हिमाचल प्रदेश के पूर्व IAS अधिकारी अशोक कुमार मोहापात्रा की पुस्तक 'आनन्द' को किया गया लॉच

Edited By Kalash,Updated: 22 Jun, 2025 05:22 PM

former ias officer ashok kumar mohapatra s book anand launched

हिमाचल प्रदेश के पूर्व आई.ए.एस. अधिकारी और भारत सरकार के पूर्व सचिव  दिवंगत अशोक कुमार मोहापात्रा की पुस्तक "आनन्द" को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर नई दिल्ली में लॉच किया गया।

नई दिल्ली / धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश के पूर्व आई.ए.एस. अधिकारी और भारत सरकार के पूर्व सचिव  दिवंगत अशोक कुमार मोहापात्रा की पुस्तक "आनन्द" को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर नई दिल्ली में लॉच किया गया। इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस ए के पटनायक मुख्य अतिथि थे। दिल्ली में आयकर विभाग की कमिश्नर सूजन थॉमस गेस्ट ऑफ ऑनर रहीं जबकि मंच का संचालन राजस्थान कैडर के आई.ए.एस. अधिकारी देबशीश प्रुस्ती ने किया। हेरिटेज पब्लिकेशन के सी.एम.डी. बी.आर. चावला को इस अवसर पर विशेष रूप से बुलाया गया था।

"आनन्द" का लॉच दिवंगत अशोक कुमार मोहापात्रा की मृत्यु के लगभग पांच साल बाद किया गया क्योंकि उनकी मृत्यु के बाद कोरोना महामारी ने दस्तक दे दी और फिर किताब को अंतिम स्वरुप उनके परिजनों ने दिया। इस पुस्तक को दिवंगत अशोक कुमार मोहापात्रा और उनकी पत्नी बन्दना मोहपात्रा की 54 वीं शादी की सालगिरह के अवसर पर लॉच किया गया जिससे यह लॉच काफी मायनों में भावुक आयोजन के रूप में टर्न हो गया।

इस किताब में अशोक कुमार मोहापात्रा ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण पलों को फिक्शन के तौर पर प्रस्तुत किया है। इसमें उन्होंने बताया की जिलाधीश कुल्लू रहते हुए कैसे एक किसान को उसके हक्कों से वंचित किया गया था और पूरा प्रशाशन उसे मानसिक विक्षिप्त घोषित कर चूका था। उन्होंने लिखा की एक दिन जब वह पोर्च में खड़े होकर जब गाड़ी का इंतज़ार कर रहे थे तो उस व्यक्ति ने उन्हें एप्रोच किया लेकिन उनके स्टाफ ने उसे रोक लिया लेकिन उन्होंने उसे मिलने के लिए बुला लिया। उस व्यक्ति ने बताया की किस तरह कुछ तत्वों ने उसे उपजाऊ जमीन से वंचित करके बंजर जमीन उसे थमा दी थी और वह काफी सालों से अपने हक के लिए लड़ रहा था। वह खुद मौके पर गए और गरीब आदमी को उसकी जमीन 24 घण्टे के अन्दर वापिस दिलवा

इस पुस्तक में उन्होंने लिखा है कि अर्बन विकास विभाग के सचिव के तौर पर शिमला में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान जब वह सफाई कर्मचारियों से मिले तो उनकी तनख्वाह के बारे में जानकर हैरान रह गए की इतनी कम सैलरी में वह कैसे परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। वह भावनात्मक तौर पर सफाई कर्मचारियों से जुड़ गए और उन्होंने सफाई कर्मचारियों को यह आश्वासन देकर हड़ताल तुड़वा दी की वह सरकार के साथ उनका पक्ष जोरदार तरीके से रखेंगे। लेकिन जब उन्होंने सफाई कर्मचारियों को रियायतें देने का प्रस्ताब रखा तो वित्त विभाग अड़ गया की यह हो ही नहीं सकता क्योंकि दूसरी कैटगरी के कर्मचारी भी उठ खड़े होंगे लेकिन वह सफाई कर्मचारियों  को रियायतें देने के लिए अड़ गए और कैबिनेट मीटिंग में उन्होंने सफाई कर्मचारियों को रियायतें देने के पक्ष में एक तर्कशील नोट दिया जबकि वित्त विभाग ने सफाई कर्मचारियों को रियायतें देने के प्रस्ताव के विरोध में भी जोरदार नोट भेजा। कैबिनेट मीटिंग में दोनों नोट रखे गए और उनके नोट को स्वीकार कर लिया गया जिससे उन्हें असीम शांति मिली।

इस पुस्तक में उन्होंने लिखा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार में विजिलेंस डायरेक्टर के तौर पर उन्हें हाई कोर्ट जजों द्वारा कोर्ट में मनमर्जी से आने और मनमर्जी से जाने की शिकायतें मिलीं जिसपर उन्होंने हाई कोर्ट रजिस्ट्रार को पत्र लिखा लेकिन चीफ जस्टिस ने उन्हें चैम्बर में बुला कर बताया की इस मामले में चीफ जस्टिस ही अधिकृत अथॉरिटी हैं और सरकार का दखल सही नहीं है। उन्होंने अपनी केन्द्र सरकार में विभिन्न पदों पर तैनाती के दौरान अपने अनुभवों को शेयर किया है और लिखा है कि किस तरह राजनैतिक दवाव आदि के बाबजूद उन्होंने अनेक मौकों पर जन कल्याण कारी फैसले कार्यन्वित किए।

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आई.ए.एस. अधिकारी देबशीश प्रुस्ती ने इस पुस्तक के प्रकाशन के लिए हेरिटेज पब्लिकेशन के सी.एम.डी. बी.आर. चावला की सेवाओं की सराहना की और उन्हें धन्यवाद दिया। हेरिटेज  पब्लिकेशन के सी.एम.डी. बी.आर. चावला ने इस पुस्तक के बारे में दिवंगत अशोक कुमार मोहापात्रा से उनकी मुलाकातों का जिक्र किया और कहा की वह उनके व्यवहार और व्यक्तित्व से काफी प्रभावित हुए।

ओडिशा के जगतपुर जिला के मासरला में पैदा हुए अशोक कुमार मोहापात्रा ने उत्कल विश्व विद्यालय से गोल्ड मैडल ग्रहण किया तथा उत्कल विश्व विद्यालय में लेक्चरर की नौकरी शुरू की और बाद में हिमाचल प्रदेश में 1971 बैच के अधिकारी तैनात किए गए। इस समारोह में केवल  अशोक कुमार मोहापात्रा के परिवार से जुड़े लोगों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। इसमें उनके बैचमेट रहे अधिकारियों और उनके करीबी लोगों को आमंत्रित किया गया था।

इस अवसर पर उनके साथ काम कर चुके अधिकारियों ने अपने अनुभब सांझा किए और उन्हें भावभीनी  श्रधांजलि अर्पित की। इस अवसर पर आये अतिथियों ने उनकी धर्मपत्नी वन्दना मोहपात्रा से मिलकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए और दिवंगत अशोक कुमार मोहापात्रा के व्यक्तित्व के अनेक क्षण सांझा किए जिससे माहौल भावुक होता रहा।

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