Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Mar, 2018 12:52 PM
13 अप्रैल 1919 को खून की होली से आंचल भिगोने वाला जलियांवाला बाग के कलेजे में मंगलवार को उस समय ठंडक मिलेगी, जब मुख्य गेट पर जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला लेने वाले शहीद ऊधम सिंह का बुत लगेगा। 11 फुट ऊंचा बुत ठीक उस स्थान पर लगा रहा है, जहां से...
अमृतसर(स.ह./नवदीप): 13 अप्रैल 1919 को खून की होली से आंचल भिगोने वाला जलियांवाला बाग के कलेजे में मंगलवार को उस समय ठंडक मिलेगी, जब मुख्य गेट पर जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला लेने वाले शहीद ऊधम सिंह का बुत लगेगा। 11 फुट ऊंचा बुत ठीक उस स्थान पर लगा रहा है, जहां से जनरल डायर अपनी सेना के साथ बाग में घुसा था।
जहां जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला लेने वाले उस शहीद का बुत देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ-साथ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के साथ-साथ कई बड़ी हस्तियां व अंतर्राष्ट्रीय सर्व कम्बोज समाज के करीब 60 हजार लोग पहुंच रहे हैं। जहां एक तरफ जलियांवाला बाग को सम्मान मिल रहा है, वहीं 10 सालों में बाग की स्थिति क्या रही और बाग को लेकर कितनी सियासत गंभीर रही, बाग पर सियासत कैसे होती रही है, यह पंजाब केसरी की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में आपको अंदाजा हो जाएगा।
3 सालों से मांगा जा रहा है बैठकों का ब्यौरा
मैंने पिछले दस सालों में उक्त ट्रस्ट की होने वाली बैठकों का ब्यौरा पिछले 3 सालों से मांग रहा हूं, लेकिन आर.टी.आई. में मुझे जानकारी नहीं दी जा रही है। मैंने अब ली में अपील की है। यह कहते हुए आर.टी.आई. एक्टिविस्ट एडवोकेट पी.सी. शर्मा ने आशंका जाहिर करते कहा कि जलियांवाला बाग को हर साल लाखों की आय व डोनेशन मिलते हैं, बिना ट्रस्टी के बैठक के आखिर खाते ऑडिट कैसे होते रहे हैं, यह जानकारी भी मांगी है।
केवल कागजों में ही चल रहा है ट्रस्ट
उन्होंने कहा कि ट्रस्ट केवल कागजों में चल रहा है, कोई बैठक नहीं हुई है। अगर बैठक हुई है तो उसके दस्तावेज दिए जाएं। चौकाने वाली बात है कि ट्रस्ट अपना बही खाते अमृतसर के बजाय दिल्ली से ऑडिट करवा रहा है, जो दस्तावेज उन्हें आर.टी.आई. में मिले हैं। आर.टी.आई. में मुझे खर्च का ब्यौरा तो दे दिया गया, लेकिन बैठकें कब-कब हुईं कोई बताने को तैयार नहीं है। उधर, पंजाब केसरी संवाददाता ने उक्त विषय पर ट्रस्ट के सचिव एस.के. मुखर्जी को कई बार फोन मिलाया, लेकिन घंटी बजती रही, उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
क्या कहना है आर.टी.आई. एक्टिविस्ट एडवोकेट का?
आर.टी.आई. एक्टिविस्ट एडवोकेट पी.सी. शर्मा पंजाब केसरी से बातचीत में कहते हैं कि मैंने प्रधानमंत्री कार्यालय से आर.टी.आई. मांगी है कि जलियांवाला बाग मैमोरियल ट्रस्ट की पिछले दस सालों में कब-कब बैठकें हुईं। द जलियांवाला बाग नैशनल मैमोरियल एक्ट-1951 के तहत इस ट्रस्ट के 6 स्थायी ट्रस्टी व 3 अस्थायी ट्रस्टी होते हैं। इनमें मौजूदा देश का प्रधानमंत्री, कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष, मिनिस्टर ऑफ कल्चर, लोकसभा का विपक्ष नेता व पंजाब का राज्यपाल व मुख्यमंत्री। मौजूदा समय में नरेन्द्र मोदी, राहुल गांधी, कैप्टन अमरिंद्र सिंह ट्रस्टी हैं और जब तक इनके पास पद हैं बनें रहेंगे, लेकिन उक्त छह ट्रस्टियों द्वारा मनोनीत अंबिका सोनी, वीरेन्द्र कटारिया व एच.एस. हंसपाल का कार्यकाल 24 मार्च 2018 को खत्म हो रहा है।