Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 03:51 PM
ड्ढे नाले को प्रदूषणमुक्त बनाने का कई दशकों से लटक रहा मामला हल करने का जिम्मा केन्द्र सरकार ने अब अपने हाथों में ले लिया है। इसके तहत उठाए जाने वाले कदमों बारे रिपोर्ट देने के लिए नीरी की टीम जल्द ही महानगर का दौरा भी करेगी।यहां बताना उचित होगा कि...
लुधियाना(हितेश): बुड्ढे नाले को प्रदूषणमुक्त बनाने का कई दशकों से लटक रहा मामला हल करने का जिम्मा केन्द्र सरकार ने अब अपने हाथों में ले लिया है। इसके तहत उठाए जाने वाले कदमों बारे रिपोर्ट देने के लिए नीरी की टीम जल्द ही महानगर का दौरा भी करेगी।यहां बताना उचित होगा कि बुड्ढे नाले का कैमीकलयुक्त पानी सतलुज के जरिए मालवा व राजस्थान तक जाकर कैंसर तो पहले ही फैला रहा था। लेकिन अब नाले के साथ लगते इलाकों में रहने वाले लोग भी गंभीर बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं। जिसे लेकर काफी देर से हाईकोर्ट व नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में चल रहे केसों के तहत लगातार आदेश जारी किए जा रहे हैं। जबकि उन पर अमल के नाम पर कोई पुख्ता कदम न उठाए जाने के कारण हालात में फर्क नजर नहीं आ रहा।इसकी वजह बुड्ढे नाले में बिना ट्रीटमैंट के सीधा गिर रहे सीवरेज के अलावा डाइंगों व औद्योगिक यूनिटों के जहरीले पानी को बताया जाता है। इस समस्या के हल के नाम पर सरकारी व प्राइवेट तौर पर डाइंगों के लिए ताजपुर रोड पर अलग से नए सी.ई.टी.पी. बनाने सहित नगर निगम के 3 पुराने सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों की अपग्रेडेशन की योजनाएं तो काफी समय पहले से बनी हुई हैं। लेकिन एक के बाद एक रूकावटों के चलते वो प्रोजैक्ट मुकम्मल होने का नाम नहीं ले रहे।उपरोक्त हालातों के मद्देनजर केन्द्र सरकार ने बुड्ढे नाले को प्रदूषणमुक्त बनाने का कंट्रोल सीधा अपने हाथों में ले लिया है। इसके तहत नैशनल इंवायरमैंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट नागपुर को कमान संभाली गई है। जिनकी टीम जल्द महानगर में विभिन्न प्वाइंटों का दौरा करके बुड्ढे नाले में फैले प्रदूषण के हालात का जायजा लेगी और उसकी वजह जानकर समस्या के हल के लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर रिपोर्ट तैयार करके केन्द्र सरकार को सौंपी जाएगी।
डिस्चार्ज के मुद्दे पर अटका है एस.टी.पीज का अपग्रेडेशन
केन्द्र ने जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन के तहत चल रहे ऐसे प्रोजैक्टों को पूरा करने के लिए अटल मिशन के तहत ग्रांट देने का फैसला किया है। जिनका काम 50 फीसदी से ज्यादा पूरा हो चुका हो। इनमें महानगर को सौ फीसदी सीवरेज की सुविधा देने का पहलु भी शामिल है। इसके तहत तैयार की गई रिपोर्ट में नगर निगम ने सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों का अपग्रेडेशन का पहलु भी शामिल किया है। जो एस.टी.पीज के ओवरलोड होने कारण बुड्ढे नाले में सीधा गिर रहे सीवरेज के पानी को रोकने के लिए सबसे जरूरी है। लेकिन करीब 491 करोड़ की यह योजना पानी का डिस्चार्ज तय करने के मुद्दे पर अटकी हुई है, क्योंकि नगर निगम इस समय डेढ़ सौ लीटर प्रति व्यक्ति रोजाना पानी देने के नियम के उलट करीब 250 लीटर पानी की सप्लाई दे रहा है। जिसमें कटौती करने पर ही केन्द्र द्वारा ग्रांट मंजूर की जाएगी।
कब होगा ई.आई.एल. की डी.पी.आर. पर फैसला
बुड्ढे नाले को प्रदूषणमुक्त बनाने के नाम पर अब तक हुई कवायद में एक नाम इंजीनियरिंग इंडिया लिमिटेड का भी आता है। जिनमें दिल्ली में यमुना की सफाई का प्रोजैक्ट किया है। ई.आई.एल. की टीम ने बुड्ढ नाला का सर्वे करके जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें एस.टी.पीज की अपग्रेडेशन के अलावा नाले के किनारे इंटरसैप्टर लाइन बिछाकर सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों तक ले जाने का प्रस्ताव शामिल है। लेकिन 1333 करोड़ की लागत के आंकड़े के कारण इस योजना पर अमल का फैसला नहीं हो रहा।
स्मार्ट सिटी के तहत भी बन रहा है प्रस्ताव
केन्द्र ने बुड्ढा नाला की कायाकल्प का प्रोजैक्ट स्मार्ट सिटी के तहत सिरे चढ़ाने का विचार बनाया हुआ है। इसके संकेत शहरी विकास सचिव ने गत दिनों अमृतसर में हुई कांफ्रैंस के दौरान लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू की मौजूदगी में यह कहकर दे दिए थे कि नगर निगम को प्रस्ताव बनाकर लाए, केन्द्र द्वारा विचार किया जाएगा। उसकी शुरूआत अब नीरी की टीम को भेजने से हो गई है, क्योंकि नीरी को स्मार्ट सिटी के तहत चुने गए लुधियाना व अमृतसर का दौरा करने के लिए कहा गया है।