Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Feb, 2018 01:42 PM
खुद को आई.पी.एस. अधिकारी बताकर पुलिस और लोगों पर रौब डालने वाले एक नौसरबाज पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया है, जोकि सलेम टाबरी के सरदार नगर इलाके का रहने वाला रूपिंदर सिंह है। फिलहाल अभी तक उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की गई है, परंतु सूत्रों का कहना है...
लुधियाना (महेश/पंकज): खुद को आई.पी.एस. अधिकारी बताकर पुलिस और लोगों पर रौब डालने वाले एक नौसरबाज पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया है, जोकि सलेम टाबरी के सरदार नगर इलाके का रहने वाला रूपिंदर सिंह है। फिलहाल अभी तक उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की गई है, परंतु सूत्रों का कहना है कि जल्द ही पुलिस इसका खुलासा करने जा रही है। इस संबंध में सलेम टाबरी थाने में विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि वह कोई पुलिस अधिकारी नहीं है। पुलिस को शक है कि धौंस जमाने के अतिरिक्त आरोपी पुलिस व लोगों को डराने-धमकाने के अतिरिक्त धन व अन्य वस्तुओं की नाजायज उगाही भी करता है। जिसके खिलाफ सूचना के आधार पर केस दर्ज किया गया है।
वायरलैस पर चले मैसेज से पुलिस भी हैरान
शुक्रवार को पुलिस कंट्रोल रूम से सभी थानों की वायरलैस पर चले एक मैसेज ने सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के कान खड़े कर दिए। मैसेज में सलेम टाबरी एरिया में एक इनोवा कार, जिस पर नीली बत्ती लगी हुई थी, में सवार खाकी वर्दीधारी शख्स, जोकि खुद को आई.पी.एस. अधिकारी बताता था, को तुरंत हिरासत में लेने का आदेश दिया जा रहा था। यही वह वजह थी, जिसने पूरे शहर की पुलिस को हैरान व परेशान कर दिया कि आखिर मामला क्या है।
दरअसल, शुक्रवार को 2 सुरक्षाकर्मियों के साथ मिनी सचिवालय स्थित पुलिस कमिश्नर कार्यालय में आए खाकी वर्दीधारी शख्स, जोकि खुद को 2015 बैच का आई.पी.एस. अधिकारी बताता था, ने पुलिस क्लीयरैंस प्रमाणपत्र लेने के लिए कर्मचारियों से सम्पर्क किया। तत्पश्चात वह लाइसैंसिंग विभाग में जा पहुंचा और कर्मचारियों पर रौब झाडऩे लगा। इस शख्स के हाव-भाव देखकर शंकित हुए कर्मचारियों ने चुपचाप आलाधिकारियों को सारी जानकारी दी, जिन्होंने उसकी मोबाइल पर फोटो लेने व पूछताछ करने के लिए कहा।
इस शख्स ने खुद को यू.पी. काडर का आई.पी.एस. अधिकारी होने की बात कही। इससे पहले कि कर्मचारी इसकी पुष्टि कर पाते मौका मिलते ही वह शख्स वहां से निकल गया। वायरलैस पर चलने वाला मैसेज इसी नकली आई.पी.एस. अधिकारी के लिए था, जोकि लगभग एक वर्ष से विभिन्न सरकारी दफ्तरों में काम करवाने के लिए वर्दी डालकर पहुंचा जाता था। कर्मचारियों द्वारा खींची फोटो की पड़ताल उपरांत साफ हुआ कि आरोपी राहों रोड निवासी रूपिंद्र सिंह मान (35) था।
आरोपी की सच्चाई सामने आते ही कमिश्नरेट में तैनात पुलिस अधिकारी हैरान रह गए, क्योंकि पिछले एक वर्ष से आई.पी.एस. अधिकारी की वर्दी डालकर सरकारी दफ्तरों में घूमने वाले इस आरोपी ने शायद ही किसी अधिकारी से उसके दफ्तर में जाकर मुलाकात न की हो। खाकी की मदद से खाकीधारियों में भी उसने खासी पहचान बनाई हुई थी। सियासी नेताओं को भी वह आई.पी.एस. अधिकारी बनकर मिलता था।
इतना ही नहीं थाना इंचार्जों को भी वह सीधा फोन करके अपने काम करवा रहा था। आरोपी शुक्रवार को जब पुलिस कमिश्नर कार्यालय में 2 सुरक्षाकर्मियों के साथ पहुंचा तो इत्तेफाक से वरिष्ठ अधिकारी अपने दफ्तरों में नहीं थे। जैसे ही उसने लाइसैंसिंग कार्यालय में पहुंचकर रौब झाड़ा तो उसकीच्च्सज्जाई सामने आ गई परंतु भंडा फूटता देख शातिर मिनी सचिवालय से निकल गया।