कोड लगे 4 दिन बीते फिर भी सियासी होर्डिंगों की भरमार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Feb, 2018 01:06 PM

code of conduct

24 फरवरी को होने वाले नगर निगम चुनावों के लिए आचार संहिता लागू हुए 4 दिन बीत चुके हैं। लेकिन 8 फरवरी को नामांकन दाखिल करने के रूप में औपचारिक तौर पर चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले कोड को लागू करवाने की तरफ प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है।

लुधियाना(हितेश): 24 फरवरी को होने वाले नगर निगम चुनावों के लिए आचार संहिता लागू हुए 4 दिन बीत चुके हैं। लेकिन 8 फरवरी को नामांकन दाखिल करने के रूप में औपचारिक तौर पर चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले कोड को लागू करवाने की तरफ प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। इसका सबूत शहर में लगी अवैध सियासी होर्डिंगों की भरमार है। जिसमें सत्ताधारी कांग्रेस के अलावा अकाली-भाजपा, आप व बैंस ग्रुप भी पीछे नहीं हैं। जिनकी तरफ से चुनाव लडऩे के दावेदारों ने हर जगह अपने होर्डिंगों की मंडी सजाई हुई है।नियमों के मुताबिक चुनाव कोड लागू होने के बाद इस तरह के होर्डिंग नहीं लगाए जा सकते। अगर नगर निगम द्वारा कोई होॄडग लगाने की मंजूरी दी भी जाएगी तो वो बोर्ड आधिकारिक रूप में चुनाव चिन्ह अलाट होने के बाद उम्मीदवार के तौर पर ही हो सकते हैं। लेकिन यहां हर पार्टी व उसके दावेदारों में एक-दूसरे से आगे होकर नियम तोडऩे की होड़ लगी हुई है। इसके तहत प्राइवेट बिल्डिंगों के अलावा सरकारी खंभों, चौकों व सड़कों किनारे अवैध सियासी होर्डिंगों का कब्जा है।

कांग्रेस के चक्कर में बाकी पार्टियों को भी मिल रहा फायदा
कमिश्नर ने करीब 2 महीने पहले शहर को अवैध होॄडग मुक्त बनाने का ऐलान किया था। इसके तहत कार्रवाई शुरू भी हुई, लेकिन कांग्रेसियों के होॄडग सामने आने पर इस मुहिम की हवा निकल गई, क्योंकि अगर कांग्रेसियों के बोर्ड उतारने तो फटकार मिलती और कांग्रेस के होर्डिंग लगे रहने दौरान विपक्षी पार्टियों को निशाना बनाने का विरोध होना लाजमी है। इस चक्कर में पडऩे की जगह निगम ने अवैध होर्डिंगों के खिलाफ शुरू की ड्राइव को ही ठंडे बस्ते में डाल दिया।   

कमिश्नर के आदेशों की निकली हवा
चुनाव कोड लागू होने के बाद कमिश्नर ने सभी जोनल कमिश्नरों को बकायदा लिखित आदेश जारी करके अवैध होॄडग, बैनर व झंडे उतारने के निर्देश दिए थे। इस बारे में रिटॄनग अफसरों के साथ तालमेल करके उन्हें भी रोजाना रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया था। लेकिन 2 दिन बीतने के बावजूद शहर में कमिश्नर के आदेशों का कोई असर नजर नहीं आ रहा।

न चालान और न कोई पर्चा 
अगर नियमों की बात करें तो बिना मंजूरी के लगे होॄडग के लिए चालान डालना जरूरी है। इसके तहत 50 हजार तक का जुर्माना हो सकता है। इसी तरह सरकारी खंभों आदि पर होॄडग लगाने के आरोप में डिफेसमैंट ऑफ पब्लिक प्रापर्टी एक्ट का केस दर्ज हो सकता है। लेकिन निगम के पास ऐसी कार्रवाई का कोई रिकार्ड नहीं है।
 

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