Edited By swetha,Updated: 13 Nov, 2018 01:22 PM
थाना सदर के अंतर्गत आते बसंत सिटी चौक के पास हथियारों से लैस 3 बदमाश गन प्वाइंट पर एक ड्राइवर से ओला केब छीनकर फरार हो गए। उक्त वारदात को बड़े ही सुनियोजित ढंग से अंजाम दिया गया। बदमाशों ने अपने ऑन लाइन उसकी बुकिंग कराई और फिर वारदात को अमली जामा...
लुधियाना (महेश): थाना सदर के अंतर्गत आते बसंत सिटी चौक के पास हथियारों से लैस 3 बदमाश गन प्वाइंट पर एक ड्राइवर से ओला केब छीनकर फरार हो गए। उक्त वारदात को बड़े ही सुनियोजित ढंग से अंजाम दिया गया। बदमाशों ने अपने ऑन लाइन उसकी बुकिंग कराई और फिर वारदात को अमली जामा पहनाया। थाना प्रभारी इंस्पैक्टर सुखदेव सिंह बराड़ का कहना है कि पीड़ित बचित्र सिंह (26) की शिकायत पर केस दर्ज करके बदमाशों की तलाश शुरू कर दी गई है, जिस नंबर से ओला की बुकिंग की गई थी उसकी डिटेल हासिल की जा रही है। पुलिस ने दावा किया जल्द ही बदमाश पुलिस की गिरफ्त में होंगे। घटना के बाद दहशत के कारण बचित्र डिप्रेशन में है। उसका प्राइवेट डाक्टर के पास इलाज चल रहा है।
गांव पक्खोवाल के रहने वाले बचित्र के भाई रविंद्र सिंह ने बताया कि अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए वे दोनों भाई दिन-रात ओला कैब चलाते हैं। कल बचित्र की बारी थी। रात करीब 12.30 बजे वह बी-7 के निकट खड़ा था। तभी मोबाइल पर ऑन लाइन बुकिंग का मैसेज कंपनी की तरफ से आया।
इस पर बचित्र ने उस नंबर पर बात की, जिसने उसे लोकेशन पर आने को कहा। जब उसका भाई बसंत सिटी चौक, सिल्वर रोक पैलेस के निकट पहुंचा तो उसे सड़क पर करीब 45 वर्षीय एक व्यक्ति खड़ा उसका इंतजार करता हुआ दिखाई दिया, जिसने उसे गाड़ी घुमाकर दूसरी तरफ खड़ी करने को कहा। उसका भाई कार घुमाकर सड़क की दूसरी तरफ पहुंचा तो इतने में उसके 2 और साथी आ गए। खतरे से अनजान उसके भाई ने गाड़ी को अनलॉक कर दिया। इस पर बदमाशों ने उसके भाई को खींच कर बाहर निकाल लिया और उस पर बेसबाल के डंडे से हमला कर दिया। बचित्र हिम्मत दिखाता हुआ उन तीनों से भिड़ गया।
2 से 3 मिनट तक उनकी बीच सड़क में हाथापाई होती रही। तभी एक बदमाश ने गन निकाल ली और उसके भाई को गोली मारने की धमकी दी। गन देखकर उसका भाई सहम गया और पीछे हट गया। इसके बाद तीनों बदमाश गाड़ी लेकर उसकी आंखों से ओझल हो गए।
ब्ल्यूटूथ पर दोस्तों से कर रहा था बात
रविंद्र ने बताया कि उसके भाई की जेब में एक और मोबाइल था, जो ब्ल्यूटूथ से अटैच था, जिस वक्त यह वाक्य हुआ बचित्र अपने दोस्तों के साथ बात रहा था। अक्सर रात को टैक्सी चलाते वक्त वह और उसका भाई दोस्तों के साथ बात करते रहते थे, ताकि अगर कोई अनहोनी हो तो उनकी दोस्त मदद के लिए पहुंच सकें। इसमें भी ऐसा ही हुआ 10 मिनट बाद ही दोस्त वहां पहुंच गए, जिसके बाद पुलिस को सूचित किया गया। फोन जेब में और पगड़ी के नीचे बल्यूटूथ होने की वजह से बदमाशों को इसका पता नहीं चला। कार में रखा मोबाइल बदमाशों ने कुछ देर बाद ही बंद कर दिया।
कंपनी ने हालचाल तक नहीं पूछा
रविंद्र ने बताया कि इतनी बड़ी घटना घट जाने के बावजूद ओला कंपनी ने उनका हालचाल तक नहीं पूछा, जिनके लिए वह दिन-रात काम करते हैं। इस बात को लेकर पीड़ित के परिवार व अन्य टैक्सी चालकों में भारी रोष है।
कैब ही थी रोजगार का माध्यम
बचित्र के पिता ने बताया कि कैब ही उनके परिवार का रोजगार थी। उसकी कमाई से उनके घर का खर्च चलता था। बदमाश एक झटके में उनकी खून पसीने की कमाई लूट कर ले गए।