Edited By Kalash,Updated: 11 Jun, 2023 11:58 AM

विभाग के अधिकारियों द्वारा नालों की सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए के कथित भ्रष्टाचार के धंधे को अंजाम दिया जा रहा है
लेहरागागा/मूनक : प्रदेश की आम आदमी पार्टी की सरकार बेशक प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के दावे कर रही है, लेकिन लेहरा अनुमंडल का जल निकासी एवं खनन (ड्रेनेज) विभाग इन दावों की धज्जियां उड़ाता नजर आ रहा है। विभाग के अधिकारियों द्वारा नालों की सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए के कथित भ्रष्टाचार के धंधे को अंजाम दिया जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज जब विभिन्न गांवों से गुजरने वाले लेहरा मेन और बख्शीवाला से निकली कालिया घग्गर शाखा नाले की सफाई के संबंध में विभिन्न स्थानों का दौरा किया गया तो यह देखकर आश्चर्य हुआ कि सफाई के नाम पर एक बड़ी राशि खर्च की गई कहीं दिखाई नही देती, कथित भ्रष्टाचार किया जा रहा है। यह देखा गया कि नाले के मुख्य पुल के नीचे से सफाई का कोई निशान नहीं था। नाले में चल रही मशीन एक तरफ से मिट्टी निकाल कर दूसरी तरफ फैंक रही थी। कई जगह नालों के किनारों पर उगी घास को किनारे पर ही मिट्टी डालकर दबाई जा रही थी।
हैरानी की बात यह है कि मौके पर कोई भी सरकारी अधिकारी/कर्मचारी, ठेकेदार या उनके सलाहकार तक मौजूद नहीं थे, जिससे आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नालों और नालों की सफाई कैसी रही होगी। लेहरा विधानसभा क्षेत्र में नालों की सफाई के नाम पर कथित भ्रष्टाचार की यदि सरकार या संबंधित विभाग निष्पक्ष जांच कराएं तो इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि बड़े खुलासे होंगे, लेकिन अब देखना यह है कि क्या उक्त मामले की जांच के बाद सच्चाई सामने आएगी या फिर जांच के नाम पर या सफाई के नाम पर कथित भ्रष्टाचार का धंधा इसी तरह चलता रहेगा।
ड्रेनेज की सफाई अधिकारियों के लिए सोने की खान, हो जांच : किसान नेता
भ्रमण के दौरान किसान नेता भोला सिंह लाहिल कलां ने कहा कि ड्रेनेज की सफाई अधिकारियों के लिए सोने की खान है क्योंकि अधिकारियों के द्वारा मिट्टी व झाड़-झंखाड़ का कोई स्थायी समाधान नहीं किया जाता है क्योंकि भ्रष्टाचार के कारण मिट्टी व खरपतवार निकलकर ड्रेनेज के किनारों पर फैंक दिया जाता है, जो बाद में फिर ड्रेनेज में फैल जाती है। उन्होंने मामले की जांच की और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
मामला हमारे संज्ञान में आया है, जांच होगी : विधायक गोयल
विधायक गोयल ने कहा कि नालों व नालों की सफाई को लेकर अधिकारियों को ईमानदारी से कार्य करने के सख्त निर्देश दिए हैं। अब मामला संज्ञान में आने पर निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। जांच के दौरान अगर कोई अधिकारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सफाई कार्य में लापरवाही व भ्रष्टाचार करने वाले किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
उक्त मामले को लेकर अधिकारी भी गंभीर नहीं
उक्त मामले में जब संबंधित एक्सियन से बात की गई तो उन्होंने हर बात पर अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि संबंधित अधिकारियों से बात करने के बाद ही कुछ कह सकते हैं। वहीं, संबंधित एस.डी.ओ. ने उक्त मामले पर कोई ठोस जवाब न देते हुए कहा कि सारा काम सही ढंग से हो रहा है, लेकिन मौके पर किसी अधिकारी, कर्मचारी या ठेकेदार के नहीं होने को लेकर उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि ऐसा नहीं हो सकता। इस से यह स्पष्ट है कि उक्त मामले को लेकर अधिकारी भी गंभीर नहीं हैं, क्योंकि मामला काफी हद तक कथित भ्रष्टाचार का है।
अधिकारियों की संपत्ति की हो जांच
उक्त मामले से जुड़े कुछ ठेकेदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि नालों और नालियों की सफाई के मामले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होता है, कार्यों में अधिकारियों की भी हिस्सेदारी होती है, विभाग से जुड़े अधिकारी करोड़पति होते हैं। सालों में बने अधिकारियों की संपत्ति की जांच की जाए तो बड़े खुलासे होंगे।
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