विधानसभा चुनावों में युवा कांग्रेसी नेताओं की अनदेखी पार्टी को पड़ सकती है भारी

Edited By Kamini,Updated: 20 Jan, 2022 02:20 PM

ignoring young congress leaders in elections may cost the party heavily

कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं जिनमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित पार्टी के अन्य राज्य नेताओं द्वारा निरंतर यहीं कहा जाता रहा है कि किसी भी राजसी दल की सफलता के पीछे युवा वर्ग का समर्थन बेहद...........

फगवाड़ा (जलोटा): कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं जिनमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित पार्टी के अन्य राज्य नेताओं द्वारा निरंतर यहीं कहा जाता रहा है कि किसी भी राजसी दल की सफलता के पीछे युवा वर्ग का समर्थन बेहद जरूरी है। उक्त नेताओं द्वारा अनेक मौको पर मीडिया और यहां तक की सार्वजनिक स्तर पर होती रैलियों में भी यह बात जोर देकर कही जाती रही है। उनका कहना है कि जहां युवा शक्ति का संचार होता है वहां सफलता मिलती है। इसी सोच के चलते आज कांग्रेस के साथ अनेक युवा नेता जुड़े हैं और पार्टी की युवा इकाई यूथ कांग्रेस का प्रमुख हिस्सा हैं।

इस कड़ी में ऐसे भी बहुत से युवा कांग्रेसी नेता हैं जो यूथ कांग्रेस में बड़े पदों पर आसीन है और लोगो द्वारा इनके द्वारा किए जाते रहे कार्यों को दिल से पसंद किया गया है। इसी को आधार बना अब उक्त युवा कांग्रेसी नेताओं द्वारा लोक सेवा की भावना को दिल में संजोय पंजाब में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में बतौर विस उम्मीदवार पार्टी के समक्ष अपने दावे पेश किए गए है। चौकानें वाला सच यह बना है कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी के वार रूम में बैठे कांग्रेसी नेताओं द्वारा इन युवा कांग्रेसी नेताओं की बतौर विस चुनाव उम्मीदवार की दावेदारियों को निरंतर अनदेखा किया जा रहा है। ऐसा क्यों है यह अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहा है। 

जानकारों की राय में इस घटनाक्रम से कांग्रेस पार्टी को होने जा रहे विधानसभा चुनावों में युवा वर्ग की अनदेखी करने का भारी भरकम खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। जो रणनीति वार रूप में बैठे कुछ कांग्रेसी नेताओं द्वारा अपनी ही पार्टी के शीर्ष नेत्तृव के राजनेताओं की विचारधारा के विपरीत अपनाई जा रही है उससे कांग्रेस पार्टी की रीड़ की हड्डी मानी जाती युवा शक्ति में भारी निराशा के साथ भीतर ही भीतर जबरदस्त रोष व्याप्त हो गया है। इससे कारण युवा वर्ग का यह गुस्सा पंजाब में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है। ऐसे में समय की प्रबल मांग है कि नई दिल्ली में कांग्रेस वार रूम में विधानसभा चुनाव पंजाब की कमान संभाले हुए पार्टी की शीर्ष राजनेता युवा ताकत का महत्व समझें और यूथ कांग्रेस से जुड़े लोकप्रिय राजनेताओं को उनकी रखी गई मांग अनुसार बतौर कांग्रेस उम्मीदवार चुनावी दंगल में उतारें। राजनीति को करीब से जानने वालो का तर्क है इससे कांग्रेस पार्टी को जहां विधानसभा चुनावों में भारी लाभ होगा वहीं युवा शक्ति पूरी तरह से एकजुट होकर कांग्रेस के लिए कार्य करेगी। अन्यथा यदि इसके विपरीत पार्टी हाईकमान समय रहते युवा ताकत की अनदेखी करती रहती है तो इसके दूरगर्मी राजसी परिणाम कांग्रेस पार्टी को विस चुनावों के 10 मार्च को घोषित होने वाले परिणामों में देखने को मिलेगें।

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