अब बैंकिंग में Online ठगी पर अकाउंट में वापिस आ सकते हैं पैसे, करना होगा ऐसा

Edited By Vatika,Updated: 20 Nov, 2019 12:12 PM

online banking

आज का युग इंटरनैट का है। इसलिए तकरीबन लेन-देन ऑनलाइन होते हैं। जहां इसका फायदा हुआ है वहीं नुक्सान भी है। आजकल ऑनलाइन चोर लोगों के खातों पर नजर डालकर बैठे होते हैं।

लुधियाना (राज): आज का युग इंटरनैट का है। इसलिए तकरीबन लेन-देन ऑनलाइन होते हैं। जहां इसका फायदा हुआ है वहीं नुक्सान भी है। आजकल ऑनलाइन चोर लोगों के खातों पर नजर डालकर बैठे होते हैं। मोबाइल या पी.सी. पर कोई लिंक डाल कर या खुद बैंक कर्मी बन कर चोर लोगों से ऑनलाइन ठगी कर रहे हैं। लोगों के मेहनत का पैसा कुछ बैंक की जानकारियां हासिल कर दूर बैठे ठग लेते हैं।

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ठगी के शिकार लोग अक्सर पुलिस वालों के पास भी नहीं जाते, उन्हें लगता है कि अब पैसे वापस नहीं मिल सकते। लेकिन कुछ ऐसी ऑनलाइन ठगी हैं, जिनके शिकार लोग अपना पैसा वापस पा सकते हैं। अगर तो खाता धारक ने अपने खाते या बैंक के विवरण संबंधी कुछ भी ठगों से सांझा न किया हो तो वे 24 घंटे के अंदर संबंधित बैंक और पुलिस के पास शिकायत कर अपना पैसा वापस ले सकते हैं। हालांकि, इसके लिए कुछ प्रकिया से गुजरना होगा।बैंक द्वारा पैसा उसी हालत में वापस किया जा सकता है कि जब खाता धारक ने ठगी करने वाले को अपने बैंक खाते संबंधी कोई जानकारी न दी हो और न ही अपना ओ.टी.पी. सांझा किया हो। अगर खाता धारक ने बैंक की जानकारी और ओ.टी.पी. ठग से सांझा किया है, तो उसे पैसे वापस नहीं मिल सकते।

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युवती ने गंवाए 34 हजार, कुछ समय बाद वापस मिले
भारत नगर की रहने वाली एक युवती ऐसे ही ऑनलाइन ठगी का शिकार हुई थी। जोकि अपने पैसे वापस ले चुकी है। साक्षी गुप्ता ने बताया कि 2 अक्तूबर को गांधी जयंती वाले दिन छुट्टी थी। सुबह उसे मोबाइल पर मैसेज आया कि उसके बैंक खाते से पहले 7 रुपए, फिर 55 रुपए की ट्रांजैक्शन हुई। उसे लगा कि उसके खाते से छेड़छाड़ हो रही है तो उसने तुरंत मोबाइल में बैंक एप्लीकेशन खोला और डैबिट कार्ड को ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू की। जब तक प्रोसैसिंग चल रही थी, तब तक उसके खाते से 34 हजार रुपए की ट्रांजैक्शन हो गई। फिर उसने टोल फ्री नंबर पर कॉल कर डैबिट कार्ड बंद करवाया। छुट्टी थी, इसलिए वह बैंक नहीं जा सकती थी। उसने बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर बात की। जहां उससे ठगी की सारी जानकारी ली गई। फिर उसे कहा गया कि वह पुलिस को सूचित कर इस संबंधी एफ.आई.आर. दर्ज करवाए। एफ.आई.आर. की कॉपी जमा होने के बाद उसे पैसे मिल जाएंगे। साक्षी का कहना है फिर उसने पुलिस से संपर्क कर एफ.आई.आर. दर्ज करवाई।

10 दिन में बैंक में वापस आए पैसे 
साक्षी का कहना है कि 11 अक्तूबर को उसके खाते में 34 हजार रुपए वापस आ गए। मगर वह पैसे इस्तेमाल नहीं कर सकती थी। क्योंकि, 60 दिनों की जांच की प्रक्रिया होती है, उसके खत्म होने के बाद ही वह अपने पैसे इस्तेमाल कर सकती है। उसका कहना है कि पुलिस की जांच में पता चला है कि उसके बैंक खाते से ट्रांजैक्शन कनाडा से हुई थी। 

धोखाधड़ी होने पर क्या करें
-तुरंत पुलिस को रिपोर्ट करें और एफ.आई.आर. रजिस्टर करें।
-अपने बैंक को सूचित करने के साथ मोबाइल एप्लीकेशन, ऑनलाइन बैंकिंग या टोल-फ्री नंबर के माध्यम से अपना कार्ड ब्लॉक करें।
-बैंक को सूचित कर धोखाधड़ी से निकाले गए धन को वापस लेने का प्रयास करें।

क्रैडिट या डैबिट कार्ड की धोखाधड़ी से बचने के उपाय 
-अपना कार्ड नंबर कभी किसी के साथ सांझा न करें।
-सी.वी.वी. नंबर कभी सांझा न करें।
-बैंक कभी भी कार्ड नंबर या सी.वी.वी. नंबर नहीं मांगता।
-मोबाइल फोन में अपने कार्ड के विवरण को ऑटो सेव न करें।
-फोन पर किसी से खाता संख्या विवरण सांझा न करें।
-यदि आर.एफ.आई.डी. (रेडियो फ्रिक्वैंसी आइडैंटिफिकेशन) कार्ड्स का उपयोग करते हैं तो सुनिश्चित करें कि यह पासवर्ड प्रोटैक्टेड है।
-अपने कार्ड को आर.एफ.आई.डी. हैकिंग से सुरक्षित रखने के लिए कार्ड प्रोटैकिं्टग कवर (एल्यूमीनियम फॉयल कवर) का उपयोग करें।
-कभी भी दूसरों के साथ पासवर्ड शेयर न करें।
-ए.टी.एम. कियोस्क का उपयोग करने से पहले सुनिश्चित करें कि मशीन पर कोई अतिरिक्त उपकरण नहीं है जोकि विवरण को स्किम कर सकता है।
-सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने व्यक्तिगत विवरण सांझा न करें।
-अपने स्मार्ट फोन में एंटी वायरस का इस्तेमाल करें।

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