पैटकोक से बढ़ी प्रदूषण की समस्या के सामने विभाग बेबस

Edited By swetha,Updated: 24 Feb, 2020 12:54 PM

pollution problem from patcoke

क्रूड से बनता है पैटकोक

अमृतसर(इन्द्रजीत): पंजाब सरकार द्वारा प्रदूषण कंट्रोल करने को किए गए दावों के बीच महानगर में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है, इसमें मुख्य समस्या वायु प्रदूषण की है जो कारखानों अथवा वाहनों के कार्बन से बढ़ रही है। इस समय अमृतसर में बड़ी संख्या में ऐसे कारखाने हैं जो पैटकोक का इस्तेमाल करते हैं, जिसका घना व जहरीला धुआं कई बीमारियों को जन्म देता है। हालांकि सरकार द्वारा कई प्रदेशों में पैटकोक बंद करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन पंजाब सरकार की ओर से इसे बंद करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया गया है जिससे इसका जहरीला धुआं सांसों में जहर घोल रहा है। ऐसे में पैटकोक से बढ़ी प्रदूषण की समस्या के आगे विभाग भी बेबस हो गया है।

क्रूड से बनता है पैटकोक
पैटकोक क्रूड से बनता है। जब क्रूड को साफ किया जाता है तो उसमें से पैट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल, विमानों का ईंधन, मोबिल आयल आदि निकलते हैं, जो बचा हुआ मैटीरियल होता है उसे तारकोल कहते हैं जो सड़कों पर बिछाई जाती है, लेकिन बड़ी कंपनियां इस मैटीरियल को कैमिकल प्रोसैस देकर कोयले का रूप दे देती हैं। साधारण तौर पर जो कोयला इंडस्ट्री में इस्तेमाल होता है उसे हार्डकोक कहते हैं, जो खदानों से निकलता है। इसे जलाने पर ज्यादा कार्बन वातावरण में नहीं आता, जबकि कारखानेदार पैटकोक का अधिक इस्तेमाल करते हैं। 

कारखानों से सबसे ज्यादा प्रदूषण
विश्व हैल्थ आर्गेनाइजेशन के मुताबिक 51 प्रतिशत कारखानों से, 25 प्रतिशत वाहनों से, 8 प्रतिशत नाड़ से, 12 प्रतिशत घरेलू और 4 प्रतिशत अज्ञात प्रदूषण होता है। इसमें सबसे अधिक कारखानों से प्रदूषण होता है, जबकि देखा जाता है कि नाड़ जलाने पर अधिक शोर शराबा होता है। ऐसा प्रतीत होता है कि पैटकोट जलाने वाले कारखानेदारों को बचाने के लिए ही नाड़ जलाने पर ज्यादा शोर शराबा किया जाता है। 

कारखानों में नहीं काम करते स्क्रबर
कारखानों में पैटकोक के प्रदूषण को रोकने के लिए स्क्रबर लगाए जाते हैं, जिनके जरिए पैटकोक का जहरीला धुआं साफ होकर वातावरण में जाता है और इसके सल्फ्यूरिक एसिड जैसे तत्व नष्ट हो जाते हैं, लेकिन देखा जाता है कि ज्यादातर कारखानों में स्क्रबर काम ही नहीं करते हैं। 

ये कहते हैं पी.पी.सी.बी. के अधिकारी
इस संबंध में पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पी.पी.सी.बी.) अमृतसर के एस.सी. हरबीर सिंह हमेशा की तरह फोन नहीं उठाया, वहीं एक्सियन हरपाल सिंह ने बताया कि जिन कारखानों का प्रदूषण अधिक है उन्हें रोका जा रहा है और जिनके स्क्रबर नहीं चलते उनके चालान किए जाते हैं। वहीं चर्चा में रहने वाले उक्त अधिकारी पर उन्होंने कहा कि ऐसा कोई अधिकारी विभाग में नहीं है।  उन्होंने कहा कि इन दिनों तबादले होने वाले हैं और कई लोग मनचाहे स्थान पाने के इच्छुक होते हैं, इसी कारण कुछ अफवाहे फैलाने वाले लोग झूठ बोलकर मंत्रियों का नाम लेते हैं।

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