Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Feb, 2018 11:47 AM
24 फरवरी को होने वाले नगर निगम चुनावों की गतिविधियां चरम सीमा पर पहुंच चुकी हैं, लेकिन स्टेट इलैक्शन कमिश्नर व स्थानीय अधिकारियों द्वारा किए गए दावों के उल्ट आचार संहिता के पालन का कहीं नामो-निशान नजर नहीं आ रहा है। इनमें मुख्य रूप से अवैध...
लुधियाना(हितेश): 24 फरवरी को होने वाले नगर निगम चुनावों की गतिविधियां चरम सीमा पर पहुंच चुकी हैं, लेकिन स्टेट इलैक्शन कमिश्नर व स्थानीय अधिकारियों द्वारा किए गए दावों के उल्ट आचार संहिता के पालन का कहीं नामो-निशान नजर नहीं आ रहा है।इनमें मुख्य रूप से अवैध विज्ञापनबाजी का पहलू शामिल है जो पोस्टर, बैनर व होॄडग एक तो सरकारी बिल्डिंगों व खम्भों पर लगे हुए हैं और नगर निगम द्वारा बनाई गई 9 टीमों द्वारा रोजाना अवैध विज्ञापनबाजी पर कार्रवाई करने के बावजूद यह समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है, जिसकी वजह यह है कि सरकारी बिल्डिंगों या खम्भों पर विज्ञापन लगाकर चुनाव प्रचार करने वालों के खिलाफ अब तक डिफैसमैंट ऑफ पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट के तहत एक भी केस दर्ज नहीं किया गया है।यहां तक कि स्टेट इलैक्शन कमिश्नर के आदेशों के बावजूद नगर निगम द्वारा उतारे जा रहे या चारों तरफ लगे हुए अवैध होॄडगों, पोस्टरों व बैनरों का खर्च उम्मीदवारों के खाते में जुडऩा शुरू नहीं हुआ है। इस दौर में अगर सिर्फ इस आऊटडोर प्रचार साम्रगी का खर्च ही जोड़ लिया जाए तो उम्मीदवार अपनी सीमा को पार कर रहे हैं। लेकिन यहां तो नगर निगम द्वारा प्राइवेट बिल्डिंगों पर लगे होॄडगों आदि के लिए बनती फीस वसूलने की जहमत नहीं उठाई जा रही है।
सोशल मीडिया पर भी चुनावों का कब्जा
एक तरफ जहां होर्डिंग, बैनर, पोस्टर व झंडे लगे होने के अलावा उम्मीदवारों द्वारा प्रचार के लिए रैलियां व मीटिंगें करने के कारण शहर में चारों तरफ नगर निगम चुनावों का शोर ही सुनने को मिल रहा है। वहीं दूसरी तरफ चुनावों का असर सोशल मीडिया में भी देखने को मिल रहा है। हर उम्मीदवार में अपनी गतिविधियों को फेसबुक व व्हाट्स एप के जरिए लोगों तक पहुंचाने की होड़ लगी हुई है। जिसे देखो वह फेसबुक पर लाइव हो रहा है और व्हाट्स एप पर थोक में आ रहे मैसेज से लोग उब गए हैं।
होर्डिंग-पोस्टर फाडऩे को लेकर हो रहे झगड़े
नगर निगम चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों का ध्यान उनके होॄडग, बैनर, पोस्टर व झंडे किसी कोने में लगने रह न जाने की तरफ लगा हुआ है। इस मामले में विरोधियों की गतिविधियों पर भी एक-दूसरे उम्मीदवारों की पैनी नजर है, जिसका असर कई जगह होर्डिंग-पोस्टर फाडऩे के रूप में सामने आ रहा है। यहां तक कि इस मुद्दे को लेकर झगड़े तक हो रहे हैं।