टॉपर बनने के लिए बनाएं स्टडी के नियम

Edited By swetha,Updated: 25 Feb, 2020 09:17 AM

create study rules to become a topper

परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने के लिए किए गए हैं पूरे प्रबंध

सुल्तानपुर लोधी(धीर): मौजूदा दौर में माता-पिता अपने बच्चों को उच्च और बढिया शिक्षा देना चाहते हैं ताकि वे आगे जा कर किसी ऊंचे पद पर विराजमान होकर अपना व अपने माता-पिता का नाम रोशन कर पाएं। परंतु बच्चों की पढ़ाई में सही कार्यशैली का पता उनकी परीक्षा से चलता है। 

पंजाब में स्कूलों की वार्षिक परीक्षाओं का समय नजदीक आ चुका है और जल्द ही बोर्ड परीक्षाओं के साथ-साथ स्कूलों में अन्य कक्षाओं की परीक्षाएं भी जल्द शुरू हो जाएंगी। वर्ष भर की पढ़ाई के बाद फाइनल परीक्षा में अधिक नंबर व अच्छी पोजीशन हासिल करना हर विद्यार्थी का सपना होता है। जहां माता-पिता यह चाहते हैं कि उनका बच्चा अच्छे अंक हासिल करके टॉप पोजीशन हासिल करे, वहीं प्रत्येक स्कूल का भी यह मुख्य उद्देश्य होता है कि उनके स्कूल का वार्षिक रिजल्ट अन्य स्कूलों के मुकाबले बढिया हो और उनके स्कूल के विद्यार्थी अच्छी पोजीशन हासिल करके स्कूल व अपने माता-पिता का नाम रोशन करें। परंतु टॉप पोजीशन और अच्छे अंक प्राप्त करने की जद्दोजहद में जहां अधिक विद्यार्थी परीक्षा में नकल को अपना हथियार बनाते हैं, वहीं कई स्कूल में भी विद्यार्थियों को नकल का सहारा दिलाने से गुरेज नहीं करते।
 
परीक्षाओं में नकल करवाने और करने का सिलसिला भले ही कोई नया न हो, परंतु अच्छी पोजीशन हासिल करने की लालसा में आमतौर पर विद्यार्थी नकल का सहारा लेकर अपने भविष्य को अंधेरे की ओर धकेल रहे हैं। स्टूडैंट्स को टॉप पर आने के लिए स्टडी के नियन बनाने चाहिए कि उन्हें कब कौन-सा विषय पढऩा है। इस संबंधी शिक्षा माहिरों व बुद्धिजीवियों ने अपनी प्रतिक्रिया कुछ इस प्रकार दी है। 

परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने के लिए किए गए हैं पूरे प्रबंध
उप जिला शिक्षा अफसर बिक्रमजीत सिंह थिंद ने कहा कि परीक्षाओं को नकल रहित बनाने के लिए इस बार अध्यापकों की ओर से बच्चों को मानसिक तौर पर नकल रहित परीक्षा देने के लिए तैयार किया गया। परीक्षाओं को पारदर्शी ढंग से संपन्न बनाने के लिए विभाग की ओर पूरे प्रबंध किए गए हैं। उन्होंने कहा कि नकल के खिलाफ विद्यार्थियों को भी लामबंद किया गया है। 

अध्यापकों के टिप्स

शिक्षा प्राप्ति का मुख्य उद्देश्य ज्ञान की प्राप्ति है और एक विद्यार्थी उच्च शिक्षा के तहत जितना ज्ञान हासिल करेगा, वह उतना ही अधिक ज्ञानवान होकर देश व दुनिया के लिए अच्छे कार्य करने के काबिल होगा। बिना नकल का सहारा लेकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाला व्यक्ति ज्ञान की बातें करता है। परंतु नकल का सहारा लेकर पास हुआ व्यक्ति अन्य की जिंदगी में भी अंधेरा करेगा।        -प्रिंसीपल डा. वंदना शुक्ला। 

 परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए शिक्षा संस्थाओं की ओर से मुख्य प्रयास किए जाते हैं। इसके साथ माता-पिता को भी स्वार्थी नहीं बनना चाहिए कि वे अपने बच्चे को टॉप पर देखने के लिए नकल का सहारा लेने के लिए उत्साहित करें।  -सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल बूसोवाल के प्रिं. बलदेव राज वधवा। 

इम्तिहान में नकल का सहारा लेकर पास होना खुद को धोखा देने के समान है, क्योंकि नकल का सहारा लेकर परीक्षा में तो अच्छे अंक हासिल किए जा सकते हैं परंतु नकल जैसी बुरी आदत जिंदगी में हर जगह काम नहीं आएगी। जिंदगी में कोई मुकाम हासिल करने के लिए मेहनत करना जरूरी है, तो ही मेहनत के परिणाम हमेशा मेहनती लोगों के हक में होते हैं।  -एडवोकेट जसपाल सिंह धंजू

सरकार व समाज सेवी संस्थाओं आदि के सहयोग से नकल विरोधी सैमीनार एक बढिय़ा प्रयास है, जिसके तहत विद्यार्थियों को नकल के बुरे प्रभावों से अवगत करवा कर नकल से दूरी बनाने व खुद पढ़ाई करके कुछ बनने की शिक्षा मिलती है। जरूरत है इन प्रयासों को और तेजी प्रदान करने की। -रिटायर्ड कैप्टन रवि शर्मा, भारतीय सेना

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