी देता रहा मगर इस बात का खुलासा करने से गुरेज करता रहा कि हमारे पास भयावह स्थिति से निपटने के लिए न तो पर्याप्त मास्क हैं और ही डॉक्टरों के लिए निजी सुरक्षा उपकरण (PPE) हैं। 28 मार्च को रॉयटर्स न्यूज एजेंसी ने केंद्रीय वाणिज्य और व्यापार मंत्रालय की गैर-लाभकारी संस्था  "इंन्वेस्ट इंडिया" के आंतरिक दस्तावेजों का हवाला देते हुए बताया कि स्थिति से निपटने के लिए भारत में 3 करोड़ 80 लाख मास्क और डॉक्टरों के 62 लाख सुरक्षा उपकरणों की आवश्यकता है। एजेंसी के मुताबिक संस्था ने इनकी आपूर्ति के लिए 730 कंपनियों को संपर्क किया था, जिनमें से 319 कंपनियां उक्त सामान की आपूर्ति करने को तैयार थीं, लेकिन इनके पास 91 लाख मास्क और डॉक्टरों के 8 लाख ही निजी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध थे। जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने मास्क और उपकरण खरीदने के लिए 24 मार्च को ग्लोबल टैंडरिंग आमंत्रित की है, जो 15 अप्रैल को खोली जाएंगी। उसके बाद ही यह सुनिश्चित हो पाएगा कि कितने समय बाद यह उपकरण भारत को मिलेंगे।

PunjabKesari         

आंकड़े बताने में परहेज
देश के विभिन्न हिस्सों से स्वास्थ्य कर्मियों और डॉक्टरों के निजी सुरक्षा उपकरणों (PPE)और मास्क की कमी को लेकर आए दिन मीडिया में खुलासा हो रहा है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय इस कमी को लेकर मीडिया के प्रश्नों से लगातार बचता आ रहा है और सही आंकड़ों का खुलासा भी नहीं कर पा रहा है। रॉयटर्स ने इंन्वेस्ट इंडिया के दस्तावेज के आधर पर कहा है कि उपकरण की जरूरत का आकलन केवल चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए किया गया था। जाहिर है कि पूरे देश के हिसाब से यह आकलन कहीं कम है और उपकरणों की मांग ज्यादा है।

PunjabKesari

सरकार और संस्था में तालमेल नहीं
उपकरणों की सही संख्या के बारे में कुछ न बताते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने 29 मार्च को कहा था कि उपकरणों उपलब्धता के उनके आंकड़े इस अर्थ में पूरे नहीं हो सकते हैं क्योंकि राज्यों के पास जो उपकरण उपलब्ध थे, उसे इसमें शामिल नहीं किया गया। इसका सीधा सा अर्थ है कि इन्वेस्ट इंडिया और केंद्र सरकार के बीच उपकरणों की खरीद को लेकर कोई तालमेल ही नहीं है। पीपीई की आवश्यकता और उपलब्धता को लेकर अग्रवाल ने सिर्फ यही कहा था कि यह एक ऐसी संख्या है जो आगे बढ़ती रहेगी।

PunjabKesari

इन उपकरणों के होंगे टैंडर
"डाउन टू अर्थ" की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब विदेश मंत्रालय से भी कहा है कि जितना संभव हो सके, मास्क आयात किया जाए। लगभग 10 ऐसे निर्माताओं की पहचान की है जो मास्क का उत्पादन शुरू करेंगे। केंद्र सरकार के उद्यम एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड ने 24 मार्च, 2020 को पीपीई, चश्मा, एन95 मास्क, नाइट्राइल दस्ताने, फेस शील्ड, ट्रिपल लेयर सर्वाइवल मास्क और इन्फ्रारेड थर्मामीटर की खरीद के लिए एक वैश्विक निविदा जारी की। इसकी बोली 15 अप्रैल 2020 को लगाई जाएगी और उसके बाद वह समय-सीमा तय की जाएगी, जिसके भीतर इन उपकरणों की आपूर्ति की जानी है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!