शिक्षा विभाग का एक और अजीबो गरीब फैसला

Edited By Vicky Sharma,Updated: 23 Nov, 2020 10:28 PM

another strange decision of education department

पंजाब का शिक्षा विभाग अक्सर अपने अजीबोगरीब कामों को लेकर सुर्खियां बटोर ता रहता है आज ऐसा ही एक और न

टेक्नोलॉजी के जमाने में अध्यापकों को सुंदर लिखाई की ट्रेनिंग देने की तैयारी, 5 से लगेंगी वर्कशॉप्स

लुधियाना (विक्की) : पंजाब का शिक्षा विभाग अक्सर अपने अजीबोगरीब कामों को लेकर सुर्खियां बटोर ता रहता है आज ऐसा ही एक और नया मामला सामने आया है जिसके अंतर्गत विभाग अब अध्यापकों की लिखाई को सुधारने के लिए वर्कशॉप का आयोजन करने जा रहा है। बता दें कि कोरोनावायरस के कारण पूरा एजुकेशन सिस्टम ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली पर निर्भर हो गया है ऐसे में विभाग द्वारा अध्यापकों के लिए सुंदर लिखाई की ट्रेनिंग लगाना हास्यप्रद है। वहीं दूसरी तरफ अध्यापक सुंदर लिखाई की जगह टेक्निकल स्किल्स स्किखाने की बात कह रहे हैं ताकि ऑनलाइन शिक्षा के दौरान उनके लिए यह सहायक सिद्ध हो सके। पंजाब शिक्षा विभाग द्वारा विशेष प्रयास करते हुए शुरू की गई ‘अक्खरकारी मुहिम' के अंतर्गत 27 नवंबर से 5 दिसंबर तक अध्यापकों की सुंदर लिखाई के लिए ब्लाक स्तर पर वैबीनार के द्वारा सात दिवसीय वर्कशॉप लगाई जा रही है।

 

लिखाई चेक करने के बाद रिसोर्स पर्सन देंगे टिप्पणी

इस बारे डायरैक्टर राज शिक्षा खोज और प्रशिक्षण परिषद ने बताया कि दिनांक 27 नवंबर से 05 दिसंबर तक निश्चित शड्यूल अनुसार अध्यापकों की सुंदर लिखाई के लिए ब्लाक स्तर पर वैबीनार के द्वारा सात दिवसीय वर्कशॉप लगाई जा रही है। इस ‘सुंदर लिखाई अध्यापक वर्कशॉप' का समय रोजाना की सुबह 11 बजे से लेकर 11.40 बजे तक होगा। सात दिवसीय सुंदर लिखाई वर्कशॉप में हर अध्यापक का भाग लेना ज़रूरी है। ब्लाक स्तर पर सुंदर लिखाई की वर्कशॉप के एक ग्रुप में 50 तक अध्यापक ही शामिल होंगे। सुंदर लिखाई वर्कशाप लगाने वाले हर अध्यापक के लिए लिखाई अभ्यास पुस्तकें भेजी गई हैं। अभ्यास पुस्तक पर एच.बी. पैन्नसल या ब्लैक /नीला ज़ैल पैन का प्रयोग किया जा सकती है। इस सुंदर लिखाई की वर्कशॉप लगाने वाले अध्यापकों द्वारा रिसोर्स पर्सन द्वारा भेजी गई अभ्यास सामग्री पर बताए गए काम अनुसर काम करेंगे और यह काम कर रिसोर्स पर्सन को दिखाऐंगे। रिसोर्स पर्सन द्वारा अध्यापकों द्वारा किए गए काम को वटसऐप्प ग्रुप पर मंगवा कर उसको देखने के उपरांत सुझाव /टिप्पणी के रूप में अध्यापक को रोजाना की फीडबैक देनी अनिवार्य होगी।  

फालतू कामों पर किया जा रहा है पैसा बर्बाद

कोरोनावायरस कोविड-19 के कारण पिछले लगभग 7 महीने से प्रदेशभर के स्कूल बंद पड़े हैं। पिछले महीने से 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले गए हैं लेकिन उसके लिए भी विद्यार्थियों के अभिभावकों की लिखित सहमति जरूरी है। इसलिए बहुत कम बच्चे ही स्कूल में आ रहे हैं। ऐसे में पढ़ाई का पूरा दारोमदार ऑनलाइन सिस्टम पर ही निर्भर है। इस दौरान शिक्षा विभाग अपने अजीबोगरीब कामों को लेकर फिर चर्चा में बना हुआ है, जहां समय की जरूरत के अनुसार अध्यापकों को अधिक से अधिक टेक्निकल स्किल्स की जानकारी होनी चाहिए वही विभाग द्वारा अध्यापकों की सुंदर लिखाई ट्रेनिंग के आदेश जारी कर दिए गए हैं। जिसको लेकर एक बार फिर विभाग की किरकिरी हो रही है। इस संबंध में विभिन्न अध्यापकों ने अपना नाम प्रकाशित ना किए जाने की शर्त पर बताया कि विभाग द्वारा जानबूझकर अध्यापकों को मानसिक तौर पर तंग परेशान करने के लिए ऐसे काम किए जा रहे हैं वही जिन पैसों को स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर को और बेहतर बनाने के लिए और विद्यार्थियों को विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है उन पैसों से ऐसे फालतू कामों के लिए स्टेशनरी और अन्य सामान खरीदकर उसे जाया किया जा रहा है।

अध्यापकों का कहना है कि अधिकतर अध्यापकों की हैंडराइटिंग बहुत साफ एवं सुंदर है इसलिए उनको किसी भी ट्रेनिंग की जरूरत नहीं है। अध्यापकों ने कहा कि विभाग के अधिकारियों द्वारा बिना सोचे समझे लिए जा रहे हैं ऐसे फैसलों से अध्यापक मानसिक तौर पर परेशानी के आलम से गुजर रहे हैं।

 

"अध्यापकों द्वारा बहुत सुझाव प्राप्त हो रहे हैं कि सरकारी स्कूलों के अध्यापकों के लिए सुलेख लिखने के सम्बन्ध में वर्कशाप लगाई जाए और ‘अक्खरकारी’ सिखाई जाए। विभाग द्वारा इस को मुहिम के तौर पर लेकर काम शुरू कर दिया गया है जिस के अच्छे परिणाम सामने आऐंगे। अध्यापकों को मन लगा कर वर्कशाप में भाग लेने चाहिए ताकि बच्चों को इसका अधिक से अधिक फ़ायदा हो सके।

- सेक्रेटरी एजुकेशन कृष्ण कुमार

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