Edited By Radhika Salwan,Updated: 24 May, 2024 02:12 PM
नगर निगम अफसरों को नेशनल हाईवे अथॉरिटी के नियमों की कोई परवाह नही है, जिसका सबूत इन दिनों शहर में से होकर गुजर रहे एन.एच.ए.आई के एरिया में देखने को मिल रहा है।
लुधियाना, (हितेश): नगर निगम अफसरों को नेशनल हाईवे अथॉरिटी के नियमों की कोई परवाह नही है, जिसका सबूत इन दिनों शहर में से होकर गुजर रहे एन.एच.ए.आई के एरिया में देखने को मिल रहा है। जहां लगे हुए यूनीपोल हटाने के लिए एन.एच.ए.आई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर द्वारा नगर निगम कमिश्नर को 8 मई को सर्कुलर जारी किया गया था।
जिसके मुताबिक एन.एच.ए.आई के एरिया में लगे हुए यूनीपोल एक हफ्ते के भीतर हटाने के लिए बोला गया था। इनमें जालंधर -दिल्ली रोड, चंडीगढ़ रोड, फिरोजपुर रोड, लाडोवाल बाईपास का एरिया आता है, लेकिन एन.एच.ए.आई द्वारा रोड सेफ्टी के नियमों का हवाला देने के बावजूद नगर निगम द्वारा अब तक यूनीपोल हटाने की कार्रवाई शुरू नही की गई है।
यह कोई पहला मौका नही है, जब एन.एच.ए.आई ने अपने एरिया में विज्ञापन लगाने के मामले में नगर निगम को झटका दिया है। इससे पहले नगर निगम द्वारा एलिवेटेड रोड के पिल्लरों पर होर्डिंग लगाने की मंजूरी देने का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे एन.एच.ए.आई द्वारा रद्द कर दिया गया है। जिसके लिए यह हवाला दिया गया है कि एलिवेटेड रोड का निर्माण एन.एच.ए.आई द्वारा किया गया है और इससे पहले एलिवेटेड रोड का यह हिस्सा 2019 में जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक एन.एच.ए.आई को ट्रांसफर हो चुका है, जिस रोड पर विज्ञापनबाजी लगाने की मंजूरी देने का नगर निगम का कोई अधिकार नही है।
रोड सेफ्टी संबंधी इन गाइडलाइंस का दिया गया है हवाला
एन.एच.ए.आई द्वारा एलिवेटेड रोड के एरिया में विज्ञापनबाजी की मंजूरी न देने के बाद अब उसके एरिया में बाकी जगह लगे यूनीपोल हटाने का फैसला लेने के लिए मिनिस्ट्री आफ रोड ट्रांसपोर्ट की 2016 में जारी गाइडलाइन का हवाला दिया गया है। जिसके मुताबिक एन.एच.ए.आई पर विज्ञापनबाजी लगाने से राहगीरों का ध्यान भटकने की सूरत में हादसा होने का खतरा है, जिसके मद्देनजर रोड सेफ्टी के लिए विज्ञापनबाजी की मंजूरी नही दी जा सकती है।