राष्ट्रीय प्रतीक सत्यमेव जयते का सरेआम अपमान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Jan, 2018 01:40 PM

satyamev jayate

‘अशोक चिन्ह’ भारत का राष्ट्रीय प्रतीक है। इसको सारनाथ के अशोक स्तम्भ से लिया गया है जिसे 26 जनवरी 1950 में भारत सरकार द्वारा अपनाया गया था। इस प्रतीक के नीचे सत्यमेव जयते देवनागरी लिपि में अंकित है जिसका अर्थ है केवल सच्चाई की विजय होती है, लेकिन...

जलालाबाद (गोयल): ‘अशोक चिन्ह’ भारत का राष्ट्रीय प्रतीक है। इसको सारनाथ के अशोक स्तम्भ से लिया गया है जिसे 26 जनवरी 1950 में भारत सरकार द्वारा अपनाया गया था। इस प्रतीक के नीचे सत्यमेव जयते देवनागरी लिपि में अंकित है जिसका अर्थ है केवल सच्चाई की विजय होती है, लेकिन फाजिल्का के संजीव सिनेमा चौक में लगे अशोक चिन्ह की सच्चाई प्रशासन की बड़ी लापरवाही को दर्शा रही है। इसका कारण यह है कि इस राष्ट्रीय व सम्मान के प्रतीक की सफाई की तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस कारण कुछ समय पूर्व स्थापित किए गए इस प्रतीक पर भारी मिट्टी जम चुकी है और प्रतीक खराब होना शुरू हो गया है। इस संबंधी कुछ लोगों ने बताया कि फाजिल्का के डी.सी. काम्पलैक्स से कुछ मीटर की दूरी पर स्थापित होने के बावजूद राष्ट्रीय प्रतीक सत्यमेव जयते की साफ-सफाई की तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जबकि हैरानी की बात यह है कि उक्त जगह से प्रतिदिन जिला अधिकारियों से लेकर कई अधिकारियों का गुजरना होता है।

प्रत्येक अधिकारी की जिम्मेदारी: ए.डी.सी.
इस संबंधी फाजिल्का के अतिरिक्त जिला उपायुक्त बलबीर सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस बारे में प्रत्येक अधिकारी की जिम्मेदारी बनती है कि वे राष्ट्रीय प्रतीक का सम्मान करें। अगर कोई इसे अनदेखा कर रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्रतीक की साफ-सफाई और सम्मान का पूरा ध्यान रखा जाएगा। 

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!