मातृभाषा दिवस के दौरान 'पंजाबी प्रचार यात्रा' ने रचा एक नया इतिहास

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 23 Feb, 2024 10:46 PM

punjabi prachar yatra  created a new history during mother language day

पूरे विश्व में हर वर्ष 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है। दीपक बाली ने आज मातृभाषा दिवस के दौरान पंजाब में 'पंजाबी प्रचार यात्रा' निकाली।

जालंधर : पूरे विश्व में हर वर्ष 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है। दीपक बाली ने आज मातृभाषा दिवस के दौरान पंजाब में 'पंजाबी प्रचार यात्रा' निकाली। यात्रा आज सुबह 10:30 बजे फगवाड़ा के मेहली गांव से शुरू हुई और बंगा, नवांशहर, बलाचौर, रोपड़, खरड़ से होते हुए मोहाली पहुंची। पंजाब के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि एक अकेले व्यक्ति ने माता भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए इतने बड़े कारवां के साथ 150 किमी लंबी यात्रा निकाली हो। इस यात्रा में सैंकड़ों युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों ने भाग लिया।

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यह यात्रा  पंजाबियों के बीच सद्भाव और प्रेम पैदा करने और अपना संदेश देने में सफल रही है। इस यात्रा के दौरान यह उपदेश दिया गया कि दुनिया की कोई भी भाषा या उप-बोली सीखनी चाहिए लेकिन अपनी मातृभाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए। पंजाब के कई नायकों ने पंजाबी मातृभाषा को विश्व स्तर पर लाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस प्रमोशन में पंजाबी गायकों ने अहम भूमिका निभाई है।

दीपक बाली आम आदमी पार्टी के सक्रिय नेता के साथ-साथ एक लोकप्रिय सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते हैं। वह लंबे समय से पंजाबी मातृभाषा के लिए काम कर रहे हैं। वे हर साल ये मार्च निकालते हैं। इस वर्ष उन्होंने आधे पंजाब में मार्च निकालकर लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया, जो काफी सफल रहा। यह करीब 4-5 किलोमीटर लंबा मार्च था, जिसमें 200 से 250 लोग शामिल हुए। बाली जी ने अपनी गाड़ी में पंजाबी गाने बजाते हुए मार्च निकाला। विभिन्न क्षेत्रों के विधायकों, महानुभावों और लोगों ने उनका दिल खोलकर स्वागत किया। दीपक बाली ने कहा, ''मातृभाषा हम सभी को विरासत से जोड़ती है। मातृभाषा का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। यह हमारे जीवन के हर पहलू में है चाहे वह हमारा आशीर्वाद हो, लोरी हो या गीत। हमारे माता-पिता हमें हमारी मातृभाषा से जोड़ते हैं। पंजाबी मातृभाषा पंजाबियों के आपसी बंधन का प्रतीक है। यह एक ऐसी भाषा है जो हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई को एकजुट करती है।

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यह कार्यक्रम मोहाली के 3बी2 फेज मार्केट में संपन्न हुआ। यहां दीपक बाली बेहद उत्साहित महफिल में पहुंचे। इस मार्च में लोकप्रिय पंजाबी गायक और प्रस्तोता बंटी बैंस, स्पीड रिकॉर्ड कंपनी के मालिक सतविंदर सिंह कोहली, चौपाल और 9X चैनल के मालिक संदीप प्रसार, ब्लैकिया फिल्म के निर्माता विवेक ओहरी, प्रसिद्ध गायक सुखी बराड़, प्रसिद्ध गीतकार भट्टी भारियावाला, वे बहुत उपस्थित हैं। इस समय मशहूर पंजाबी गायक कुलविंदर बिल्ला और देव खरोड़ ने इसी मंच से अपना विदाई संदेश दिया। कुलविंदर बिल्ला ने अपना गाना ‘मैं जद मुड़ धरती ते आवां, मेरा देश होवे पंजाब’ गाकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। लोगों ने दीपक बाली के विचारों को बड़ी सहजता से सुना, बच्चों ने मंच पर शपथ ली कि वे इस दिन को जीवन भर याद रखेंगे और मातृभाषा के प्रचार-प्रसार में सदैव लगे रहेंगे। मातृभाषा पंजाबी को ऊंचाइयों पर ले जाने के संकल्प के साथ यह यात्रा मोहाली में समाप्त हुई।

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