Edited By kahkasha,Updated: 19 May, 2023 10:18 AM
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गुलशन देवैया और सैयामी खेर स्टारर फिल्म 8 Am मेट्रो शुक्रवार 19 मई को रिलीज हो गई है। फिल्म देखने से पहले पढ़े ये रिव्यू
फिल्म- 8Am मेट्रो ( 8 am Metro)
डायरेक्टर- राज राचाकोंडा (Raj Rachakonda)
स्टारकास्ट- गुलशन देवैया (Gulshan Devaiah), सैयामी खेर (Saiyami Kher), उमेश कामत (Umesh Kamat), कप्लिका गणेश (Kaplika Ganesh), निमिशा नायर (Nimisha Nair)
रेटिंग- 3.5
8 Am Metro Review: ओटीटी की दुनिया में बेहतरीन अदाकारी से सभी के दिलों में घर बनाने वाले गुलशन देवैया और एक्ट्रेस सैयामी खेर स्टारर फिल्म 8 Am मेट्रो शुक्रवार 19 मई को रिलीज हो गई है। वैसे तो इस फिल्म के बारे में कम ही लोग जानते होंगे। लेकिन जब आप ये फिल्म देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि आप क्या कुछ खो रहे हैं। दरअसल, ये फिल्म पेनिक अटैक, डिप्रेशन और एंजाइटी जैसे प्रॉब्लम्स पर आधारित है। जो आज के समय में बहुत आम हो गई हैं। बता दें कि, सैयामी खेर इस फिल्म में एक हाउसवाइफ इरावती की भूमिका हैं। वहीं, गुलशन देवैया एक आम आदमी प्रीतम का किरदार निभा रहे हैं।
कहानी
फिल्म की कहानी इरावती और प्रीतम के इर्दगिर्द घूमती है। इरावती एक हाउसवाइफ है जो अपने पति और बच्चों के साथ महाराष्ट्र में एक सधारण सी जिंदगी गुजार रही है। इरावती को लिखने का काफी शौक है वह जब घर के कामों से फ्री होती, तो अपनी फिल्टर कॉफी की चुस्कियां लेते हुए कविताएं लिखने लगती है। इसी बीच इरा की बहन जो हैदराबाद में रहती है, इरा को अपनी बेबी डिलवरी के लिए बुलाती है। लेकिन यहां एक परेशानी आती है, इरा को ट्रेन से बहुत डर लगता है वह अपने पति को कहती हैं कि उसे छोड़ आए। लेकिन पति के पास वक्त नही होता और वह इरा को अकेले जाने के लिए कहता है। जिसके बाद इरा डरती सहमती अकेले ट्रेन से हैदराबाद पहुंच जाती है। जहां वह अपनी बहन के पास हॉस्पिटल जाती है। यहां आने के बाद इरा को रोज अपनी बहन के लिए टिफिन लेके जाना होता है। जिसके लिए वह दोबारा बहन के कहने पर अपने डर से लड़ती हुई मेट्रो का सफर तय करने की कोशिश करती है। यहीं पहले दिन मेट्रो के देख इरा घबरा जाती है, पसीने से तर-बतर हो जाती है और यहां उसकी मदद को आता है प्रीतम (गुलशन देवैया)। प्रीतम एक बैंक मैनेजर है। उस दिन से वह इरा के रोजाना 8 am मेट्रो सफर का साथी बनता है। यहां खास बात ये है कि प्रीमत को कविता पढ़ने का शौक है और इरा को लिखने का। जिसके बाद रोजाना दोनों एक दूसरे के साथ अपनी कविताएं और नॉलेज शेयर करते हैं। अब दोनों की ये दोस्ती और बॉन्डिंग कहा तक जाती है, ये देखने के लिए थिएटर में जाना होगा।
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एक्टिंग
गुलशन देवैया और सैयामी खेर दोनों ही काफी मंझे हुए कलाकार हैं। इस फिल्म में भी उन्होंने अपने इस टाइटल को बखूबी दिखाया है। एक सीधे और आम आदमी के किरदार में प्रीतम इस तरह फिट हुए हैं कि, एक बार तो आप एक्टर गुलशन को भूल जाएंगे और सिर्फ प्रीतम को याद रखेंगे। वहीं, इरावती के किरदार में सैयामी ने अपने आपको पूरी तरह झोंक दिया है। दोनों की एक्टिंग एकदम रियल सी लगती है। बाकी कलाकारों की बात करें तो, कम स्क्रीन स्पेस मिलने के बाद भी सभी ने अपनी छाप छोड़ी है।
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डायरेक्शन
राज राचकोंडा ने सिनेमैटिकली फिल्म का रिप्रेजेंटेशन काफी अच्छा किया है। पूरी फिल्म में आपको हर एक सीन एकदम रियल लगेगा। चाहे फिर वो हैदराबाद का सीन हो या मेट्रो में सफर कर रहे प्रीमत और इरावती का। आप अपने आप को खुद इस सीन में महसूस कर सकते हैं। वहीं, जिस तरह से बैकग्राउंड में कविताएं चल रही हैं वह आपको बहुत सुकुन देती है। कहानी सिंपल लेकिन डायरेक्शन से ये काफी दमदार हैं।
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