राज्यपाल के सवालों का जवाब नहीं दे पाए सी.पी. व डी.सी.

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Oct, 2017 08:43 AM

governor visits slain rss leader  s family

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के रविंद्र गोसाईं हत्याकांड में उस समय नया मोड़ आ गया जब पंजाब के राज्यपाल वजिंद्रपाल सिंह बदनौर सोमवार को संवेदना व्यक्त करने खुद उनके घर पहुंचे।

लुधियाना (महेश): राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के रविंद्र गोसाईं हत्याकांड में उस समय नया मोड़ आ गया जब पंजाब के राज्यपाल वजिंद्रपाल सिंह बदनौर सोमवार को संवेदना व्यक्त करने खुद उनके घर पहुंचे। 
उनके साथ जिलाधीश प्रदीप अग्रवाल व पुलिस कमिश्नर आर.एन. ढोके भी थे। रविंद्र गोसाईं के घर पर पहुंचे राज्यपाल ने वहां मौजूद जिलाधीश और पुलिस कमिश्नर से पूछा कि राज्य अथवा नगर में एक वक्त में दोनों हाथों से पिस्तौल चलाने वाले कितने लोग हैं। क्या उनकी लिस्ट बनाई है अथवा उन्हें चिन्हित किया गया है तो इस बात का जवाब दोनों अधिकारी नहीं दे सके। राज्यपाल ने कहा कि यह काम किसी सामान्य व्यक्ति का नहीं है, जो पी बोर 30 का पिस्तौल होता है, उसको आम आदमी दूसरे वैपन के साथ एक साथ नहीं चला सकता। यह काम किसी प्रशिक्षित शूटर का काम है जो एक वक्त पर दोनों हाथों से वैपन चला सकता है। उन्होंने कहा कि चैक करवाया जाए कि राज्य अथवा नगर में कितने लोगों अथवा गैंगस्टर है जिनके पास हथियार है और एक समय पर दोनों हाथों से हथियार चला सकते हैं। यह सारा कार्यक्रम मीडिया की नजरों से बचा कर किया गया था। इससे पहले डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा भी पीड़ित परिवार से मिलकर गए हैं, लेकिन उन्होंने भी मीडिया के साथ कोई खास बातचीत नहीं की। हालांकि जब डी.जी.पी. और गवर्नर आते हैं तो डी.पी.आर.ओ. की तरफ बकाया प्रैस नोट जारी किया जाता है। 

 

प्रोटोकॉल पर अधिकारियों ने साधी चुप्पी
राज्यपाल जब यहां गोसाईं के घर पहुंचे तो भाजपा के कई नेता उनके इर्द-गिर्द घूमते नजर आए। यह सब पुलिस कमिश्नर और जिलाधीश की नजरों के सामने हो रहा था। राज्यपाल एक संवैधानिक पद है। जिसका संविधान में एक प्रोटोकाल निर्धारित किया गया है। उस प्रोटोकॉल के अनुसार क्या राज्यपाल किसी राजनीतिक पार्टी समॢथत संगठन के घर आ-जा सकता है व उसके साथ राजनीतिक पार्टी के लोग कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। इस संबंध में उच्चाधिकारियों ने चुप्पी साधी हुई है। 

 

अगर एक राजनीतिक दल के लोग राज्यपाल के साथ खड़े हो सकते हैं तो सत्ताधारी पार्टी के विधायक को बुलाया गया था या नहीं। कई ऐसे सवाल हैं जो व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। जबकि इसी शहर में कुछ समय पहले ईसाई धर्म के पादरी सुल्तान मसीह की भी इसी तरह से गोली मारकर हत्या हुई। गवर्नर का वहां न जाना भी कई सवाल खड़े कर रहा है। एक नगर में 2 प्रतिष्ठित लोगों की एक ही तरह गोली मारकर हत्या होती है। गवर्नर का दौरा केवल एक व्यक्ति के घर पर ही हुआ, जबकि दूसरे को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया। इस संबंध में जिलाधीश प्रदीप अग्रवाल का पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन सम्पर्क नहीं हो सका और जिला लोक सम्पर्क अधिकारी ने कहा कि उनको प्रोटोकॉल की कोई जानकारी नहीं है।  

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!