मनप्रीत बादल ने षड्यंत्र रचकर लाइब्रेरी को खत्म करना चाहा: जत्थे. दादूवाल

Edited By Vatika,Updated: 14 Jan, 2020 11:12 AM

sant baljeet singh daduwal

सिविल लाइन क्लब का मामला एक बार फिर गहराता जा रहा है। क्लब में बने गुरु नानक लाइब्रेरी हाल के बोर्ड पर काला रंग फेर दिया

बठिंडा (विजय): सिविल लाइन क्लब का मामला एक बार फिर गहराता जा रहा है। क्लब में बने गुरु नानक लाइब्रेरी हाल के बोर्ड पर काला रंग फेर दिया, जिसे लेकर बलजीत सिंह दादूवाल ने जिलाधीश बठिंडा व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल पर निशाना साधते हुए उन पर आरोप लगाया कि इन्होंने षड्यंत्र रचकर लाइब्रेरी को खत्म करना चाहा।

वहीं जिलाधीश बठिंडा बी.श्रीनिवासन ने कहा कि लाइब्रेरी को क्लब से अलग कर दिया गया है और रैडक्रास भवन की पुरानी लाइब्रेरी में तबदील कर दिया गया है। इसमें किसी भी प्रकार की कोई साजिश नहीं। दादूवाल ने कहा कि वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल अपनी खानदानी सिख विरोधी रिवायतों पर पहरा देता नजर आ रहा है, जिसने सत्ता के अहंकार में सिविल लाइन से गुरु नानक हाल व लाइब्रेरी को खत्म करने का बीड़ा उठाया हुआ है। बादल के इशारे पर डी.सी. बठिंडा ने गुरु साहिब के नाम वाली लाइब्रेरी बोर्ड पर कालिख पोत दी है जो न सिर्फ नियमों के उलट है, बल्कि सिख धर्म के खिलाफ भी है। यह प्रकटावा सरबत खालसा द्वारा तख्त श्री दमदमा साहिब के थापे जत्थे. भाई बलजीत सिंह दादूवाल ने एक प्रैस नोट जरिए किया।

उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी के 500वें प्रकाश पर्व 1969 समय सिविल लाइन एरिया की सांझी जगह पर बने गुरु नानक देव हाल व लाइब्रेरी का नामो-निशान मनप्रीत बादल ने खत्म करने की साजिश रची है जिस तहत लाइब्रेरी के बोर्ड पर कालिख पोत दी है। सुनने में आया है कि गुरु नानक देव साहिब के नाम पर बनी लाइब्रेरी को खत्म कर नशे का अड्डा बनाने के लिए मनप्रीत बादल ने सिविल लाइन क्लब यूनियन से करोड़ों रुपए का चढ़ावा लिया है। इस तरह बादल या अन्य सिख संगठनों को गुरु साहिब की हुई यह बेअदबी भी नजर नहीं आ रही, क्योंकि कुछ संगठन सुखबीर सिंह बादल प्रधान अकाली दल की झोली में पड़ चुकी है और कुछ मनप्रीत सिंह बादल के पीछे चल रही है। उन्होंने कहा कि सिख संगठनों को आगे आकर इस बेअदबी का विरोध करना चाहिए क्योंकि इसके लिए न सिर्फ वित्त मंत्री, बल्कि डी.सी. बठिंडा भी बराबर के जिम्मेदार हैं।

क्या कहते हैं जिलाधीश
सिविल
 लाइन क्लब के विवाद के चलते पहले धारा 145 लगाई गई थी। बाद में धारा 148 के तहत क्लब को जिला प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया था। क्लब के अंदर बनाई गई गुरु नानक देव लाइब्रेरी हाल के मामले को धार्मिक रंगत देने की कोशिश की गई थी, जिसे प्रशासन ने नाकाम कर दिया। उन्होंने कहा कि गुरु नानक लाइब्रेरी हाल को अब सिविल लाइन क्लब की बजाय रैडक्रास भवन में तबदील कर दिया गया है, जिससे यह विवाद खत्म कर दिया गया है। अगर किसी को इस पर आपत्ति है तो वह जिला प्रशासन को लिखित तौर पर भेज सकता है।

 

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