शहर में करीब 10 फीसदी ही दुरुस्त है स्टॉर्म सीवर सिस्टम

Edited By Vatika,Updated: 23 Sep, 2020 04:18 PM

storm sewer is only about 10 percent better in the city

भले ही इस वर्ष मॉनसून ने नगर निगम की लाज रख ली हो लेकिन यह हर बार होने वाला नहीं है।

जालंधर(सोमनाथ): भले ही इस वर्ष मॉनसून ने नगर निगम की लाज रख ली हो लेकिन यह हर बार होने वाला नहीं है। इसी को देखते हुए निगम की ओ. एंड एम. ब्रांच के चेयरमैन व पार्षद पवन कुमार ने आज ब्रांच के सभी अधिकारियों के साथ शहर में पड़े स्टॉर्म सीवर को कैसे दुरुस्त रखा जा सकता है लंबी चर्चा की। इस दौरान निष्कर्ष निकल कर आया कि शहर में करीब 9 से 10 फीसदी ही स्टॉर्म सीवर दुरुस्त है। बरसात के दिनों में जब सीवरेज ओवरफ्लो हो जाता है तो शहर में बिछा स्टॉर्म सीवर पूरी तरह से बरसाती पानी का बोझ झेल नहीं पाता। इस कारण शहर में चारों तरफ निचले इलाकों में पानी की भर जाता है। इसके चलते चेयरमैन पवन कुमार ने मेयर जगदीश राज राजा और निगम कमिश्नर करणेश शर्मा को शहर में स्टॉर्म सीवर सिस्टम के लिए नए सिरे से सर्वे करवाने का सुझाव दिया है। चेयरमैन ने कहा कि करीब 50 वर्ष पहले शहर में सीवरेज लाइनें बिछी थीं। शहर की आबादी बढ़ रही और सीवरेज लाइन पुरानी बिछी होने के कारण इतना बोझ झेल नहीं पाती हैं। हालांकि निगम की तरफ से सीवरेज लाइनों की निरंतर डिसिलटिंग करवाई जा रही है। फिर भी बरसात के दिनों में सीवरेज लाइनें ओवरफ्लो हो जाती हैं। इसलिए स्टॉर्म वाटर की नई पॉलिसी बनाकर इस पर काम किया जाना बहुत जरूरी है। 

नई कॉलोनियों के कनैक्शनों का डाटा मांगा
मीटिंग के दौरान चेयरमैन में पिछले कुछ समय में अस्तित्व में आई कॉलोनियों  में रहने वाले लोगों द्वारा लिए गए सीवरेज कनैक्शनों का डाटा भी मांगा है। उन्होंने यह डाटा भी मांगा है कि जिन लोगों ने वाटर एंड सीवरेज कनैक्शन ले रखे हैं क्या उन्होंने निगम से परमिशन ली है। ली है तो उसका डाटा निकाला जाए और परमिशन नहीं ली तो इस पर एक्शन लिया जाए। उन्होंने कहा कि नई कॉलोनियों में रहने वाले लोग निगम के पास पैसा जमा करवाने के बाद ही कनैक्शन लेने के हकदार होंगे। 

वाटर माइनिंग पर चिंता, डाटा तैयार करने को कहा
शहर में कॉमर्शियल बिल्डिंगें अस्तित्व में आ रही है और उनके द्वारा सबमर्सिबल पंप लगवाए जा रहे हैं। निगम से आज्ञा लिए बिना सबमर्सिबल लगाना गैर-कानूनी है और यह वाटर माइनिंग है। इससे एक तो पानी चोरी हो रहा है, वहीं  निगम को रैवेन्यू लॉस भी हो रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि 2014 तक लगे सबमर्सिबल को वन टाईम पॉलिसी के तहत रैगुलर कर दिया गया था लेकिन उसके बाद लगे सभी सबमर्सिबल का डाटा चैक किया जाए। शहर में कितने सबमर्सिबल लगे हैं और निगम की परमिशन कितनों के पास है। गैर कानूनी तौर पर लगे सबमर्सिबल की लिस्ट बनाकर जल्द ही उन पर एक्शन लिया जाएगा।

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