शनि सुखधाम में मनाई जाने वाली शनि जयंती के लिए लगाई गई भक्तों की डयूटियां

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 28 May, 2024 09:55 PM

duties of devotees imposed for shani jayanti celebrated in shani sukhdham

जालंधर के पठानकोट रोड पर गांव रायपुर-रसूलपुर में स्थित शनि सुखधाम में 6 जून को मनाए जाने वाले शनिदेव के जन्मोत्सव के लिए धाम की तरफ से शनि भक्तों की डयूटियां लगा दी गई हैं।

जालंधर  : जालंधर के पठानकोट रोड पर गांव रायपुर-रसूलपुर में स्थित शनि सुखधाम में 6 जून को मनाए जाने वाले शनिदेव के जन्मोत्सव के लिए धाम की तरफ से शनि भक्तों की डयूटियां लगा दी गई हैं। धाम के संस्थापक मुरली मनोहर की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के दौरान तमाम शनि भक्तों ने शनिदेव के जन्मोत्सव मनाने को लेकर चर्चा की। इस दौरान सर्वेश तिवाड़ी, रजनी पांडे और ज्योति अरोड़ा की डयूटी आरती और अभिषेक के लिए लगाई गई है। जबकि हलवाई की व्यवस्था बलजिंद्र कौर, तरसेम और सर्बजीत देखेंगे। रसोई का काम सुनीता रानी और गीता पांडे के हवाले होगा, जबकि मंदिर की व्यवस्था राजकुमार गुंबर और तरुण कौशल संभालेंगे। इस दौरान प्रसाद की जिम्मेदारी गुरप्रताप सिंह और प्रवेश प्रभाकर को दी गई है, जबकि भंडारे का वितरण आशु अरोड़ा और प्यारा सिंह धीमान द्वारा किया जाएगा। इसी प्रकार हवन कुंड और हवन सामग्री का काम राजिंद्र मल्होत्रा और दुर्गा बिष्ट संभालेंगे, जबकि पार्किंग पर अश्विनी छाबड़ा की डयूटी लगाई गई है। राशन की व्यवस्था भानु कौड़ा व सरोज कौड़ा के हवाले होगी, जबकि संजय मंडल व वीना मंडल छबील पर डयूटी देंगे। मंदिर में आने वाले दान की व्यवस्था अजय जैन व तनु कौशल देखेंगे, जबकि मंदिर की सजावट का काम देशराज और आशु भार्गव करेंगे। 

धाम के संस्थापक मुरली मनोहर ने कहा कि शनि भक्तों के लिए शनि जयंती का पर्व विशेष महत्व रखता है. ये विशेष पर्व उन लोगों के लिए विशेष लाभकारी साबित होने जा रहा है, जिन पर शनि की अशुभ दृष्टि है या शनि की साढ़े साती, ढैय्या या फिर शनि की महादशा में कष्ट झेल रहे हैं.शनि के बारे में ये मान्यता है कि शनि कलियुग के दंडाधिकारी हैं. जीवन में जाने अंजाने यदि कोई गलती हो गई है तो शनि जयंती  के दिन शनि देव से उसकी माफी मांगी जा सकती है. शनि जयंती  पर शनि देव का व्रत-पूजा और उपासना आदि करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के कष्टों को दूर करते हैं।

शनि जन्म महोत्स्व के उपलक्ष्य में शनि सुखधाम में काल सर्प योग के विशेष पूजन के अलावा शनि की साढ़े साती और ढैया की विधि विधान से पूजा की जाएगी. यह पूजन सुबह 9 बजे शुरू होगा और इसके बाद शाम के छह बजे शनि वैदिक मंत्रों से हवन किया जाएगा.इसके बाद शनि शिला का दूध,दही, माखन, शहद और चीनी से अभिषेक होगा। इसके अलावा आम रास और पुष्प अभिषेक भी होगा और इसके बाद शनि देव की महा आरती होगी। इस दौरान भंडारा भी पूरा दिन चलता रहेगा। जो शनि भक्त इस दिन मंदिर में पूजन करवाना चाहते हैं, वे मंदिर प्रबंधकों से संपर्क कर सकते हैं। 

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