अधिकारियों की लापरवाही: दम तोड़ सकती है मंत्रालय की पोर्टएबिलिटी योजना

Edited By Vatika,Updated: 24 Feb, 2020 12:46 PM

portability scheme

गैस कंपनियों की लापरवाही से केंद्र सरकार की योजना दम तोड़ सकती है। इस योजना के संबंध गैस कंपनी अधिकारी और डीलर लोगों को जागरूक नहीं कर रहे हैं।

लुधियाना (खुराना): गैस कंपनियों की लापरवाही से केंद्र सरकार की योजना दम तोड़ सकती है। इस योजना के संबंध गैस कंपनी अधिकारी और डीलर लोगों को जागरूक नहीं कर रहे हैं। कोई भी व्यक्ति किसी मोबाइल फोन कंपनी द्वारा उचित सर्विस न मिल पाने पर विकल्प के रूप में अपने मोबाइल सिम को किसी अन्य दूसरी मोबाइल कंपनी में (ट्रांसफर) करा सकता है, ठीक उसी प्रकार से हम परेशान करने वाली गैस एजैंसी से छुटकारा पाने के लिए उक्त योजना का लाभ ले सकते हैं और अपने इलाके की कसी अन्य गैस एजैंसी पर अपना गैस कनैक्शन बिना कोई अतिरिक्त राशि चुकाए ट्रांसफर कर सकते हैं।

इसकी जानकारी व एजैंसी की सर्विस रेटिंग का ब्यौरा खपतकार आसानी से कंपनी की वैब साइट पर ऑनलाइन जांच सकते हैं। उक्त योजना में सबसे दिलचस्प पहलू यह भी है कि खपतकार अपने गैस कनैक्शन को इंडेन गैस से भारत गैस कंपनी अथवा हिंदुस्तान गैस कंपनी से संबंधित किसी भी गैस एजैंसी पर ट्रांसफर कर सकते हैं। इसके लिए अपनी समस्या का कारण लिख कर गैस कंपनी को अपनी शिकायत ई -मेल का कनैक्शन उसकी पसंदीदा नई गैस एजैंसी पर शिफ्ट कर दिया जाएगा। यहां बताना अनिवार्य रहेगा कि अगर खपतकार अपने गैस कनैक्शन को पहले से ही चल रही सेम गैस कंपनी से संबंधित किसी भी गैस एजैंसी पर ट्रांसफर करवाते हैं, तो उसे इसके लिए नई गैस एजैंसी द्वारा की जाने वाली नीली कापी के महत्व 50 रुपए अदा करने पडेंग़े, जबकि खपतकार के गैस सिलैंडर पहले वाले ही चल जाएंगे। जबकि मिसाल के तौर पर इंडेन गैस से हिन्दुस्तान गैस या फिर भारत गैस कंपनी पर जाने के रूप में खपतकार को अपने पुराने गैस सिलैंडर अपनी संबंधित गैस एजैंसी पर जमा करवाने पर एक स्लिप जारी की जाएगी, जिसे दिखाकर खपतकार को नई एजैंसी द्वारा सिलैंडर जारी कर दिए जाएंगे। इसके लिए खपतकारों को 50 रुपए ही अलग से भुगतान करना पड़ेगा वो भी एजैंसी द्वारा जारी की जाने वाली कापी के रूप में।  

खपतकारों को झेलनी पड़ती हैं ये परेशानियां 
आम तौर पर खपतकारों को गैस एजैंसियों के कारिंदों द्वारा ऑनलाइन बुकिंग करवाने के बाद भी कई कई दिनों तक गैस की डिलीवरी न करने की शिकायतें रोजमर्रा का हिस्सा हैं, क्योंकि कई एजैंसियां के कारिंदे खपतकारों के हिस्से का गैस सिलैंडर मार्कीट में ब्लैक में बेच देते हैं। इसके अलावा खपतकारों से डिलीवरी मैन धक्के से तय कीमतों से अधिक 30 से 50 रुपए अधिक वसूलते हैं। सिलैंडर से गैस चोरी करने की घटनाएं आम तौर पर होती रहती है। डिलीवरी मैन डिलीवरी के दौरान सिलैंडर का वजन तोल कर दिखाने के लिए तोल कांटा तक अपने साथ लेकर नहीं चलते हंै। 
 
कैसे लें पोर्टबिलिटी योजना का लाभ
गैस कंपनियों द्वारा जारी डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाटइंडेनडाटकोडाटइन, डब्लयूडब्लयूडब्लयू डाटभारतगैसडाटकोडाटइन और डब्लयूडब्लयूडब्लयू डाटएचपीआटइनसाइटका उपयोग कर खपतकार अपनी पसंदीदा गैस कंपनी व एजैंसी पर अपना गैस कनैक्शन ट्रांसफर करवा सकते हैं। 

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